पिछले कुछ दिनों से Shashi Tharoor कांग्रेस पार्टी में चर्चाओं के केंद्र में हैं। सोशल मीडिया पर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि थरूर ने साफ कहा है कि वह एक निर्वाचित सांसद हैं और अभी उनके कार्यकाल के चार साल बाकी हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के सवाल उठाना गलत है और वह कांग्रेस में ही हैं।
दुनिया भर में भारत की नीति रख रहे हैं थरूर
शशि थरूर इस समय भारत की एक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं जो विभिन्न देशों में जाकर भारत की आतंकवाद और पाकिस्तान को लेकर नीति को स्पष्ट कर रहा है। इसी बीच कई कांग्रेस नेताओं को लगता है कि वह अब भाजपा की भाषा बोलने लगे हैं। यही वजह है कि पार्टी के ही कई नेता थरूर पर निशाना साध रहे हैं और उन्हें बीजेपी का प्रवक्ता तक बता रहे हैं।
कांग्रेस नेता उदित राज ने कहा कि कांग्रेस ने थरूर को बहुत कुछ दिया लेकिन अब वह पार्टी के खिलाफ बयान देकर साफ कर चुके हैं कि उन्हें कांग्रेस की भलाई की चिंता नहीं है। पवन खेड़ा ने थरूर पर आरोप लगाया कि उन्होंने पहले सर्जिकल स्ट्राइक की आलोचना की थी और अब उसी का गुणगान कर रहे हैं। उन्होंने थरूर को बीजेपी का सुपर प्रवक्ता तक कह डाला जिससे विवाद और बढ़ गया।
बीजेपी ने थरूर की जमकर तारीफ की
जहां एक तरफ कांग्रेस थरूर को लेकर नाखुश नजर आ रही है वहीं बीजेपी उनकी खुलकर तारीफ कर रही है। बीजेपी का कहना है कि थरूर विपक्ष के नेता होते हुए भी अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं और वह बेहद ईमानदारी से भारत का पक्ष रख रहे हैं। बीजेपी का यह भी कहना है कि कांग्रेस अपने ही नेताओं पर भरोसा नहीं कर पा रही है और यही पार्टी की सबसे बड़ी कमजोरी है।
शशि थरूर के भाजपा में शामिल होने को लेकर अब भी कई सवाल उठ रहे हैं। हालांकि उन्होंने खुद इन सभी अटकलों को खारिज किया है लेकिन उनके पार्टी नेताओं के साथ लगातार बढ़ते मतभेद इस मुद्दे को और हवा दे रहे हैं। सवाल यह भी है कि क्या कांग्रेस में थरूर जैसे वरिष्ठ नेताओं के लिए अब जगह बची है या वह खुद को पार्टी में अकेला महसूस कर रहे हैं। यह तो आने वाला समय ही बताएगा कि थरूर कांग्रेस में बने रहेंगे या कोई नया रास्ता चुनेंगे।