MP News: मध्यप्रदेश के विदिशा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहां एक बुजुर्ग दंपत्ति को बिजली विभाग की गलती का ऐसा झटका लगा कि उनकी तबीयत बिगड़ गई। 68 वर्षीय मुरारीलाल तिवारी के घर हाल ही में एक स्मार्ट मीटर लगाया गया था। मई महीने में जब उनका बिजली बिल आया तो वह सीधे 68 लाख रुपये का था। इतना भारी बिल देखकर मुरारीलाल की हालत बिगड़ गई। वह चक्कर खाने लगे और उनका बीपी बढ़ गया। ये मामला विदिशा के होम गार्ड ऑफिस के सामने स्थित कॉलोनी का है जहां मुरारीलाल रहते हैं।
बेटे के कहने पर की शिकायत तो और बड़ा झटका मिला
मुरारीलाल के बेटे एयरफोर्स में हैं और बेंगलुरु में पोस्टेड हैं। जब मुरारीलाल ने बेटे को फोन कर सारी बात बताई तो बेटे ने तुरंत बिजली विभाग में शिकायत करने की सलाह दी। 30 मई को मुरारीलाल ने विभाग में शिकायत दर्ज करवाई और उन्हें लगा कि अब बिल ठीक हो जाएगा। लेकिन जून में जो बिल आया उसने पूरे परिवार को और परेशान कर दिया। इस बार का बिल 1 लाख 10 हजार रुपये का आया। यानि मई और जून मिलाकर कुल बिल 69 लाख 10 हजार रुपये हो गया। इसी के साथ ही आस-पास के कई लोगों के बिल भी लाखों में आने लगे जिससे मोहल्ले में हंगामा मच गया।
लोगों के हंगामे के बाद जागा विभाग
जैसे-जैसे गलियों में लोगों को लाखों रुपये के बिजली बिल मिलने लगे वैसे-वैसे गुस्सा बढ़ने लगा। आखिरकार जब कई घरों से शिकायतें आने लगीं तो बिजली विभाग को हरकत में आना पड़ा। विभाग ने इलाके में एक विशेष कैंप लगाया और वहां पहुंचे अधिकारियों ने लोगों की शिकायतें सुनीं। केवल एक घंटे के अंदर लोगों के बिलों को ठीक किया गया। मुरारीलाल का भी बिल संशोधित कर दिया गया। ये सब देखकर लोगों ने राहत की सांस ली लेकिन साथ ही गुस्से का माहौल भी बना रहा।
69 लाख से घटकर हुआ सिर्फ 633 रुपये का बिल
जिन्हें लाखों का बिल भेजा गया था उनके असली बिल कुछ सौ रुपये ही निकले। मुरारीलाल तिवारी का बिल जिसे देखकर वह चक्कर खा गए थे उसे घटाकर महज 633 रुपये कर दिया गया। अब मुरारीलाल को थोड़ी राहत मिली है लेकिन सवाल उठता है कि इतनी बड़ी लापरवाही आखिर क्यों और कैसे हुई। क्या स्मार्ट मीटर लगाने के बाद भी सिस्टम इतना फेल हो सकता है कि लाखों रुपये का बिल बन जाए। इस मामले ने पूरे शहर में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।