Raja Raghuvanshi मर्डर केस में अब एक नया मोड़ आ गया है। असम पुलिस ने अब राजा की बहन सृष्टि रघुवंशी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी है। दरअसल, राजा की हत्या के बाद सृष्टि ने इंस्टाग्राम पर कई पोस्ट किए थे जिनमें से कुछ पर गुवाहाटी पुलिस को आपत्ति थी। पुलिस का कहना है कि सृष्टि ने अपने पोस्ट में ऐसा कहा था कि राजा की बलि दी गई है और यह भी लिखा था कि सोनम उसे गुवाहाटी केवल काला जादू के लिए ले गई थी। पुलिस ने इसे धार्मिक भावनाएं भड़काने वाला बताया है और इस आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। अब सृष्टि को गुवाहाटी बुलाया गया है ताकि वह अपना पक्ष रख सके।
सृष्टि के पोस्ट को क्षेत्रीय और भाषाई विवाद को बढ़ावा देने वाला बताया गया है। हालांकि, जब राजा का शव बरामद हुआ और सोनम की सच्चाई सामने आई, तो सृष्टि ने सोशल मीडिया पर माफी भी मांग ली थी। लेकिन पुलिस का मानना है कि माफीनामा पर्याप्त नहीं है क्योंकि सोशल मीडिया के जरिए कई लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। यही नहीं, पुलिस ने यह भी कहा है कि इस मामले में धार्मिक भावना भड़काने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने जैसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है। राजा के भाई विपिन रघुवंशी ने इस बात की पुष्टि की है कि पुलिस ने सृष्टि को नोटिस भेजा है और पूछताछ के लिए बुलाया है।
विपिन बोले – गोविंद पर नहीं है भरोसा, हो नार्को टेस्ट
वहीं इस पूरे मामले में एक और नया विवाद उस समय खड़ा हो गया जब राजा की मां को गले लगाकर रोने वाले सोनम के भाई गोविंद को अब रघुवंशी परिवार शक की नजर से देख रहा है। राजा के भाई विपिन ने गोविंद को गद्दार कह दिया है और उस पर शक जताते हुए उसका नार्को टेस्ट कराने की मांग की है। विपिन का कहना है कि केवल सोनम ही नहीं बल्कि उसका पूरा परिवार इस साजिश में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य मर्डर नहीं बल्कि एक मानवीय बलि (ह्यूमन सैक्रिफाइस) का मामला है और सच्चाई सामने लाने के लिए सोनम, राज, गोविंद और देवी सिंह सभी का नार्को टेस्ट जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे राजा के भाई, इंसाफ की मांग
राजा के परिवार का कहना है कि अब इस मामले में सच्चाई सामने लाने के लिए वो सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएंगे। उनका कहना है कि पुलिस को सभी आरोपियों का नार्को टेस्ट कराना चाहिए ताकि सच सामने आ सके। वहीं, सृष्टि पर FIR को लेकर परिवार ने कहा है कि वह भावनात्मक रूप से बहुत आहत थी और किसी भी बहन के लिए ये स्थिति असहनीय होती है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी की पोस्ट पर कार्रवाई करने से पहले उसके पीछे की मानसिक अवस्था और परिस्थिति को समझना चाहिए। हालांकि, अब देखने वाली बात यह होगी कि पुलिस इस केस को किस दिशा में आगे बढ़ाती है और क्या वाकई यह मामला किसी बलि की साजिश का हिस्सा है।