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MP News: पंडाल हादसे के बाद सादगी से जन्मदिन! क्या बाबा बागेश्वर का नया मिशन बदल देगा समाज की सोच

On: July 5, 2025 2:26 PM
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MP News: पंडाल हादसे के बाद सादगी से जन्मदिन! क्या बाबा बागेश्वर का नया मिशन बदल देगा समाज की सोच
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MP News: शुक्रवार, 4 जुलाई 2025 को बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जिन्हें लोग प्यार से बाबा बागेश्वर के नाम से जानते हैं, ने अपना 29वां जन्मदिन बेहद सादगी और उत्साह के साथ मनाया। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में बागेश्वर धाम पर लाखों भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा। चारों तरफ जय श्री राम और हिंदू राष्ट्र के नारों की गूंज थी। भक्तों का जोश देखते ही बनता था। लेकिन एक दिन पहले पंडाल गिरने की दुर्घटना की वजह से बाबा ने कई आयोजनों को रद्द कर दिया और अपने जन्मदिन को सादगी के साथ मनाया। इस मौके पर उन्होंने हिंदू राष्ट्र के अपने संकल्प को फिर से दोहराया और कहा कि देश की सबसे बड़ी बीमारी, जातिवाद, को खत्म करने के लिए वो गली-गली, गांव-गांव जाएंगे। वो हर हिंदू को गले लगाकर हिंदुत्व का विचार भरेंगे। बाबा का ये संदेश सुनकर भक्तों में एक नई ऊर्जा का संचार हुआ।

बाबा बागेश्वर ने अपने जन्मदिन पर भक्तों से अनोखा तोहफा मांगा। उन्होंने कहा कि उन्हें न कोई धन-दौलत चाहिए, न कोई कीमती सामान। वो चाहते हैं कि भक्त हिंदू राष्ट्र का संकल्प लें, जातिवाद से मुक्ति पाएं, धर्मांतरण पर पूर्ण विराम लगे, और भारत को विश्व गुरु बनाया जाए। इसके साथ ही उन्होंने सनातनी झंडा विश्व में फहराने की बात कही। बाबा ने ये भी कहा कि हमें ऐसा कुछ करना है कि विश्व में युद्ध की स्थिति न आए। उनका ये संदेश न सिर्फ भक्तों के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा संदेश था। बागेश्वर धाम की इस सादगी भरी जन्मदिन की रौनक ने ये साबित कर दिया कि बाबा का प्रभाव अब सिर्फ छतरपुर तक सीमित नहीं, बल्कि देश-विदेश में फैल चुका है।

भक्तों का जोश और दक्षिण भारत में सनातन की गूंज

बागेश्वर धाम पर जन्मदिन के मौके पर भक्तों का उत्साह चरम पर था। देश के कोने-कोने से लोग बाबा के दर्शन करने और उन्हें जन्मदिन की बधाई देने पहुंचे। खास बात ये थी कि चेन्नई से आए भक्तों ने धाम पर हिंदू राष्ट्र के नारे लगाए और बाबा को सबसे बड़ा मार्गदर्शक बताया। इन भक्तों ने ऐलान किया कि जल्द ही दक्षिण भारत में बाबा का दिव्य दरबार लगेगा। दक्षिण में भी सनातन धर्म का परचम लहराने की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बाबा ने इस मौके पर अपनी अगली योजना का भी खुलासा किया। उन्होंने बताया कि वो जल्द ही भक्तों के साथ एक पदयात्रा करेंगे, जो बृज क्षेत्र की ओर जाएगी। इस पदयात्रा का मकसद हिंदू एकता को और मजबूत करना और सनातन मूल्यों को फैलाना है।

MP News: पंडाल हादसे के बाद सादगी से जन्मदिन! क्या बाबा बागेश्वर का नया मिशन बदल देगा समाज की सोच

बाबा ने अपने जन्मदिन पर कुछ देर के लिए भक्तों के बीच आकर अपना संकल्प दोहराया और भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया। उन्होंने साफ किया कि उनकी टीम में कौन-कौन शामिल है और वो अपने मिशन को कैसे आगे बढ़ाएंगे। भक्तों ने बाबा के इस जोश और उनकी सादगी को देखकर खूब तालियां बजाईं। चेन्नई के भक्तों का कहना था कि बाबा का संदेश अब दक्षिण भारत में भी गूंजेगा और वहां के लोग भी सनातन धर्म के साथ जुड़ेंगे। ये देखकर साफ हो गया कि बाबा का प्रभाव अब सिर्फ मध्य प्रदेश या उत्तर भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे देश में उनकी बात सुनी जा रही है।

हिंदुत्व का चेहरा बन गए धीरेंद्र शास्त्री

कुछ साल पहले तक धीरेंद्र शास्त्री का नाम सिर्फ छतरपुर और आसपास के इलाकों तक सीमित था, लेकिन आज वो हिंदुत्व का एक बड़ा चेहरा बन चुके हैं। बिहार, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, दिल्ली, झारखंड, गुजरात जैसे राज्यों में उनकी कथा का डंका बज रहा है। उनकी लोकप्रियता का आलम ये है कि ऑस्ट्रेलिया, फिजी, न्यूजीलैंड जैसे देशों से भी लोग उन्हें कथा के लिए बुलाते हैं। वहां के भक्त करोड़ों रुपये खर्च करके उनके दरबार को सजाते हैं। बाबा की खासियत ये है कि वो अपनी कथाओं और दरबार में न सिर्फ चमत्कारों की बात करते हैं, बल्कि हिंदू राष्ट्र और सनातन धर्म की भावना को जगाते हैं। भारतीय राजनीति में भी उनकी चर्चा अब चमत्कारों से ज्यादा हिंदुत्व के लिए हो रही है।

धीरेंद्र शास्त्री ने अपने छोटे से जीवन में ही इतना बड़ा प्रभाव डाला है कि लाखों लोग उनकी बात सुनने को आतुर रहते हैं। वो जहां भी जाते हैं, वहां हिंदू राष्ट्र का नारा बुलंद करते हैं। उनकी कथाओं में लोग न सिर्फ धार्मिक प्रवचन सुनने आते हैं, बल्कि उनके द्वारा बताए गए हिंदुत्व के रास्ते पर चलने का संकल्प भी लेते हैं। बागेश्वर धाम में हर मंगलवार और शनिवार को लगने वाला उनका दिव्य दरबार लाखों लोगों की आस्था का केंद्र है। वहां वो भक्तों की अर्जी सुनते हैं, उनकी समस्याओं का समाधान करते हैं और सनातन धर्म की महिमा का बखान करते हैं। बाबा का कहना है कि वो तब तक रुकेंगे नहीं, जब तक हिंदू एकता और सनातन धर्म का परचम विश्व में नहीं लहराएगा।

जातिवाद मिटाने और विश्व शांति का संदेश

बाबा बागेश्वर ने अपने जन्मदिन पर एक बार फिर जातिवाद को देश की सबसे बड़ी बीमारी बताया। उन्होंने कहा कि जब तक हिंदू समाज में जाति का भेदभाव खत्म नहीं होगा, तब तक एकता संभव नहीं है। इसके लिए वो हर गली, हर गांव, हर कोने तक जाएंगे और लोगों को हिंदुत्व की भावना से जोड़ेंगे। बाबा ने भक्तों से अपील की कि वो जात-पात को भूलकर सिर्फ हिंदू बनें और अपने नाम के साथ हिंदू शब्द जोड़ें। उनका मानना है कि इससे एक नई क्रांति आएगी। इसके साथ ही उन्होंने धर्मांतरण पर रोक लगाने की बात कही। बाबा ने कहा कि वो उन लोगों को वापस सनातन धर्म में लाएंगे, जो किसी कारणवश इससे भटक गए हैं।

बाबा का एक और बड़ा संदेश था विश्व शांति। उन्होंने कहा कि हमें ऐसा कुछ करना है कि विश्व में युद्ध की स्थिति न आए। इसके लिए वो सनातनी झंडा विश्व में फहराने का सपना देखते हैं। बाबा की ये बातें सुनकर भक्तों में जोश भर गया। उनकी पदयात्रा, जो बृज क्षेत्र की ओर जाएगी, इस संदेश को और मजबूत करेगी। बागेश्वर धाम के इस युवा संत ने अपनी सादगी, जोश और हिंदुत्व के प्रति समर्पण से लाखों लोगों का दिल जीत लिया है। आज वो न सिर्फ एक धार्मिक गुरु हैं, बल्कि हिंदू एकता और सनातन धर्म के प्रचार के लिए एक बड़ा प्रतीक बन चुके हैं।

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