SEBI Actions On Jane Street: SEBI ने अपनी वेबसाइट पर जारी 105 पेज के अंतरिम आदेश में बताया कि जेन स्ट्रीट ने 1 जनवरी 2023 से 31 मार्च 2025 के बीच भारतीय शेयर बाजार में इंडेक्स ऑप्शंस ट्रेडिंग के जरिए 43,289 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया। इसमें से 4,843.57 करोड़ रुपये को SEBI ने अवैध कमाई करार दिया है। SEBI ने आदेश दिया है कि इस रकम को जेन स्ट्रीट और उसकी सहयोगी कंपनियों, जैसे जेएसआई इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेएसआई2 इनवेस्टमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, जेन स्ट्रीट सिंगापुर प्राइवेट लिमिटेड और जेन स्ट्रीट एशिया ट्रेडिंग लिमिटेड, को मिलकर एक एस्क्रो खाते में जमा करना होगा, जिसमें SEBI का लियन (हक) होगा। इसके साथ ही, SEBI ने बैंकों को निर्देश दिया है कि जेन स्ट्रीट के खातों से कोई भी निकासी बिना SEBI की अनुमति के नहीं हो सकती। यह राशि 4,843,57,70,168 रुपये है, जिसे SEBI ने पूरी तरह जब्त करने का फैसला किया है।
SEBI की जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने बैंक निफ्टी और निफ्टी जैसे इंडेक्स ऑप्शंस में बड़े पैमाने पर ट्रेडिंग करके बाजार में हेरफेर किया। खास तौर पर, जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच 21 समाप्ति (एक्सपायरी) दिनों में जेन स्ट्रीट ने कैश और फ्यूचर्स मार्केट में बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त की, ताकि इंडेक्स की कीमतों को प्रभावित किया जा सके। उदाहरण के लिए, 17 जनवरी 2024 को जेन स्ट्रीट ने सुबह के समय बैंक निफ्टी के स्टॉक्स और फ्यूचर्स में 4,370 करोड़ रुपये की खरीदारी की और दोपहर बाद इन्हें 5,372 करोड़ रुपये में बेच दिया, जिससे बैंक निफ्टी इंडेक्स में गिरावट आई। इस दौरान जेन स्ट्रीट ने 32,115 करोड़ रुपये की बेयरिश (मंदी) पोजीशन बनाई, जिससे उसे 735 करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ। SEBI ने इसे ‘प्रथम दृष्टया धोखाधड़ी और हेरफेर’ करार दिया, जो कि निषिद्ध धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार (PFUTP) नियमों का उल्लंघन है।
जेन स्ट्रीट का जवाब और रणनीति
जेन स्ट्रीट ने SEBI के इस अंतरिम आदेश का विरोध किया है और कहा है कि वह SEBI के साथ आगे बातचीत करेगी। कंपनी के प्रवक्ता ने कहा, “जेन स्ट्रीट दुनिया भर में सभी नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध है।” SEBI ने जेन स्ट्रीट को इस आदेश के खिलाफ 21 दिनों के भीतर जवाब देने या सिक्योरिटीज अपीलेट ट्रिब्यूनल में अपील करने का मौका दिया है। SEBI की जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने दो मुख्य रणनीतियों का इस्तेमाल किया। पहली थी ‘इंट्रा-डे इंडेक्स मैनिपुलेशन’, जिसमें सुबह बड़े पैमाने पर खरीदारी कर इंडेक्स को ऊपर ले जाया जाता था और दोपहर में बिकवाली कर उसे नीचे लाया जाता था। दूसरी थी ‘एक्सटेंडेड मार्किंग द क्लोज’, जिसमें समाप्ति दिन के आखिरी दो घंटों में बड़े पैमाने पर खरीद या बिक्री कर इंडेक्स की समापन कीमत को प्रभावित किया जाता था। इन रणनीतियों से जेन स्ट्रीट ने ऑप्शंस में भारी मुनाफा कमाया, जबकि कैश और फ्यूचर्स में छोटे नुकसान उठाए।
जेन स्ट्रीट: वैश्विक दिग्गज और भारत में कारोबार
जेन स्ट्रीट एक वैश्विक प्रोप्रायटरी ट्रेडिंग फर्म है, जिसकी स्थापना 2000 में हुई थी। यह इक्विटी, बॉन्ड, ईटीएफ और डेरिवेटिव्स में कारोबार करती है और दुनिया के 45 देशों में इसका परिचालन है। इसके 2,600 से ज्यादा कर्मचारी अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैले पांच कार्यालयों में काम करते हैं। भारत में जेन स्ट्रीट ने दिसंबर 2020 से कारोबार शुरू किया और 2023 से 2025 के बीच इसने भारतीय डेरिवेटिव्स बाजार से 2.3 अरब डॉलर (लगभग 19,500 करोड़ रुपये) से ज्यादा का मुनाफा कमाया। SEBI ने पाया कि जेन स्ट्रीट की भारतीय इकाइयां, जैसे जेएसआई इनवेस्टमेंट्स और जेएसआई2 इनवेस्टमेंट्स, इसके अमेरिकी मूल कंपनी जेन स्ट्रीट ग्रुप एलएलसी से जुड़ी हैं और सभी एक सामान्य रणनीति के तहत काम करती थीं। SEBI ने इन इकाइयों को एक ‘संदिग्ध रूप से समन्वित’ तरीके से काम करने का दोषी पाया, जो बाजार की अखंडता के लिए खतरा है।
SEBI का संदेश और बाजार पर असर
SEBI की इस कार्रवाई ने न केवल जेन स्ट्रीट के भारतीय कारोबार को झटका दिया है, बल्कि यह अन्य विदेशी फर्मों, जैसे सिटाडेल सिक्योरिटीज, मिलेनियम और ऑप्टिवर, के लिए भी एक चेतावनी है, जो भारत के तेजी से बढ़ते डेरिवेटिव्स बाजार में सक्रिय हैं। भारत दुनिया का सबसे बड़ा डेरिवेटिव्स बाजार है, जहां अप्रैल 2025 में 7.3 अरब कॉन्ट्रैक्ट्स का कारोबार हुआ, जो वैश्विक इक्विटी डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग का 60% है। SEBI ने कहा कि जेन स्ट्रीट की हरकतों ने लाखों छोटे निवेशकों को नुकसान पहुंचाया और बाजार में गलत संकेत दिए। SEBI ने यह भी साफ किया कि उसकी कार्रवाई निष्पक्ष और बिना किसी पक्षपात के की गई है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई डेरिवेटिव्स बाजार में अस्थिरता और सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि, कुछ का कहना है कि इससे बाजार की तरलता पर असर नहीं पड़ेगा, क्योंकि SEBI ने पहले ही जुलाई 2025 से डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग के लिए नए नियम लागू किए हैं। यह मामला अभी अंतरिम चरण में है, और SEBI की अंतिम जांच के बाद और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।