MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में एक दर्दनाक सड़क हादसे ने सबको हिलाकर रख दिया। इस हादसे में एक मां और उनकी बेटी की जान चली गई। पुलिस ने रविवार को बताया कि इस मामले में एक बीजेपी पार्षद के 27 साल के बेटे और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया गया है। आरोप है कि पार्षद के बेटे ने अपनी थार गाड़ी से मां-बेटी को कुचल दिया। ये हादसा शुक्रवार रात को हुआ, लेकिन आरोपी ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और गाड़ी को भी छिपाने का प्रयास किया। इस खबर ने पूरे शहर में हंगामा मचा दिया है।
पुलिस के मुताबिक, ये हादसा ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र में मोतीझील के पास शुक्रवार रात को हुआ। उस वक्त एक तेज रफ्तार थार गाड़ी ने रास्ते में जा रही मां-बेटी को कुचल दिया। मां का नाम गोरा देवी (55 साल) और बेटी का नाम गौरी कुशवाहा (35 साल) था। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन तब तक गाड़ी चला रहा शख्स मौके से फरार हो चुका था। इस घटना ने लोगों में गुस्सा भर दिया, क्योंकि आए दिन तेज रफ्तार गाड़ियों की वजह से ऐसे हादसे हो रहे हैं।
पुलिस की जांच और गिरफ्तारी
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निरंजन शर्मा ने बताया कि पुलिस ने तुरंत मामले की जांच शुरू की। शुरुआत में तो आरोपी का पता नहीं चला, लेकिन जब पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, तो सच्चाई सामने आ गई। जांच में पता चला कि गाड़ी हर्ष राय (27 साल) चला रहा था, जो बीजेपी पार्षद रेखा राय का बेटा है। हर्ष के पिता चंदन राय भी पहले पार्षद रह चुके हैं। पुलिस ने जब हर्ष को पकड़ने की कोशिश की, तो उसने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। उसने कहा कि उसका दोस्त गाड़ी लेकर गया था। लेकिन पुलिस ने सबूतों के आधार पर हर्ष और उसके एक दोस्त को गिरफ्तार कर लिया।
आरोपी की चालाकी
पुलिस ने बताया कि हर्ष ने न सिर्फ पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, बल्कि उसने थार गाड़ी को भी छिपाने का प्रयास किया। वो नहीं चाहता था कि पुलिस को गाड़ी का कोई सुराग मिले। लेकिन पुलिस ने अपनी जांच को और तेज किया और सीसीटीवी फुटेज से मिले सबूतों के दम पर हर्ष की सारी चालाकी को नाकाम कर दिया। निरंजन शर्मा ने कहा कि पुलिस ने गाड़ी को बरामद कर लिया है और अब मामले की गहन जांच चल रही है। ये भी देखा जा रहा है कि कहीं हादसे के वक्त हर्ष नशे में तो नहीं था। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर पुलिस ने तेजी नहीं दिखाई होती, तो शायद आरोपी बच निकलता।
परिवार का दर्द और जनता का गुस्सा
इस हादसे ने गोरा देवी और गौरी कुशवाहा के परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया। परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। गोरा देवी और गौरी अपने पीछे एक टूटा हुआ परिवार छोड़ गईं। स्थानीय लोगों में इस हादसे को लेकर जबरदस्त गुस्सा है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक तेज रफ्तार गाड़ियां मासूमों की जान लेती रहेंगी? कुछ लोगों ने तो ये भी कहा कि क्योंकि आरोपी एक पार्षद का बेटा है, इसलिए उसे बचाने की कोशिश की जा सकती है। लेकिन पुलिस ने भरोसा दिलाया है कि मामले में कोई ढील नहीं बरती जाएगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।
कानून-व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर मध्य प्रदेश में सड़क सुरक्षा और कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। लोग कह रहे हैं कि शहर में बिना किसी डर के तेज रफ्तार गाड़ियां दौड़ रही हैं और पुलिस का उन पर कोई अंकुश नहीं है। कुछ लोग ये भी कह रहे हैं कि अगर आरोपी किसी रसूखदार परिवार से नहीं होता, तो शायद उसे तुरंत सजा मिल जाती। इस मामले ने सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ लिया है, जहां लोग सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। पुलिस ने कहा कि वो इस मामले को गंभीरता से ले रही है और जल्द ही चार्जशीट दाखिल की जाएगी। उधर, मृतकों के परिवार ने इंसाफ की गुहार लगाई है। वो चाहते हैं कि दोषियों को ऐसी सजा मिले, जो दूसरों के लिए नजीर बने।