Raja Raghuvanshi Case: मेघालय के चर्चित व्यापारी राजा रघुवंशी मर्डर केस में एक और चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। 23 जून को मेघालय पुलिस ने इस मामले में आठवें आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़ा गया आरोपी ग्वालियर निवासी लोकेन्द्र सिंह तोमर है, जो उस फ्लैट का मालिक है जहां हत्या के बाद फरार हुई सोनम रघुवंशी छिपी हुई थी। पुलिस का कहना है कि लोकेन्द्र सिंह ने न सिर्फ सोनम को शरण दी, बल्कि सबूतों को मिटाने में भी अहम भूमिका निभाई। इससे पहले सोनम, उसका प्रेमी राज कुशवाहा और तीन सुपारी किलर सहित सात लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
फ्लैट मालिक की गिरफ्तारी से खुली नई परतें
पूर्वी खासी हिल्स जिले के एसपी वी. सिएम ने जानकारी दी कि इस हाई प्रोफाइल हत्याकांड की जांच कर रही स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) हाल ही में मध्यप्रदेश पहुंची थी। वहां से मिले इनपुट के आधार पर फ्लैट मालिक लोकेन्द्र सिंह तोमर को गिरफ्तार किया गया। इससे पहले शनिवार और रविवार को इंदौर से एक प्रॉपर्टी डीलर और एक सिक्योरिटी गार्ड को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इन दोनों पर सोनम को छिपाने और पुलिस को गुमराह करने का आरोप है। पुलिस का कहना है कि ये सभी लोग एक संगठित साजिश का हिस्सा रहे हैं।
हत्या की पूरी कहानी और कब-क्या हुआ
पुलिस की जांच के मुताबिक, राजा रघुवंशी और सोनम की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी। शादी के कुछ ही दिन बाद 20 मई को दोनों हनीमून मनाने मेघालय के सोहरा इलाके पहुंचे। लेकिन 23 मई को दोनों अचानक लापता हो गए। पुलिस को शक हुआ और 2 जून को राजा का सड़ा-गला शव एक झरने के पास खाई में मिला। जांच में सामने आया कि सोनम ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा और सुपारी किलर्स के साथ मिलकर पति की हत्या की योजना बनाई थी। योजना के मुताबिक, मेघालय पहुंचकर राजा को सुनसान जगह पर ले जाया गया और वहीं पर उसकी हत्या कर दी गई।
सोनम की फरारी और गिरफ्तारी की पूरी कहानी
हत्या के बाद सोनम मेघालय से फरार हो गई और असम, पश्चिम बंगाल, बिहार होते हुए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर पहुंची। 8 जून को सोनम ने गाजीपुर थाने में आत्मसमर्पण किया। इसके बाद पुलिस ने बाकी आरोपियों को मध्यप्रदेश और यूपी के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया। अब फ्लैट मालिक की गिरफ्तारी के बाद पुलिस को उम्मीद है कि कई और गहरे राज सामने आ सकते हैं। पुलिस अब यह जानने में जुटी है कि हत्या के बाद सोनम को पनाह देने वाले सभी लोग इस साजिश में किस हद तक शामिल थे और किसकी भूमिका कितनी अहम रही।