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Maharashtra Assembly Elections: चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को ईमेल भेजकर दिया जवाब, कहा- प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक थी

Maharashtra Assembly Elections: चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को ईमेल भेजकर दिया जवाब, कहा- प्रक्रिया पूरी तरह वैधानिक थी

Maharashtra Assembly Elections में धांधली के कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आरोपों पर चुनाव आयोग ने जवाब दिया है। 12 जून को भेजे गए एक ईमेल में आयोग ने साफ किया कि चुनाव पूरी तरह से संसद द्वारा पारित कानूनों और निर्धारित नियमों के तहत कराए गए हैं। आयोग ने राहुल गांधी को बताया कि अगर कांग्रेस या उनके उम्मीदवारों को कोई आपत्ति थी, तो उन्हें हाई कोर्ट में चुनाव याचिका दायर करनी चाहिए थी। साथ ही, आयोग ने आश्वासन दिया कि अगर राहुल गांधी को अभी भी कोई शिकायत है, तो वे इसे लिखित रूप में भेज सकते हैं। इतना ही नहीं, आयोग ने राहुल गांधी को व्यक्तिगत मुलाकात के लिए समय तय करने का प्रस्ताव भी दिया। इस जवाब से साफ है कि चुनाव आयोग अपनी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर पूरा भरोसा रखता है।

चुनाव आयोग ने अपने पत्र में बताया कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव एक विकेंद्रीकृत प्रणाली के तहत कराए गए। इस प्रक्रिया में 1 लाख से ज्यादा बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ), 288 इलेक्शन रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ), 139 जनरल ऑब्जर्वर, 41 पुलिस ऑब्जर्वर, 71 खर्च ऑब्जर्वर और 288 इलेक्शन ऑफिसर (आरओ) शामिल थे। इतने बड़े स्तर पर काम करने वाली इस व्यवस्था में हर कदम पर पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की गई। आयोग ने कहा कि इतने सारे लोग और संसाधन लगने के बाद भी अगर कोई सवाल उठता है, तो उसे ठोस सबूतों के साथ सामने लाना चाहिए। ये जवाब राहुल गांधी के हाल के सवालों के जवाब में दिया गया, जिसमें उन्होंने वोटर टर्नआउट में बढ़ोतरी पर सवाल उठाए थे।

बूथ लेवल एजेंट्स और पारदर्शिता के इंतजाम

आयोग ने आगे बताया कि पूरे महाराष्ट्र में राजनीतिक दलों ने 1,08,026 बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) नियुक्त किए थे, जिनमें से 28,421 कांग्रेस के एजेंट्स थे। ये एजेंट्स हर बूथ पर नजर रखते हैं ताकि कोई गड़बड़ी न हो। आयोग ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर चुनाव प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए हर जरूरी इंतजाम किया गया था। हर बूथ पर निगरानी, हर मतदाता की जांच और हर प्रक्रिया को सावधानी से पूरा किया गया। आयोग का कहना है कि इतने सारे लोग और प्रणालियां एक साथ काम कर रही थीं, फिर भी अगर कोई शिकायत है, तो उसे सही तरीके से कानूनी रास्ते पर लाना चाहिए।

राहुल गांधी का फडणवीस पर निशाना

दूसरी ओर, मंगलवार को राहुल गांधी ने एक बार फिर चुनाव आयोग और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि फडणवीस के दक्षिण-पश्चिम नागपुर निर्वाचन क्षेत्र में लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच सिर्फ पांच महीनों में वोटरों की संख्या में 8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। राहुल ने दावा किया कि मीडिया ने ऐसे हजारों वोटरों का पता लगाया, जिनके पास कोई आधिकारिक आवासीय पता भी नहीं था। उन्होंने इसे ‘वोट चोरी’ का एक तरीका बताया। राहुल का ये बयान सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में रहा और इसने महाराष्ट्र की सियासत में एक नया तूफान खड़ा कर दिया।

राहुल गांधी के इन आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ट्वीट कर करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को महाराष्ट्र में हार का दर्द दिन-ब-दिन बढ़ रहा है, लेकिन आप कब तक हवा में तीर चलाते रहेंगे?” फडणवीस ने बताया कि महाराष्ट्र में 25 से ज्यादा ऐसे निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां लोकसभा और विधानसभा चुनाव के बीच वोटरों की संख्या में 8 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने ये भी कहा कि इनमें से कई जगहों पर कांग्रेस ने भी जीत हासिल की है। फडणवीस ने उदाहरण देते हुए कहा कि उनके दक्षिण-पश्चिम नागपुर के बगल वाले पश्चिम नागपुर में वोटर टर्नआउट 7 फीसदी (27,065) बढ़ा और वहां से कांग्रेस के विकास ठाकरे जीते हैं।

सियासी जंग और सच की तलाश

राहुल गांधी और देवेंद्र फडणवीस के बीच इस ट्वीट-युद्ध ने महाराष्ट्र की सियासत को और गर्म कर दिया है। जहां राहुल गांधी चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं फडणवीस और आयोग दोनों ने साफ कर दिया कि सब कुछ नियमों के मुताबिक हुआ। फडणवीस का जवाब बताता है कि वोटर टर्नआउट में बढ़ोतरी कोई असामान्य बात नहीं है और ये हर जगह देखने को मिली, न कि सिर्फ उनके क्षेत्र में। दूसरी ओर, चुनाव आयोग ने भी अपनी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर दिया और राहुल गांधी को कानूनी रास्ता अपनाने की सलाह दी। अब सवाल ये है कि क्या राहुल गांधी इस मुद्दे को कोर्ट में ले जाएंगे या फिर ये सियासी बयानबाजी यूं ही चलती रहेगी? आने वाले दिन इसकी सच्चाई सामने लाएंगे।

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