MP News: मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के बमीठा थाना क्षेत्र में खैरी गांव से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है। यहां कुछ गुंडों ने 44 साल के किसान शंकर पटेल के साथ अमानवीय व्यवहार किया। उसे निर्वस्त्र कर पेड़ से बांध दिया गया और लाठियों से तब तक पीटा गया, जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। यह घटना मंगलवार शाम की है, और इसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। शंकर अपनी पत्नी और दो बेटों के साथ खेत में घुसे मवेशियों को हटाने गया था, तभी यह हादसा हुआ। इस क्रूरता ने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि समाज में बढ़ती हिंसा पर भी सवाल खड़े किए हैं।
शंकर पटेल की पत्नी ने पुलिस को बताया कि यह कोई नई घटना नहीं थी। 2003 में इन्हीं गुंडों ने शंकर के पिता की भी हत्या कर दी थी। उस समय भी हत्या का कारण जमीन विवाद बताया गया था। इस बार झगड़ा तब शुरू हुआ, जब शंकर ने खेत में घुसे मवेशियों को हटाने की कोशिश की। इस बात पर नोनेलाल पटेल नाम के व्यक्ति से उसका विवाद हो गया। गुस्से में नोनेलाल और उसके रिश्तेदारों ने शंकर को पकड़ लिया, उसे नंगा किया और पेड़ से बांधकर लाठियों से बेरहमी से पीटा। शंकर का नग्न शरीर पेड़ के पास मिला, जिसमें सिर, हाथ और पैरों पर गंभीर चोट के निशान थे। इस क्रूरता ने गांव में डर और दुख का माहौल बना दिया है।
पुलिस ने छह आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए नौ लोगों के खिलाफ भादंसं की धारा 103 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया, जिनमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं। इनमें से छह आरोपियों – नोनेलाल पटेल, रामप्यारे पटेल, किशोरीलाल पटेल, सखी पटेल, अनीता पटेल और रामकुमारी पटेल – को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी तीन आरोपी अभी फरार हैं, जिनकी तलाश में पुलिस छापेमारी कर रही है। सहायक पुलिस अधीक्षक (ASP) विदिता डागर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला है कि यह हत्या मवेशियों के खेत में घुसने को लेकर हुए मामूली विवाद से शुरू हुई थी। इस मामले ने ग्रामीण इलाकों में कानून-व्यव च्छवस्था की स्थिति पर सवाल उठाए हैं।
इंदौर में मॉब लिंचिंग का मामला
दूसरी ओर, इंदौर के चंदननगर थाना क्षेत्र में एक और चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक 13 साल की नाबालिग लड़की के अपहरण और बलात्कार के आरोपी को भीड़ ने इतना पीटा कि उसकी मौत हो गई। यह घटना सिरपुर इलाके के राम बलराम नगर की है। मृतक का नाम विष्णु दीनू यादव था, जो नर्मदापुरम का रहने वाला था। वह सिरपुर में सांवरिया टेंट हाउस में काम करता था। बुधवार सुबह स्थानीय लोगों ने उसे लड़की के साथ टेंट हाउस के गोदाम में आपत्तिजनक हालत में पकड़ा। गुस्साई भीड़ ने उसे बलात्कार का आरोपी मानकर लाठियों से बुरी तरह पीटा और फिर पुलिस स्टेशन ले गई।
पुलिस ने गिरफ्तारी से किया इनकार, अस्पताल में मौत
चंदननगर थाने में विष्णु की हालत इतनी खराब थी कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने से इनकार कर दिया। टेंट हाउस के मालिक शाश्वत ने उसे गंभीर हालत में MY अस्पताल में भर्ती कराया, जहां यह दावा किया गया कि वह छत से गिर गया था। डॉक्टरों ने विष्णु का इलाज किया और दोपहर में उसे घर भेज दिया। लेकिन शाम को उसकी घर पर ही मौत हो गई। थाना प्रभारी (TI) इंद्रामणि पटेल ने बताया कि विष्णु के शरीर पर चोटों के निशान थे और आंतरिक चोटें भी थीं। गुरुवार को पोस्टमॉर्टम के बाद मौत का सही कारण पता चलेगा। इस मामले में भीड़ द्वारा की गई हिंसा ने कानून को अपने हाथ में लेने की खतरनाक प्रवृत्ति को फिर से उजागर किया है।
समाज और कानून के लिए चुनौती
ये दोनों घटनाएं मध्य प्रदेश में बढ़ती मॉब लिंचिंग और हिंसा की गंभीर समस्या को दर्शाती हैं। खैरी गांव में शंकर पटेल की हत्या पुरानी रंजिश और सामाजिक तनाव का नतीजा है, जबकि इंदौर में विष्णु की मॉब लिंचिंग से यह सवाल उठता है कि क्या भीड़ को कानून अपने हाथ में लेने का हक है? दोनों मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की, लेकिन ये घटनाएं समाज में जागरूकता और कानूनी व्यवस्था की मजबूती की जरूरत को दिखाती हैं। प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए और लोगों में कानून के प्रति भरोसा जगाए। साथ ही, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शिक्षा और जागरूकता अभियान चलाकर ऐसी हिंसक मानसिकता को खत्म करने की जरूरत है।