Titan Shares: टाटा ग्रुप की कंपनी टाइटन के शेयर्स में मंगलवार को शानदार तेजी देखने को मिली, और इसका श्रेय जाता है ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मैक्वायरी को, जिसने टाइटन के शेयर्स पर अपनी ‘आउटपरफॉर्म’ रेटिंग बरकरार रखी। इतना ही नहीं, मैक्वायरी ने टाइटन के शेयर्स का टारगेट प्राइस भी बढ़ाकर 4,150 रुपये कर दिया, जो इसके पिछले बंद भाव से करीब 18 फीसदी ज्यादा है। यह खबर निवेशकों के लिए किसी तोहफे से कम नहीं, क्योंकि टाइटन की जूलरी सेगमेंट में मजबूत ग्रोथ की उम्मीदें बाजार में उत्साह पैदा कर रही हैं। टाइटन की ब्रांड वैल्यू और मार्केट में उसकी पकड़ ने इसे निवेशकों का पसंदीदा बनाया है, और इस रेटिंग ने उस भरोसे को और मजबूत किया है।
मैक्वायरी का कहना है कि भले ही ग्लोबल मार्केट में सोने की कीमतें आसमान छू रही हों, लेकिन मौजूदा तिमाही में जूलरी की डिमांड में कोई कमी नहीं दिख रही। उनका अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही में टाइटन की जूलरी रेवेन्यू और EBIT (अर्निंग्स बिफोर इंटरेस्ट एंड टैक्स) में 21 फीसदी तक की उछाल देखने को मिल सकती है। ब्रोकरेज का मानना है कि टाइटन के ब्रांडेड जूलरी सेगमेंट में कंज्यूमर्स की संख्या लगातार बढ़ रही है। लोग अब अनब्रांडेड जूलरी की जगह टाइटन जैसे भरोसेमंद ब्रांड्स को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। यह ट्रेंड टाइटन के लिए लंबे समय तक फायदेमंद साबित हो सकता है, क्योंकि भारत में जूलरी मार्केट का विस्तार तेजी से हो रहा है।
टाइटन के जूलरी ब्रांड्स की रफ्तार
टाइटन भारत के जूलरी मार्केट में 7 फीसदी हिस्सेदारी रखता है, और पिछले 15 सालों में यह सेगमेंट 13 फीसदी की सालाना चक्रवृद्धि दर (CAGR) से बढ़ा है। टाइटन के पॉपुलर ब्रांड्स जैसे तनिष्क, मिया, और जोया हर साल नए मुकाम हासिल कर रहे हैं। इन ब्रांड्स की कामयाबी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला की पत्नी रेखा झुनझुनवाला ने टाइटन में 5.17 फीसदी हिस्सेदारी ले रखी है। उनके पोर्टफोलियो में टाइटन के कुल 45,793,470 शेयर्स हैं। टाइटन की यह ग्रोथ और ब्रांड्स की बढ़ती पॉपुलैरिटी इसे मार्केट में एक मजबूत खिलाड़ी बनाती है। कंपनी की रणनीति और क्वालिटी प्रोडक्ट्स ने इसे हर वर्ग के कंज्यूमर्स के बीच पसंदीदा बनाया है।
ब्रांड पर लोगों का अटूट भरोसा
आजकल इरान और इजरायल के बीच युद्ध और ग्लोबल इकोनॉमिक अनिश्चितताओं की वजह से सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। अप्रैल में सोना 3,500 डॉलर प्रति औंस की ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गया था। इसके बावजूद, टाइटन का हाई-वैल्यू जूलरी सेगमेंट में कंज्यूमर बेस मजबूत बना हुआ है। लोग टाइटन के प्रोडक्ट्स पर भरोसा करते हैं, और यह भरोसा कंपनी की क्वालिटी, डिजाइन, और ट्रांसपेरेंसी से आता है। चाहे शादी-ब्याह हो या गिफ्टिंग, तनिष्क और जोया जैसे ब्रांड्स हर खास मौके पर लोगों की पहली पसंद बनते हैं। टाइटन की यह ताकत उसे मार्केट में बाकियों से अलग करती है, और यही वजह है कि हाई गोल्ड प्राइसेज के बावजूद उसकी डिमांड बरकरार है।
मार्च तिमाही में कंपनी का प्रदर्शन
टाइटन ने मार्च 2025 की तिमाही में शानदार नतीजे पेश किए। इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 870 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही के मुकाबले 11 फीसदी ज्यादा है। कंपनी का ऑपरेशनल रेवेन्यू 20 फीसदी बढ़कर 13,477 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। खास तौर पर जूलरी बिजनेस ने कमाल दिखाया, जिसमें रेवेन्यू 25 फीसदी बढ़कर 11,232 करोड़ रुपये हो गया। इस ग्रोथ में गोल्ड कॉइन्स की बिक्री में 30 फीसदी और स्टडेड जूलरी की बिक्री में 12 फीसदी की बढ़ोतरी का बड़ा योगदान रहा। टाइटन के इन नतीजों ने निवेशकों का भरोसा और बढ़ाया, और मैक्वायरी की रेटिंग ने इस उत्साह को दोगुना कर दिया।
शेयरों में उछाल और भविष्य की संभावनाएं
मैक्वायरी की इस बुलिश रेटिंग के बाद बुधवार को टाइटन के शेयर्स में 3.7 फीसदी की तेजी आई, और यह NSE पर 3,659 रुपये के इंट्राडे हाई तक पहुंच गया। यह अपने 52-हफ्तों के हाई 3,866.15 रुपये से अब सिर्फ 5 फीसदी दूर है, जो सितंबर 2024 में देखा गया था। इस साल अप्रैल में शेयर अपने 52-हफ्तों के लो 2,947.55 रुपये तक भी गए थे। पिछले एक साल में टाइटन के शेयर्स ने 3 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न दिया है, और जून में यह 3 फीसदी, मई में 5 फीसदी, और अप्रैल में 10 फीसदी चढ़ा। मैक्वायरी का मानना है कि FY26 में टाइटन की जूलरी EBIT मार्जिन 11-11.5 फीसदी के दायरे में रहेगी, जो कंपनी की प्रॉफिटेबिलिटी को और मजबूत करेगी। टाइटन का यह प्रदर्शन और मार्केट में उसकी पकड़ निवेशकों के लिए लंबे समय तक फायदेमंद साबित हो सकती है।