MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक दर्दनाक हादसा हुआ। सुक्खीसेनिया आर्मी फायरिंग रेंज में ट्रेनिंग के दौरान एक सैनिक की जान चली गई। यह हादसा उस वक्त हुआ जब एक ड्रोन से गिराया गया डमी बम, जो करीब चार किलो से ज्यादा वजन का था, गलती से एक सैनिक के ऊपर जा गिरा। इस हादसे में गंभीर रूप से घायल हुए सैनिक का नाम हवलदार विजय सिंह था, जो उत्तराखंड के रहने वाले थे। विजय सिंह बैरागढ़ में सर्विस ऑफिस में तैनात थे। उनकी इस असमय मृत्यु से पूरे फायरिंग रेंज और आर्मी ऑफिस में शोक की लहर दौड़ गई।
बताया जा रहा है कि हवलदार विजय सिंह उस दिन नियमित ट्रेनिंग का हिस्सा थे, जिसमें ड्रोन से बम गिराने की प्रैक्टिस की जा रही थी। यह ट्रेनिंग रेंज में चल रही थी, और सब कुछ सामान्य लग रहा था। लेकिन अचानक करीब 400 फीट की ऊंचाई से गिराया गया डमी बम गलत दिशा में चला गया और सीधे विजय सिंह के सिर पर जा गिरा। बम के गिरते ही विजय सिंह वहीं बेहोश होकर गिर पड़े। उनके साथ मौजूद अन्य सैनिकों ने तुरंत उन्हें उठाया और आर्मी अस्पताल पहुंचाया। लेकिन, गंभीर चोटों की वजह से डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके। यह खबर सुनते ही वहां मौजूद हर किसी का दिल दहल गया।
तकनीकी खराबी और मानवीय गलती बनी हादसे की वजह
शुरुआती जांच में पता चला है कि यह हादसा तकनीकी खराबी और मानवीय गलती की वजह से हुआ। ड्रोन से गिराया गया डमी बम उस जगह पर नहीं गिरा, जहां उसे गिरना था। गलत दिशा में बम के गिरने की वजह से यह भयानक हादसा हो गया। जैसे ही इस घटना की सूचना आर्मी और स्थानीय पुलिस को मिली, दोनों ने तुरंत कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और हादसे की वजहों की गहन जांच शुरू कर दी गई है। आर्मी ने भी इस मामले में तकनीकी और प्रशासनिक जांच के आदेश दे दिए हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
अस्पताल में अंतिम विदाई और शोक की लहर
विजय सिंह की मृत्यु की खबर मिलते ही सुक्खीसेनिया फ Firing रेंज और बैरागढ़ के आर्मी ऑफिस में मातम छा गया। उनके पार्थिव शरीर को आर्मी अस्पताल ले जाया गया, जहां पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या of सैनिक और अधिकारी अस्पताल पहुंचे और हवलदार विजय सिंह को अंतिम श्रद्धांजलि दी। हर किसी की आंखें नम थीं, और सभी इस बात से स्तब्ध थे कि एक नियमित ट्रेनिंग का हिस्सा इतनी बड़ी tragedy में बदल जाएगा। विजय सिंह की बहादुरी और समर्पण को याद करते हुए उनके साथियों ने उन्हें भावपूर्ण विदाई दी।
पुलिस और आर्मी इस मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। तकनीकी खराबी के साथ-साथ यह भी देखा जा रहा है कि क्या कोई मानवीय गलती इस हादसे का कारण बनी। ड्रोन और उससे जुड़े उपकरणों की जांच की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि बम गलत दिशा में क्यों गया। आर्मी ने साफ कर दिया है कि इस तरह के हादसों को रोकने के लिए ट्रेनिंग प्रक्रियाओं की समीक्षा की जाएगी। साथ ही, ड्रोन और अन्य उपकरणों की तकनीकी जांच को और सख्त करने के निर्देश दिए गए हैं। इस हादसे ने सभी को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि ट्रेनिंग के दौरान सुरक्षा के क्या-क्या इंतजाम किए जाने चाहिए।
एक सैनिक का बलिदान और उसका सम्मान
हवलदार विजय सिंह की मृत्यु न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे आर्मी समुदाय के लिए एक बड़ा झटका है। उत्तराखंड के इस वीर सैनिक ने अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए अपनी जान गंवाई। उनकी इस कुर्बानी को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। आर्मी और स्थानीय प्रशासन ने उनके परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। इस हादसे ने एक बार फिर यह याद दिलाया है कि सैनिक न केवल युद्ध के मैदान में, बल्कि ट्रेनिंग के दौरान भी अपनी जान जोखिम में डालते हैं। विजय सिंह जैसे सैनिकों की बहादुरी और बलिदान हमेशा हमें प्रेरित करता रहेगा।