मौसम क्रिकेट ऑपरेशन सिंदूर क्रिकेट स्पोर्ट्स बॉलीवुड जॉब - एजुकेशन बिजनेस लाइफस्टाइल देश विदेश राशिफल लाइफ - साइंस आध्यात्मिक अन्य
---Advertisement---

ChatGPT पर लोगों का अंधा विश्वास, CEO Sam Altman ने दी चेतावनी, कहा AI पर इतना भरोसा ठीक नहीं

On: July 3, 2025 1:45 PM
Follow Us:
ChatGPT पर लोगों का अंधा विश्वास, CEO Sam Altman ने दी चेतावनी, कहा AI पर इतना भरोसा ठीक नहीं
---Advertisement---

जब से OpenAI ने ChatGPT लॉन्च किया है, यह एआई टूल लगातार सुर्खियों में है। खासकर पिछले कुछ महीनों में गिबली ट्रेंड की वजह से चैटजीपीटी ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया। लोग इसे लिखने, रिसर्च करने, सलाह लेने और तरह-तरह के कामों के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा कि चैटजीपीटी जो जानकारी देता है, वह हमेशा सही होती है? यह सवाल हर उस व्यक्ति के दिमाग में आना चाहिए, जो इस टूल का इस्तेमाल करता है। हाल ही में ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने चैटजीपीटी यूजर्स को एक बड़ी सलाह दी है, जिसने हर जगह हलचल मचा दी है। उनकी यह सलाह हमें इस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर दोबारा सोचने पर मजबूर करती है।

सैम ऑल्टमैन की सलाह ने मचाई सनसनी

OpenAI के पहले ऑफिशियल पॉडकास्ट के एपिसोड में सैम ऑल्टमैन ने चैटजीपीटी पर यूजर्स के भरोसे को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि लोग चैटजीपीटी पर बहुत ज्यादा भरोसा करते हैं, जो हैरान करने वाला है। ऑल्टमैन के मुताबिक, यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है, जिस पर इतना भरोसा नहीं करना चाहिए। उनके इस बयान ने उन लाखों लोगों को चौंका दिया, जो चैटजीपीटी को हर तरह की जानकारी का भरोसेमंद स्रोत मानते हैं। ऑल्टमैन ने साफ कहा कि चैटजीपीटी और दूसरे बड़े लैंग्वेज मॉडल्स कभी-कभी ऐसी बातें कह सकते हैं, जो सच जैसी लगें लेकिन गलत या भ्रामक हों। इसलिए इसे इस्तेमाल करते वक्त सावधानी बरतनी जरूरी है।

ChatGPT पर लोगों का अंधा विश्वास, CEO Sam Altman ने दी चेतावनी, कहा AI पर इतना भरोसा ठीक नहीं

ChatGPT कैसे काम करता है?

ChatGPT एक बड़ा लैंग्वेज मॉडल है, जो उस डेटा के आधार पर काम करता है, जिस पर उसे ट्रेन किया गया है। यह अगले शब्द की भविष्यवाणी करके वाक्य बनाता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह दुनिया को इंसानों की तरह समझता है। यह सिर्फ पैटर्न्स के आधार पर जवाब देता है। कई बार यह गलत या पूरी तरह से मनगढ़ंत जानकारी दे सकता है। एआई की दुनिया में इसे ‘हैल्यूसिनेशन’ (भ्रम) कहा जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आप चैटजीपीटी से कोई ऐतिहासिक तथ्य पूछते हैं, तो हो सकता है कि वह सही तारीख या घटना का जिक्र करे, लेकिन कई बार वह गलत जानकारी को इतने आत्मविश्वास के साथ पेश करता है कि यूजर को शक ही नहीं होता। यही वजह है कि सैम ऑल्टमैन ने यूजर्स को सतर्क रहने की सलाह दी है।

ChatGPT का इस्तेमाल, लेकिन सावधानी से

दुनियाभर में लोग ChatGPT का इस्तेमाल लेखन, रिसर्च, कोडिंग, और यहाँ तक कि निजी सलाह लेने के लिए कर रहे हैं। लेकिन सैम ऑल्टमैन का कहना है कि इसे एक टूल की तरह इस्तेमाल करें, न कि हर बात का अंतिम जवाब मानें। उनकी सलाह साफ है – चैटजीपीटी की मदद लें, लेकिन उसकी दी हुई जानकारी को हमेशा क्रॉस-चेक करें। मिसाल के तौर पर, अगर आप कोई मेडिकल सलाह या कानूनी जानकारी ले रहे हैं, तो उसे डॉक्टर या वकील से वेरिफाई करना जरूरी है। ऑल्टमैन का यह बयान इसलिए भी अहम है, क्योंकि एआई आज हमारी जिंदगी का हिस्सा बनता जा रहा है। स्कूलों, कॉलेजों और ऑफिसों में इसका इस्तेमाल बढ़ रहा है, लेकिन गलत जानकारी के चलते गंभीर नुकसान भी हो सकता है।

एआई के ‘गॉडफादर’ का भी यही मानना

सैम ऑल्टमैन के साथ-साथ एआई के ‘गॉडफादर’ कहे जाने वाले ज्यॉफ्री हिन्टन ने भी इस बात पर जोर दिया है कि एआई उपयोगी तो है, लेकिन इस पर आँख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। हिन्टन ने कई बार कहा है कि एआई मॉडल्स में अभी भी कई कमियां हैं, और वे ऐसी गलतियां कर सकते हैं, जो इंसानों को भ्रम में डाल दें। उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि जैसे-जैसे एआई का इस्तेमाल बढ़ेगा, वैसे-वैसे इसके दुरुपयोग की संभावना भी बढ़ेगी। ऑल्टमैन और हिन्टन, दोनों ही मानते हैं कि एआई का इस्तेमाल ‘ट्रस्ट बट वेरिफाई’ यानी ‘भरोसा करो, लेकिन पहले जांचो’ की नीति के साथ करना चाहिए। यह सलाह खासकर उन लोगों के लिए जरूरी है, जो चैटजीपीटी को हर सवाल का सही जवाब मान लेते हैं।

भविष्य में एआई और जिम्मेदारी

सैम ऑल्टमैन की यह सलाह न केवल चैटजीपीटी यूजर्स के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा संदेश है। जैसे-जैसे एआई हमारी जिंदगी में और गहराई तक घुस रहा है, हमें इसके फायदे और सीमाओं को समझना होगा। चैटजीपीटी जैसे टूल्स समय बचा सकते हैं, जटिल सवालों के जवाब दे सकते हैं, और कई काम आसान कर सकते हैं, लेकिन इनकी सीमाएं भी हैं। भविष्य में एआई को और बेहतर बनाने के लिए ओपनएआई जैसे संगठन काम कर रहे हैं, लेकिन तब तक यूजर्स को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हमें चाहिए कि हम चैटजीपीटी की दी हुई जानकारी को एक शुरुआती बिंदु मानें और उसे भरोसेमंद स्रोतों से सत्यापित करें। यह न केवल हमें गलतियों से बचाएगा, बल्कि एआई के सही इस्तेमाल को भी बढ़ावा देगा।

Join WhatsApp

Join Now

Join Telegram

Join Now

और पढ़ें