MP News: बुधवार को भोपाल से दिल्ली की ओर जा रही शताब्दी एक्सप्रेस पर दो अलग-अलग जगहों पर पत्थरबाजी की गई जिससे यात्रियों में हड़कंप मच गया। ट्रेन संख्या 12001 के कोच सी3 पर पथराव हुआ जिससे उसके शीशे चकनाचूर हो गए। सबसे पहली घटना दतिया के पास हुई जब ट्रेन तेज़ रफ्तार से गुजर रही थी। कुछ अज्ञात लोगों ने ट्रेन पर अचानक पत्थर बरसाने शुरू कर दिए। तेज आवाज़ और कांच टूटने की धमक से यात्री डर के मारे सहम गए।
पहली घटना के कुछ समय बाद जब शताब्दी एक्सप्रेस ग्वालियर स्टेशन पर पहुँची तो वहां एक बार फिर से पथराव हुआ। यह पथराव भी काफी तीव्र था जिससे कोच का कांच पूरी तरह टूट गया। गाड़ी को तत्काल ग्वालियर स्टेशन पर रोका गया और यात्रियों से पूछताछ शुरू हुई। हालांकि किसी यात्री को गंभीर चोट नहीं आई लेकिन इस तरह की घटनाएं रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती हैं।
GRP ने शुरू की जांच
घटना की जानकारी मिलते ही जीआरपी की टीम मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारियों ने यात्रियों से घटना के बारे में जानकारी जुटाई और आसपास के इलाकों में संदिग्धों की तलाश शुरू की। लेकिन खबर लिखे जाने तक पत्थर फेंकने वालों की पहचान नहीं हो पाई थी। यात्रियों ने बताया कि उन्होंने इस तरह का हमला पहली बार देखा है और उन्हें काफी डर लग रहा था।
यात्रियों की जान बची पर डर कायम
पथराव की इस घटना में किसी की जान तो नहीं गई लेकिन जो खतरा महसूस किया गया वो कम नहीं था। शताब्दी एक्सप्रेस में आमतौर पर बिज़नेस क्लास और प्रीमियम श्रेणी के यात्री सफर करते हैं। ऐसे में इस तरह की घटनाएं यात्रियों में असुरक्षा की भावना पैदा करती हैं। कई यात्रियों ने कहा कि वे अब ट्रेन में सफर करते समय डरे हुए महसूस करेंगे और रेलवे को सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त बनाना चाहिए।

ऐसी ही एक दूसरी घटना बिहार में सामने आई जहां वंदे भारत एक्सप्रेस पर पत्थर फेंके गए। यह घटना भागलपुर जिले के टेकारी रेलवे स्टेशन के पास हुई। रविवार शाम के समय जब ट्रेन वहां से गुजर रही थी तो अचानक कुछ अज्ञात लोगों ने पत्थर बरसा दिए। इस हमले में कोच C-7 की खिड़कियों के शीशे टूट गए। सीट नंबर 42 और 43 के पास बैठे यात्री उस समय दहशत में आ गए।
भागलपुर से हावड़ा जा रही थी वंदे भारत
यह वंदे भारत एक्सप्रेस भागलपुर से हावड़ा की ओर जा रही थी। जैसे ही ट्रेन टेकारी स्टेशन के पास पहुँची तो अचानक हमला हुआ। इस पथराव में किसी को चोट नहीं आई लेकिन ट्रेन की दो खिड़कियां टूट गईं। इससे ट्रेन की रफ्तार भी कुछ समय के लिए कम कर दी गई थी। रेलवे के अधिकारियों ने मौके की जानकारी ली और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास किए।
रेलवे प्रशासन में मचा हड़कंप
लगातार हो रही इन घटनाओं ने रेलवे प्रशासन को चिंता में डाल दिया है। रेलवे की तरफ से सुरक्षा व्यवस्था के दावे तो होते हैं लेकिन इन घटनाओं से साफ है कि जमीनी हकीकत कुछ और ही है। रेलवे ने संबंधित राज्यों की पुलिस को सतर्क किया है और पटरियों के आसपास गश्त बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बावजूद जब तक दोषियों को सज़ा नहीं मिलेगी तब तक ऐसी घटनाएं रुकने की संभावना कम ही है।
आम जनता में गुस्सा और सवाल
इन हमलों के बाद सोशल मीडिया पर यात्रियों और आम लोगों में नाराजगी देखी जा रही है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब इतनी हाईटेक ट्रेनों पर भी हमले हो सकते हैं तो आम ट्रेनों की सुरक्षा का क्या हाल होगा। कुछ लोगों ने तो यहां तक कहा कि यह केवल ट्रेन पर हमला नहीं बल्कि यात्रियों की जान पर हमला है। रेलवे से मांग की जा रही है कि वह सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाए और रेलवे ट्रैक्स के आसपास निगरानी बढ़ाई जाए।
इन घटनाओं से स्पष्ट है कि रेलवे को अब केवल आश्वासन देने की नहीं बल्कि ठोस कार्रवाई करने की ज़रूरत है। पथराव करने वालों को सख्त सज़ा मिले ताकि दूसरों के लिए यह सबक बने। शताब्दी और वंदे भारत जैसी ट्रेनों पर पथराव केवल एक अपराध नहीं बल्कि राष्ट्र की प्रगति और तकनीकी विकास पर हमला है।