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MP News: जेल की दीवारों के पीछे की सच्चाई, महिला आयोग की सदस्य ने खोली गंदगी और लापरवाही की पोल

On: June 15, 2025 10:52 AM
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MP News: जेल की दीवारों के पीछे की सच्चाई, महिला आयोग की सदस्य ने खोली गंदगी और लापरवाही की पोल
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MP News: राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य डॉ. अर्चना मजूमदार ने हाल ही में इंदौर सेंट्रल जेल का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने जेल में कई जगहों पर लापरवाही पाई। जेल में काफी गंदगी थी और प्राथमिक उपचार के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं नहीं थीं। उन्होंने जेल अधीक्षक को इन कमियों को जल्द से जल्द ठीक करने के निर्देश दिए। मजूमदार ने महिला कैदियों से भी बातचीत की और जेल के अंदर के माहौल के बारे में जानकारी ली। इस दौरे का मकसद था महिला कैदियों के अधिकारों और सुविधाओं की स्थिति का जायजा लेना, ताकि उनकी बेहतरी के लिए जरूरी कदम उठाए जा सकें।

महिला कैदियों से बातचीत, जेल के हालात पर चर्चा

डॉ. मजूमदार ने इंदौर सेंट्रल जेल में महिला कैदियों से मुलाकात की और उनके साथ खुलकर बात की। उन्होंने कैदियों से जेल में मिलने वाली सुविधाओं, खाने की गुणवत्ता, और रहने की व्यवस्था के बारे में पूछा। कैदियों ने अपने अनुभव साझा किए और कुछ समस्याओं का जिक्र भी किया। मजूमदार ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और जेल प्रशासन को इन मुद्दों पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि महिला कैदियों के मानवाधिकारों की रक्षा करना और उन्हें बेहतर माहौल देना हमारी प्राथमिकता है। इस दौरान उन्होंने जेल में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी को भी रेखांकित किया।

मीडिया से बातचीत में सोनम और मुस्कान का जिक्र

मीडिया से बात करते हुए डॉ. मजूमदार से सोनम रघुवंशी और मुस्कान के मामले पर सवाल पूछे गए, जिन्होंने हत्या के एक मामले में सुर्खियां बटोरी थीं। इस पर मजूमदार ने कहा, “सोनम और मुस्कान ने जिस तरह से हत्या को अंजाम दिया, उस पर बात करने का कोई फायदा नहीं है। हमारा ध्यान इस बात पर है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है।” उन्होंने जोर दिया कि समाज में महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने और उन्हें सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इस दौरान उन्होंने जेल में सुधार के लिए अपनी प्रतिबद्धता भी दोहराई।

MP News: जेल की दीवारों के पीछे की सच्चाई, महिला आयोग की सदस्य ने खोली गंदगी और लापरवाही की पोल

उज्जैन जेल का भी किया था दौरा

डॉ. मजूमदार ने बताया कि उन्होंने हाल ही में उज्जैन सेंट्रल जेल का भी दौरा किया था। वहां उन्होंने महिला कैदियों के लिए उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया, जिसमें खाना, रहने की व्यवस्था, और अन्य जरूरी सुविधाएं शामिल थीं। उन्होंने कहा कि इंदौर और उज्जैन दोनों जेलों में व्यवस्थाएं काफी हद तक ठीक हैं, लेकिन कुछ खामियां भी नजर आईं। इन खामियों को दूर करने के लिए उन्होंने जेल प्रशासन को लिखित निर्देश दिए हैं। मजूमदार ने कहा कि दोनों जेलों में स्वच्छता और प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की जरूरत है, ताकि कैदियों को बेहतर माहौल मिल सके।

90% महिलाएं घरेलू हिंसा के मामलों में बंद

डॉ. मजूमदार ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि इंदौर और उज्जैन की जेलों में बंद 90% महिलाएं घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों में हैं। उन्होंने कहा, “यह बहुत चिंताजनक है कि इतनी बड़ी संख्या में महिलाएं ऐसी परिस्थितियों का सामना कर रही हैं, जिसके कारण उन्हें जेल तक पहुंचना पड़ रहा है। हमें इस पर गंभीरता से विचार करना होगा कि ऐसी स्थिति को कैसे रोका जाए।” उन्होंने जोर दिया कि घरेलू हिंसा को रोकने के लिए समाज में जागरूकता लाने और महिलाओं को सशक्त बनाने की जरूरत है। इसके लिए राष्ट्रीय महिला आयोग कई कदम उठा रहा है, ताकि महिलाएं ऐसी परिस्थितियों से बच सकें।

काउंसलिंग सेंटर खोलने की योजना

घरेलू हिंसा के मामलों को कम करने के लिए डॉ. मजूमदार ने राष्ट्रीय महिला आयोग की एक नई पहल के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आयोग पूरे देश में काउंसलिंग सेंटर खोलने की योजना बना रहा है। इन सेंटरों में उन जोड़ों को काउंसलिंग दी जाएगी, जो शादी करने वाले हैं या जिनका रजिस्ट्रेशन हो चुका है। यह काउंसलिंग शादी से तीन महीने पहले से लेकर शादी के एक साल बाद तक दी जाएगी। मजूमदार ने कहा कि इस पहल से दंपतियों को एक-दूसरे को बेहतर समझने और रिश्तों में आने वाली समस्याओं को सुलझाने में मदद मिलेगी। इससे घरेलू हिंसा के मामलों में कमी आने की उम्मीद है।

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