Raja Raghuvanshi Case: मध्य प्रदेश के इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी की मेघालय में हत्या के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हत्याकांड की जांच में शिलांग पुलिस को हत्यारों तक पहुंचने में समय लगा, क्योंकि शुरुआत में पुलिस इसे एक हादसा मानकर जांच कर रही थी। शिलांग के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विवेक सिम ने भी इस बात को स्वीकार किया। उन्होंने बताया कि पूर्वी खासी हिल्स का क्षेत्र शांत और पर्यटक-अनुकूल माना जाता है, जहां पहले कभी ऐसी घटना नहीं हुई थी। इस वजह से पुलिस ने राजा और उनकी पत्नी सोनम रघुवंशी को लापता मानकर हादसे के नजरिए से तलाश शुरू की थी। लेकिन जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ी, यह साफ हो गया कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी।
हादसे की आड़ में शुरू हुई जांच
23 मई 2025 को राजा और सोनम, जो 11 मई को इंदौर में शादी के बाद हनीमून के लिए मेघालय गए थे, अचानक लापता हो गए। शिलांग पुलिस ने इसे एक सामान्य हादसा मानकर जांच शुरू की। एसपी विवेक सिम ने बताया कि पूर्वी खासी हिल्स के सोहरा (चेरापूंजी) क्षेत्र में पर्यटक अक्सर ट्रेकिंग के दौरान रास्ता भटक जाते हैं। इसलिए पुलिस ने शुरुआत में यही सोचा कि शायद यह जोड़ा जंगल या खाई में फंस गया हो। 24 मई को उनकी किराए की स्कूटी सोहरा-शिलांग रोड पर एक कैफे के पास छोड़ी हुई मिली, जिससे पुलिस का शक और गहरा नहीं हुआ। पुलिस ने ड्रोन, एनडीआरएफ, और स्थानीय स्वयंसेवकों की मदद से तलाश शुरू की, लेकिन तब तक उन्हें कोई ठोस सुराग नहीं मिला।
सुराग को हल्के में लेने की भूल
पुलिस को लापता जोड़े के बैग में एक अंगूठी और मंगलसूत्र मिला था, लेकिन शुरुआत में इसे सामान्य माना गया। विवेक सिम ने बताया कि चूंकि क्षेत्र में अपराध की घटनाएं कम होती हैं, इसलिए पुलिस ने इन सुरागों को गंभीरता से नहीं लिया। 2 जून को जब राजा का शव सोहरा के वेई सॉडॉन्ग फॉल्स के पास एक गहरी खाई में मिला, तब जाकर पुलिस को शक हुआ कि यह हादसा नहीं, बल्कि हत्या हो सकती है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि राजा के सिर पर दो गहरे घाव थे, जो किसी धारदार हथियार से लगाए गए थे। इसके बाद पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ाया और इसे हत्या के मामले के रूप में देखना शुरू किया।

मीडिया की खबर ने बदला जांच का रुख
जांच के दौरान शिलांग के स्थानीय मीडिया में एक खबर छपी, जिसमें एक ट्रेकिंग गाइड ने बताया कि उसने राजा और सोनम को 23 मई को तीन अन्य युवकों के साथ देखा था। इस खबर ने न केवल पुलिस का ध्यान खींचा, बल्कि मुख्य आरोपी राज कुशवाहा को भी सतर्क कर दिया। राज, जो सोनम का कथित प्रेमी था, इंदौर में था और हत्या की साजिश में शामिल था। उसने तुरंत सोनम को इंदौर से सिलीगुड़ी जाने के लिए कहा, ताकि वह वहां लूट की कहानी बनाकर खुद को बेकसूर साबित कर सके। लेकिन इससे पहले कि सोनम सिलीगुड़ी पहुंच पाती, पुलिस ने 7 जून को तीन अन्य आरोपियों—आकाश राजपूत, विशाल सिंह चौहान, और आनंद कुर्मी—को मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार कर लिया।
सोनम का सरेंडर और साजिश का खुलासा
7 जून की रात को सोनम उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे पर पहुंची, जहां उसने लूट और अपहरण की कहानी सुनाई। लेकिन पुलिस को पहले से ही उस पर शक था। 9 जून को सोनम ने गाजीपुर में सरेंडर कर दिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने राज कुशवाहा के साथ मिलकर राजा की हत्या की साजिश रची थी। पुलिस ने बताया कि सोनम ने तीन हत्यारों को 20 लाख रुपये देने का वादा किया था। हत्या 23 मई को वाहकदैत पार्किंग लॉट के पास हुई, जहां राजा को खुकरी (एक धारदार चाकू) से मारकर उसका शव खाई में फेंक दिया गया। सोनम उस समय मौके पर मौजूद थी और उसने हत्यारों की मदद की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, खून से सने कपड़े, और हत्या के हथियार को सबूत के तौर पर बरामद किया।
न्याय की उम्मीद और सबक
इस हत्याकांड ने न केवल राजा के परिवार को सदमे में डाल दिया, बल्कि समाज को भी एक गहरा सबक दिया। राजा की मां उमा रघुवंशी ने कहा कि अगर सोनम दोषी है, तो उसे फांसी की सजा मिलनी चाहिए। वहीं, सोनम के पिता देवी सिंह ने आरोप लगाया कि उनकी बेटी को फंसाया जा रहा है। मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा ने पुलिस की तारीफ की और कहा कि ‘ऑपरेशन हनीमून’ के तहत सभी आरोपियों को पकड़ लिया गया है। पुलिस अब 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल करने की तैयारी कर रही है। यह मामला हमें सिखाता है कि शादी जैसे रिश्तों में पारदर्शिता और विश्वास कितना जरूरी है, और किसी भी संदिग्ध स्थिति में तुरंत सतर्कता बरतनी चाहिए।