Uttarakhand News: उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले में बुधवार सुबह एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर फकोट के पास ताछला मोड़ पर कांवड़ भंडारा सामग्री ले जा रहा एक ट्रक अचानक अनियंत्रित होकर पलट गया। इस भीषण हादसे में तीन कांवड़ यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 18 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। ट्रक इतनी बुरी तरह पलटा कि उसमें सवार लोग नीचे दब गए। कई यात्रियों को ट्रक के मलबे से निकालने के लिए पुलिस, SDRF और स्थानीय लोगों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। यह हादसा न केवल कांवड़ यात्रियों के लिए एक त्रासदी है, बल्कि उत्तराखंड के पहाड़ी रास्तों की खतरनाक स्थिति को भी उजागर करता है।
चार साल के नकुल का चमत्कार
इस भयानक हादसे के बीच एक ऐसी घटना हुई, जिसे लोग ‘दैवीय चमत्कार’ कह रहे हैं। ट्रक में सवार चार साल का मासूम बच्चा नकुल पूरी तरह सुरक्षित बच गया। जहां ट्रक के नीचे दबे यात्रियों के शरीर खून से लथपथ थे, वहीं नकुल को एक खरोंच तक नहीं आई। जब उसे ट्रक के मलबे से सुरक्षित निकाला गया, तो मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। नकुल उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के सनियौं की बड़ी, चौपाल मोहल्ला, कस्तवारा, सिकंदराबाद का रहने वाला है। उसकी इस सलामती ने सभी को हैरान कर दिया और लोगों ने इसे भगवान शिव का आशीर्वाद माना। यह छोटी सी कहानी इस दुखद हादसे में एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आई।
हरिद्वार जा रहे थे कांवड़ यात्री
हादसे का शिकार हुए सभी कांवड़ यात्री दिल्ली और हरियाणा से हरिद्वार जा रहे थे। ये लोग उत्तराखंड के हर्षिल में कांवड़ भंडारा की सेवा में हिस्सा लेने के लिए ट्रक (रजिस्ट्रेशन नंबर UP 13 BT 8739) में सवार थे। ये यात्री बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के सनियौं की बड़ी, चौपाल मोहल्ल, कस्तवारा, सिकंदराबाद के रहने वाले थे। ट्रक में कुल 19 लोग सवार थे, जो सेवा और भक्ति के जज्बे के साथ यात्रा कर रहे थे। लेकिन ताछला मोड़ पर ट्रक अनियंत्रित होकर सड़क किनारे पलट गया। कई यात्री ट्रक के नीचे दब गए, और हादसा इतना भयानक था कि राहत और बचाव कार्य में घंटों लग गए। इस हादसे ने कांवड़ यात्रा की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
त्वरित राहत और बचाव कार्य
हादसे की सूचना मिलते ही नरेंद्रनगर पुलिस, स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) और स्थानीय लोग मौके पर पहुंचे। राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू किया गया। स्थानीय लोगों ने यात्रियों के चीखने की आवाज सुनकर सबसे पहले मदद के लिए दौड़ लगायी और प्रशासन को सूचित किया। जेसीबी मशीन की मदद से पलटे हुए ट्रक को सीधा किया गया और फंसे हुए लोगों को निकाला गया। घायलों को तुरंत फकोट के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से गंभीर रूप से घायल चार लोगों को AIIMS ऋषिकेश रेफर किया गया। बाकी घायलों का इलाज नरेंद्रनगर के उप-जिला अस्पताल में चल रहा है। मृतकों की पहचान विक्की, सुनील सैनी और संजय के रूप में हुई है।
सीएम धामी ने जताया दुख
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर जाजल फकोट के पास ट्रक हादसे की दुखद खबर मिली है। मैं भगवान से मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।” उन्होंने जिला प्रशासन को घायलों को हर संभव इलाज देने के निर्देश दिए। टिहरी की जिला मजिस्ट्रेट नितिका खंडेलवाल ने बताया कि हादसा खाड़ी से दो किलोमीटर आगे हुआ। प्रशासन ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया और सभी यात्रियों को ट्रक के नीचे से सुरक्षित निकाल लिया गया। सीएम ने यह भी सुनिश्चित किया कि गंभीर घायलों को हेलीकॉप्टर से AIIMS ऋषिकेश ले जाया जाए।
हादसे का कारण अभी अस्पष्ट
नरेंद्रनगर थाने के प्रभारी संजय मिश्रा ने बताया कि यह हादसा सुबह करीब 9 बजे ताछला मोड़ पर हुआ, जो फकोट और जाजल के बीच है। ट्रक ऋषिकेश से हर्षिल की ओर जा रहा था। उन्होंने कहा कि हादसे का सटीक कारण अभी पता नहीं चल सका है, लेकिन प्रारंभिक जांच में लगता है कि चालक ने तीखे ढलान पर वाहन से नियंत्रण खो दिया, जिसके चलते ट्रक सड़क किनारे पलट गया। सौभाग्य से ट्रक गहरी खाई में नहीं गिरा, वरना हादसा और भयावह हो सकता था। यह घटना उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में सड़कों की खराब स्थिति और मानसून के दौरान यात्रा के खतरों को उजागर करती है। कांवड़ यात्रा और चार धाम यात्रा के दौरान प्रशासन से सख्त सुरक्षा दिशा-निर्देश और सड़क सुधार की मांग बढ़ गई है।