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Mann Ki Baat episode 123: 123वें एपिसोड में मोदी ने कहा तेल 10 प्रतिशत घटाएं, सेहत भी सुधरेगी और देश भी

Mann Ki Baat episode 123: 123वें एपिसोड में मोदी ने कहा तेल 10 प्रतिशत घटाएं, सेहत भी सुधरेगी और देश भी

Mann Ki Baat episode 123: 29 जून 2025 को रविवार के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय रेडियो कार्यक्रम मन की बात का 123वां एपिसोड प्रसारित हुआ। 22 भाषाओं में प्रस्तुत इस कार्यक्रम में PM ने योग दिवस से लेकर आपातकाल, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने जैसे कई विषयों पर देशवासियों से संवाद किया। इस बार का एपिसोड इसलिए भी खास था, क्योंकि यह गणतंत्र दिवस से ठीक एक हफ्ते पहले प्रसारित हुआ, और PM ने देशवासियों को 75वें गणतंत्र दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं दीं। आइए, इस एपिसोड की प्रमुख बातों को और करीब से जानते हैं और समझते हैं कि PM ने किन मुद्दों पर जोर दिया।

मन की बात की शुरुआत PM मोदी ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की भव्यता से की। उन्होंने बताया कि योग अब एक वैश्विक उत्सव बन चुका है, जो भारत की अनमोल देन है। तेलंगाना में दिव्यांगजनों के योग से लेकर कश्मीर में सैनिकों के योग तक, PM ने हर क्षेत्र में योग की पहुंच को सराहा। उन्होंने 21 जून 2025 को हुए योग दिवस की थीम “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” का जिक्र किया, जो पूरी दुनिया को स्वस्थ बनाने की भारत की सोच को दर्शाता है। इसके अलावा, PM ने अमरनाथ यात्रा, जो 3 जुलाई से शुरू हो रही है, और हाल ही में संपन्न हुई जगन्नाथ रथ यात्रा का भी उल्लेख किया। उन्होंने उन लोगों की तारीफ की जो इन धार्मिक यात्राओं में तीर्थयात्रियों की मदद करते हैं। PM ने माउंट कैलाश का जिक्र करते हुए कहा कि ऐसी यात्राएं हमारी आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करती हैं।

आपातकाल: लोकतंत्र की रक्षा का सबक

PM मोदी ने 1975 के आपातकाल को याद करते हुए इसे भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय बताया। उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता छीन ली गई थी, लोगों पर अत्याचार हुए, और मनमाने ढंग से गिरफ्तारियां की गईं। लेकिन भारतीय जनता ने हार नहीं मानी और आपातकाल के बाद हुए चुनावों में इसे लगाने वालों को करारा जवाब दिया। PM ने उन लोगों को याद करने की अपील की, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया और लोकतंत्र की रक्षा की। उन्होंने कहा कि यह हमें हमारा संविधान बचाने की ताकत देता है। यह संदेश आज के दौर में भी प्रासंगिक है, क्योंकि यह हमें लोकतांत्रिक मूल्यों की अहमियत याद दिलाता है। PM ने यह भी कहा कि 75वें गणतंत्र दिवस पर हमें संविधान सभा के उन महान लोगों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए, जिन्होंने हमें यह पवित्र संविधान दिया।

PM ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों पर गर्व जताया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत को ट्रैकोमा मुक्त देश घोषित किया है, जो एक बड़ी उपलब्धि है। ट्रैकोमा एक ऐसी आंखों की बीमारी थी, जो इलाज न होने पर अंधापन तक ले जा सकती थी। भारत सरकार ने इसे खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए, और न केवल बीमारी को खत्म किया, बल्कि इसके कारणों को भी जड़ से उखाड़ा। इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए PM ने बताया कि भारत में 64% लोग किसी न किसी सामाजिक सुरक्षा योजना का लाभ उठा रहे हैं। 2014 तक यह आंकड़ा बहुत कम था, लेकिन अब इसमें जबरदस्त सुधार हुआ है। यह सामाजिक न्याय का एक शानदार उदाहरण है। PM ने लोगों से अपने खाने में तेल की मात्रा 10% कम करने की भी अपील की, ताकि स्वस्थ जीवन को बढ़ावा मिले।

मेघालय का एरी सिल्क और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा

PM ने मेघालय के एरी सिल्क की तारीफ की, जिसे हाल ही में जीआई टैग मिला है। यह सिल्क सर्दियों में गर्मी और गर्मियों में ठंडक देता है, और इसकी खासियत यह है कि इसके उत्पादन में रेशम के कीड़ों को नहीं मारा जाता। खासी समुदाय ने इस कला को पीढ़ियों से संजोकर रखा है। PM ने देशवासियों से अपील की कि वे इस सिल्क का इस्तेमाल जरूर करें। साथ ही, उन्होंने “वोकल फॉर लोकल” का नारा दोहराते हुए सभी से स्थानीय उत्पाद खरीदने और दुकानदारों से स्थानीय सामान बेचने की अपील की। उन्होंने कर्नाटक की कल्बुर्गी रोटी और मध्य प्रदेश की सुमन उइके का उदाहरण दिया, जो अपनी मेहनत से न केवल अपनी, बल्कि देश की तकदीर बदल रही हैं। ये कहानियां हमें आत्मनिर्भर भारत की ताकत दिखाती हैं।

सिन्दूर वन और पर्यावरण संरक्षण की मिसाल

PM ने अहमदाबाद नगर निगम के सिन्दूर वन का जिक्र किया, जो ऑपरेशन सिन्दूर के नायकों को समर्पित है। इस वन में सिन्दूर के पौधे लगाए गए हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ देशभक्ति का प्रतीक है। इसके अलावा, उन्होंने पुणे के एक व्यक्ति का उदाहरण दिया, जो अपने पूरे परिवार के साथ हर छुट्टी पर जंगल में पेड़ लगाने और पानी के गड्ढे खोदने जाता है। इस प्रयास से वहां का पर्यावरण बेहतर हुआ है, और पक्षी फिर से लौटने लगे हैं। PM ने बोरोलैंड के फुटबॉल टूर्नामेंट का भी उल्लेख किया, जिसमें हजारों टीमें हिस्सा लेती हैं। बोरोलैंड, जो कभी संघर्ष के लिए जाना जाता था, अब मुख्यधारा में शामिल होकर असम से बाहर अपनी पहचान बना रहा है।

अंतरिक्ष मिशन और शुभांशु शुक्ला की उपलब्धि

अंत में, PM ने भारत के अंतरिक्ष मिशन और ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की उपलब्धियों की सराहना की। शुभांशु, जो अभी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर हैं, ने PM से बातचीत में बताया कि अंतरिक्ष से भारत बहुत भव्य और विशाल दिखता है। PM ने हल्के-फुल्के अंदाज में उनसे पूछा कि क्या वे गाजर का हलवा अपने साथ ले गए, जिस पर शुभांशु ने बताया कि उन्होंने अपने विदेशी सहयोगियों के साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आम रस साझा किया। यह पल भारत की समृद्ध खानपान संस्कृति को वैश्विक मंच पर ले जाने का प्रतीक था। PM ने कहा कि शुभांशु भले ही मातृभूमि से दूर हैं, लेकिन वे 140 करोड़ भारतीयों के दिल के सबसे करीब हैं। यह संवाद भारत की वैज्ञानिक प्रगति और सांस्कृतिक गौरव को दर्शाता है।

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