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MP News: आदिवासी युवक पर दरिंदगी, धाबा मालिक ने की पिटाई, गाल पर थूका, पेशाब पिलाने की कोशिश

On: July 4, 2025 11:50 AM
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MP News: आदिवासी युवक पर दरिंदगी, धाबा मालिक ने की पिटाई, गाल पर थूका, पेशाब पिलाने की कोशिश
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MP News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले से एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक आदिवासी युवक ने ढाबा मालिक राजा चौकसे पर बर्बरता का आरोप लगाया है। यह मामला हर्रई थाना क्षेत्र के तुइयापानी गांव का है। पीड़ित युवक राजकुमार बट्टी ने बताया कि उसका ढाबा मालिक राजा चौकसे के साथ किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। इसके बाद राजा ने उसे बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। युवक का कहना है कि राजा ने न केवल उसे सार्वजनिक रूप से पीटा, बल्कि उसके चेहरे पर गुटखा थूक दिया और पेशाब पिलाने की कोशिश भी की। इस क्रूरता ने न सिर्फ पीड़ित को शारीरिक और मानसिक रूप से आहत किया, बल्कि पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया। इस घटना ने एक बार फिर आदिवासी समुदाय के साथ हो रहे अन्याय को उजागर किया है।

इस घटना के बाद मामला तब और बिगड़ गया, जब पुलिस ने आरोपी राजा चौकसे को गिरफ्तार तो किया, लेकिन कुछ ही समय बाद उसे रिहा कर दिया। इस कार्रवाई से गुस्साए ग्रामीणों ने न्याय की मांग को लेकर सड़कों पर उतरने का फैसला किया। तुइयापानी और आसपास के तीन गांवों के लोग एकजुट हुए और उन्होंने नरसिंहपुर रोड को जाम कर दिया। ग्रामीणों ने पंचायत बुलाकर सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया कि जब तक राजा चौकसे को दोबारा गिरफ्तार नहीं किया जाता और उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती, वे सड़क जाम रखेंगे। मौके पर पहुंचे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को ग्रामीणों के गुस्से का सामना करना पड़ा। यह प्रदर्शन न केवल पीड़ित युवक के लिए न्याय की मांग था, बल्कि यह भी दिखाता है कि लोग अब पुलिस की नरमी के खिलाफ खुलकर सामने आ रहे हैं।

पुरानी रंजिश का नतीजा?

छिंदवाड़ा के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अजय पांडे ने इस मामले पर अपनी बात रखी। उन्होंने बताया कि पीड़ित राजकुमार बट्टी और आरोपी राजा चौकसे के ढाबे एक-दूसरे के सामने हैं, जिसके चलते दोनों के बीच पुरानी रंजिश थी। यह विवाद पैसे के लेन-देन को लेकर शुरू हुआ, जिसमें राजकुमार के चचेरे भाइयों, आफत बट्टी और नवीन बट्टी, का भी राजा के साथ झगड़ा हुआ था। एसपी पांडे ने कहा कि युवक की शिकायत पर राजा चौकसे को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन शुरुआती शिकायत में गुटखा थूकने या पेशाब पिलाने जैसे बर्बरता के आरोप नहीं थे। अब ग्रामीणों के विरोध और नई शिकायत के बाद पुलिस ने मामले की दोबारा जांच शुरू कर दी है। इस जांच में यह पता लगाया जा रहा है कि क्या वाकई ऐसी अमानवीय हरकतें हुईं, जैसा कि पीड़ित और ग्रामीणों ने दावा किया है।

MP News: आदिवासी युवक पर दरिंदगी, धाबा मालिक ने की पिटाई, गाल पर थूका, पेशाब पिलाने की कोशिश

जांच में जुटी आर्थिक अपराध शाखा

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मध्य प्रदेश की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने भी जांच शुरू कर दी है। EOW की टीम यह पता लगाने में जुटी है कि क्या यह घटना सिर्फ व्यक्तिगत रंजिश का नतीजा थी, या इसके पीछे कोई बड़ा संगठित गिरोह काम कर रहा है। छिंदवाड़ा में पहले भी आदिवासी समुदाय के खिलाफ हिंसा और शोषण के कई मामले सामने आ चुके हैं, जिसके चलते इस घटना ने स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर ध्यान खींचा है। विपक्ष के नेता उमंग सिंघर ने भी इस मामले को उठाया और सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर राजकुमार बट्टी के साथ हुई बर्बरता की निंदा की। हालांकि, जिला प्रशासन ने उनके कुछ दावों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस की प्रारंभिक रिपोर्ट में ऐसी बर्बरता का जिक्र नहीं है। फिर भी, ग्रामीणों के आक्रोश को देखते हुए यह मामला अब और गंभीर हो गया है।

उत्तर प्रदेश में भी मारपीट का मामला

इस बीच, उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले में भी मारपीट का एक और मामला सामने आया है, जो इस तरह की हिंसा की गंभीरता को और उजागर करता है। टिकुलहिया गांव के टोंगरी बाग में निचलौल के रहने वाले आशीष ने अपनी शिकायत में बताया कि उसका भाई आदित्य अपने दोस्तों के साथ किसी काम से वहां गया था। वहां कुछ असामाजिक तत्वों ने बिना किसी वजह के आदित्य और उसके दोस्तों पर गालियां देना शुरू कर दिया। जब उन्होंने इसका विरोध किया, तो उन लोगों ने आदित्य की जबड़े पर गंभीर चोट पहुंचाई और उसके दोस्तों को भी पीटा। इतना ही नहीं, विरोध करने पर उन लोगों ने जान से मारने की धमकी भी दी। इस मामले में पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है, लेकिन अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। यह घटना भी सामाजिक हिंसा और कानून व्यवस्था की कमजोरी को दर्शाती है।

समाज और प्रशासन के लिए चुनौती

छिंदवाड़ा और महराजगंज की इन घटनाओं ने एक बार फिर समाज में बढ़ती हिंसा और आदिवासी समुदाय के साथ हो रहे अन्याय को उजागर किया है। छिंदवाड़ा में राजकुमार बट्टी के साथ हुई बर्बरता और पुलिस की शुरूआती नरमी ने ग्रामीणों का गुस्सा भड़का दिया, जिसके चलते उन्होंने सड़क जाम कर न्याय की मांग की। वहीं, महराजगंज में आदित्य और उसके दोस्तों पर हमला दिखाता है कि छोटी-छोटी बातों पर हिंसा कितनी जल्दी भड़क सकती है। दोनों ही मामलों में पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है, लेकिन यह सवाल बना हुआ है कि क्या ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन के पास कोई ठोस योजना है? छिंदवाड़ा के एसपी अजय पांडे ने भरोसा दिलाया है कि दोबारा जांच में सभी तथ्यों को सामने लाया जाएगा और दोषियों को सजा मिलेगी। लेकिन इन घटनाओं ने समाज और प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है, कि कैसे ऐसी हिंसा को रोका जाए और पीड़ितों को त्वरित न्याय दिया जाए।

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