RVNL Shares: रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), जो रेल मंत्रालय के तहत एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है, ने हाल ही में एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। कंपनी ने शनिवार को बताया कि उसे दक्षिण-मध्य रेलवे से 143.3 करोड़ रुपये का एक नया ऑर्डर मिला है। ये ऑर्डर दक्षिणी रेलवे के सलेम डिवीजन में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सिस्टम को अपग्रेड करने से जुड़ा है। RVNL ने स्टॉक एक्सचेंज में दी गई जानकारी में कहा कि इस प्रोजेक्ट के तहत सलेम जंक्शन से पोडानूर जंक्शन और इरुगुर से कोयंबटूर जंक्शन तक के ट्रैक्शन सिस्टम को बेहतर किया जाएगा। इस खबर के बाद निवेशकों में उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि ये ऑर्डर कंपनी के लिए एक और बड़ा कदम है। ये प्रोजेक्ट न सिर्फ रेलवे की क्षमता बढ़ाएगा, बल्कि RVNL की ग्रोथ को भी मजबूती देगा।
प्रोजेक्ट का विवरण और इसका महत्व
इस ऑर्डर के तहत RVNL को मौजूदा 1×25 kV ट्रैक्शन सिस्टम को 2×25 kV सिस्टम में अपग्रेड करना है। ये अपग्रेड सलेम जंक्शन से पोडानूर जंक्शन और इरुगुर से कोयंबटूर जंक्शन तक के रेलवे सेक्शन्स पर होगा। ये नया सिस्टम दक्षिणी रेलवे को 3,000 मेट्रिक टन माल ढुलाई के लक्ष्य कोizmo को हासिल करने में मदद करेगा। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 143.3 करोड़ रुपये है, जिसमें टैक्स शामिल है, और इसे 24 महीने में पूरा करना है। इस अपग्रेड से रेलवे की माल ढुलाई की क्षमता में इजाफा होगा, जिससे रेलवे का परिचालन और भी बेहतर होगा। ये प्रोजेक्ट RVNL की तकनीकी और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की काबिलियत को और मजबूत करता है।
RVNL का विविधतापूर्ण पोर्टफोलियो
RVNL रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक बड़ा नाम है। कंपनी नए रेलवे लाइनों के निर्माण, ट्रैक डबलिंग, रेलवे विद्युतीकरण, मेट्रो प्रोजेक्ट्स, बड़े और केबल-स्टे ब्रिज, और संस्थागत ढांचे जैसे प्रोजेक्ट्स में शामिल है। ये कंपनी रेल मंत्रालय के लिए टर्नकी आधार पर प्रोजेक्ट्स को अंजाम देती है, यानी डिजाइन से लेकर कमीशनिंग तक का पूरा काम संभालती है। RVNL का पोर्टफोलियो इतना विविध है कि ये रेलवे के साथ-साथ मेट्रो और अन्य बड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में भी योगदान दे रही है। इस ऑर्डर के साथ कंपनी का ऑर्डर बुक और मजबूत हुआ है, जो भविष्य में इसकी आय को बढ़ाने में मदद करेगा।
शेयरों का प्रदर्शन और वित्तीय स्थिति
RVNL के शेयरों की बात करें तो शुक्रवार को नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर ये 391.2 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए। इस साल कंपनी का प्रदर्शन थोड़ा सुस्त रहा है, लेकिन फिर भी इसने 20,000-22,000 करोड़ रुपये की आय का अनुमान लगाया है। शेयरों का 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 647 रुपये और न्यूनतम स्तर 295.25 रुपये रहा है। कंपनी का मार्केट कैपिटलाइजेशन 81,711.94 करोड़ रुपये है, और इसका P/E रेशियो 63.56 है। कंपनी का प्रॉफिट मार्जिन भले ही पिछले साल की तुलना में थोड़ा कम हुआ हो, लेकिन नए ऑर्डर्स और मजबूत प्रोजेक्ट पोर्टफोलियो के दम पर RVNL भविष्य में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद रखती है।
न्यूक्लियर एनर्जी में कदम
RVNL सिर्फ रेलवे प्रोजेक्ट्स तक सीमित नहीं है, बल्कि ये स्वच्छ ऊर्जा और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में भी काम कर रही है। जून 2025 में खबर आई थी कि कंपनी रूस की सरकारी न्यूक्लियर एनर्जी कंपनी रोसाटॉम के साथ स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर्स (SMRs) बनाने के लिए बातचीत कर रही है। ये रिएक्टर्स रिशिकेश-कर्णप्रयाग रेलवे लाइन जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स के लिए ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करेंगे। ये कदम न सिर्फ RVNL की पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि कंपनी की तकनीकी और रणनीतिक ताकत को भी बढ़ाता है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स से कंपनी का दायरा रेलवे से बाहर निकलकर ऊर्जा क्षेत्र में भी बढ़ रहा है।
भविष्य की संभावनाएं और निवेशकों का भरोसा
RVNL का ये नया ऑर्डर और न्यूक्लियर एनर्जी में कदम कंपनी के लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। रेलवे इन्फ्रास्ट्रक्चर में भारत सरकार के बढ़ते निवेश और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रमों के साथ RVNL को भविष्य में और बड़े ऑर्डर्स मिलने की संभावना है। कंपनी का 72.84% हिस्सा भारत सरकार के पास है, जो इसे एक मजबूत बैकिंग देता है। निवेशकों के लिए ये एक आकर्षक स्टॉक हो सकता है, क्योंकि कंपनी का ऑर्डर बुक मजबूत है और इसका फोकस सस्टेनेबल ग्रोथ पर है। सलेम डिवीजन का ये प्रोजेक्ट और न्यूक्लियर एनर्जी में कंपनी की रुचि RVNL को रेलवे और ऊर्जा क्षेत्र में एक अहम खिलाड़ी बनाती है। आने वाले सालों में RVNL के शेयरों में और तेजी देखने को मिल सकती है, बशर्ते कंपनी अपने प्रोजेक्ट्स को समय पर पूरा करे और वित्तीय प्रदर्शन को बेहतर बनाए।