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MP News: मदरसों और स्कूलों ने किया स्कॉलरशिप घोटाला, 11वीं-12वीं के फर्जी छात्रों के नाम पर उड़ाए लाखों

On: July 2, 2025 10:40 AM
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MP News: मदरसों और स्कूलों ने किया स्कॉलरशिप घोटाला, 11वीं-12वीं के फर्जी छात्रों के नाम पर उड़ाए लाखों
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MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। केंद्र सरकार की ओर से अल्पसंख्यक छात्रों के लिए चलाई जा रही विशेष छात्रवृत्ति योजना में 57 लाख रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ है। यह घोटाला उन स्कूलों और मदरसों ने किया, जो कक्षा 8 और 10 तक ही मान्यता प्राप्त हैं। फिर भी, इन्होंने कक्षा 11 और 12 के 972 छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति हड़प ली। यह बात तब सामने आई, जब इस मामले की गहन जांच शुरू हुई। यह घोटाला न केवल शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाता है, बल्कि उन छात्रों के भविष्य के साथ भी खिलवाड़ करता है, जिनके लिए यह योजना बनाई गई थी।

पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक की शिकायत पर पुलिस की क्राइम ब्रांच ने 20 निजी स्कूलों और 20 मदरसों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। इन संस्थानों ने नियमों को ताक पर रखकर गलत तरीके से छात्रवृत्ति की राशि हासिल की। केंद्र सरकार की अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने भोपाल जिले के 83 शिक्षण संस्थानों को रेड फ्लैग के साथ चिह्नित किया था। इनमें प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक, मेरिट-कम-मीन्स और अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजनाओं में गड़बड़ी की आशंका जताई गई थी। इस चेतावनी के बाद जांच शुरू हुई, जिसने इस बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया।

राज्य सरकार की जांच ने खोली पोल

जब केंद्र सरकार की ओर से चिह्नित संस्थानों की जानकारी राज्य सरकार को मिली, तो मध्य प्रदेश सरकार ने इनकी भौतिक जांच (फिजिकल वेरिफिकेशन) कराने का फैसला किया। इस जांच में चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई। पता चला कि जिन 20 स्कूलों और 20 मदरसों ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर पंजीकरण कराया था, वे केवल कक्षा 8 और 10 तक ही मान्यता प्राप्त थे। इसके बावजूद, इन्होंने कक्षा 11 और 12 के छात्रों का पंजीकरण पोर्टल पर कराया और उनके नाम पर छात्रवृत्ति की राशि ले ली। हैरानी की बात यह है कि ये छात्र इन संस्थानों में पढ़ ही नहीं रहे थे, बल्कि अन्य स्कूलों में पढ़ाई कर रहे थे।

MP News: मदरसों और स्कूलों ने किया स्कॉलरशिप घोटाला, 11वीं-12वीं के फर्जी छात्रों के नाम पर उड़ाए लाखों

छात्रों के नाम पर की गई ठगी

इस घोटाले का सबसे दुखद पहलू यह है कि जिन छात्रों के नाम पर छात्रवृत्ति ली गई, वे असल में इन स्कूलों और मदरसों में दर्ज ही नहीं थे। ये छात्र दूसरी जगह पढ़ रहे थे, लेकिन उनके नाम का दुरुपयोग करके इन संस्थानों ने लाखों रुपये की राशि हड़प ली। केंद्र सरकार की यह छात्रवृत्ति योजना मुस्लिम, जैन, बौद्ध, सिख, ईसाई और पारसी समुदाय के छात्रों के कल्याण के लिए शुरू की गई थी। इसका मकसद इन समुदायों के बच्चों को बेहतर शिक्षा और भविष्य के अवसर प्रदान करना था। लेकिन इस तरह की धोखाधड़ी ने इस नेक मकसद को चोट पहुंचाई है।

पुलिस ने शुरू की जांच, FIR दर्ज

जांच में धोखाधड़ी की पुष्टि होने के बाद, पिछड़े वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक निदेशक योगेंद्र राज ने क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने इस मामले में तुरंत FIR दर्ज की और जांच शुरू कर दी। यह जांच अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हो सकता है। साथ ही, यह भी देखा जा रहा है कि क्या इस तरह की धोखाधड़ी अन्य जिलों या संस्थानों में भी हुई है। पुलिस का कहना है कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की जरूरत

यह घोटाला न केवल एक आर्थिक अपराध है, बल्कि यह उन छात्रों के साथ अन्याय भी है, जिनके लिए यह छात्रवृत्ति योजना बनाई गई थी। इस मामले ने राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल की कार्यप्रणाली और उसकी निगरानी पर भी सवाल उठाए हैं। सरकार को चाहिए कि ऐसी योजनाओं के लिए और सख्त नियम बनाए जाएं और पोर्टल पर पंजीकरण करने वाले संस्थानों की नियमित जांच हो। साथ ही, भौतिक सत्यापन को और प्रभावी करना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की धोखाधड़ी को रोका जा सके। इस मामले की गहन जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से ही ऐसी योजनाओं पर लोगों का भरोसा बना रहेगा।

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