MP News: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले के चिचोली थाना क्षेत्र में 27 जून 2025 को एक दिल दहला देने वाला हादसा हुआ। पोषण केंद्र (एनआईसी) में कार्यरत एक केयरटेकर रजनी गंगारे की एक सीमेंट से भरे ट्रक से कुचलकर मौके पर ही मौत हो गई। 35 वर्षीय रजनी अपने गांव जोगली से चिचोली के एनआईसी कार्यालय स्कूटी पर जा रही थीं, जब यह हादसा हुआ। उनके साथ उनका 10 साल का बेटा भी था, जो इस हादसे में बाल-बाल बच गया। इस घटना ने पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी और सड़क सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए। आइए, इस दुखद घटना को और करीब से जानते हैं।
शुक्रवार की सुबह करीब 9:50 बजे, रजनी गंगारे अपनी स्कूटी पर चिचोली के पोषण केंद्र की ओर जा रही थीं। उनके साथ उनका 10 साल का बेटा पीछे बैठा था। मुख्य सड़क पर एक स्पीड ब्रेकर पर स्कूटी का संतुलन बिगड़ गया, और रजनी नीचे गिर गईं। उसी समय, पीछे से आ रहा एक सीमेंट से लदा ट्रक उनकी ओर बढ़ा। स्कूटी के गिरते ही ट्रक का पिछला पहिया रजनी के सिर के ऊपर से गुजर गया, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह पूरा हादसा पास के एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जिसने इस दर्दनाक दृश्य को और भी भयावह बना दिया। रजनी 2010 से चिचोली पोषण केंद्र में केयरटेकर के रूप में काम कर रही थीं और अपने काम के लिए जानी जाती थीं।
बेटे की जान बाल-बाल बची
हादसे के समय रजनी का 10 साल का बेटा स्कूटी पर उनके साथ था। जब स्कूटी स्पीड ब्रेकर पर बेकाबू हुई, तो रजनी के साथ उनका बेटा भी नीचे गिर गया। लेकिन किस्मत से वह ट्रक की चपेट में आने से बच गया। हादसे में उसे मामूली खरोंचें आईं, लेकिन वह अपनी मां को खोने के सदमे में था। सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि हादसे के बाद बच्चा उठकर अपनी मां के पास गया और उसे उठाने की कोशिश की, लेकिन तब तक रजनी की मौत हो चुकी थी। यह दृश्य देखकर हर किसी का दिल पसीज गया। रजनी के पति चिचोली में एक स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं, और अब उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
ट्रक चालक की गैरजिम्मेदारी
चिचोली थाना प्रभारी हरिओम पटेल के अनुसार, हादसे के तुरंत बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि ट्रक ने रजनी को कुचलने के बाद रुकने की कोशिश नहीं की और तेजी से वहां से भाग गया। यह चालक की गैरजिम्मेदारी को दर्शाता है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए ट्रक को जब्त कर लिया है, लेकिन चालक अभी भी फरार है। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है और आसपास के इलाकों में छानबीन कर रही है। इस तरह की लापरवाही न केवल रजनी के परिवार के लिए दुखद है, बल्कि सड़क पर भारी वाहनों के चालकों की जवाबदेही पर भी सवाल उठाती है।
पुलिस की जांच और सड़क सुरक्षा पर सवाल
पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। चिचोली थाना प्रभारी हरिओम पटेल ने बताया कि रजनी अपने गांव से स्कूटी पर चिचोली एनआईसी कार्यालय जा रही थीं। स्पीड ब्रेकर पर ब्रेक लगाने के दौरान स्कूटी का संतुलन बिगड़ा, और पीछे से आ रहे ट्रक ने उन्हें कुचल दिया। पुलिस सीसीटीवी फुटेज और अन्य सबूतों के आधार पर चालक की पहचान करने की कोशिश कर रही है। यह हादसा सड़क सुरक्षा के मुद्दों को भी उजागर करता है। स्पीड ब्रेकर, जो सड़क पर गति नियंत्रित करने के लिए बनाए जाते हैं, कई बार खराब डिजाइन या रखरखाव के अभाव में हादसों का कारण बन जाते हैं। इस घटना ने स्थानीय लोगों में भी गुस्सा और डर पैदा किया है।
समाज और प्रशासन के लिए सबक
यह दुखद हादसा न केवल रजनी के परिवार के लिए एक त्रासदी है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए भी एक बड़ा सबक है। बैतूल जैसे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में सड़क सुरक्षा के मानकों पर और ध्यान देने की जरूरत है। भारी वाहनों की गति, चालकों की जिम्मेदारी, और सड़कों की स्थिति पर नियमित निगरानी जरूरी है। रजनी की मौत ने यह सवाल उठाया है कि क्या हमारे सड़क सुरक्षा तंत्र पर्याप्त हैं? स्थानीय लोग अब प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि चिचोली जैसे व्यस्त क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकरों की डिजाइन और भारी वाहनों की निगरानी पर सख्ती की जाए। रजनी की कहानी हमें याद दिलाती है कि एक छोटी सी लापरवाही कितने बड़े नुकसान का कारण बन सकती है, और हमें अपने आसपास की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा।