Human trafficking: रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बिहार के कटिहार जिले से मुंबई समर एक्सप्रेस ट्रेन के जरिए सूरत ले जाए जा रहे 39 बच्चों को विदिशा, देवास और रतलाम रेलवे स्टेशनों पर उतारा। यह बच्चे सूरत की साड़ी इंडस्ट्री में काम करवाने के लिए ले जाए जा रहे थे। बच्चों को सुरक्षित उतारने के बाद चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत कर बाल गृह भेज दिया गया। इस दौरान बच्चों ने बताया कि उन्हें अच्छे वेतन का लालच देकर सूरत की ओर भेजा जा रहा था।
मानव तस्करी के मामले में छह आरोपी गिरफ्तार
इस मानव तस्करी के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। विदिशा वेलफेयर सोसाइटी को मंगलवार रात जानकारी मिली थी कि 30 से 35 नाबालिग बच्चों को मुंबई समर स्पेशल ट्रेन से काम के लिए बाहर भेजा जा रहा है। सूचना के आधार पर आरपीएफ और जीआरपी ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया। बुधवार सुबह 5 बजे जब ट्रेन विदिशा रेलवे स्टेशन पहुंची, तब तलाशी के दौरान स्लीपर और जनरल कोच से अन्य यात्रियों के साथ सफर कर रहे 21 नाबालिग बच्चों को सुरक्षित उतारा गया।

बच्चों को उनके परिवारों को सौंपने की प्रक्रिया शुरू
बच्चों को आरपीएफ स्टेशन लाकर चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें बाल गृह भेजा गया। सोसाइटी की काउंसलर दीपा शर्मा ने बताया कि बच्चों के परिजनों से संपर्क किया जा रहा है और उनके विदिशा पहुंचने पर बच्चों को उन्हें सौंप दिया जाएगा। दीपा ने बताया कि इस ऑपरेशन में विदिशा स्टेशन पर 21, देवास में 6 और रतलाम में 12 बच्चों को उतारा गया। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि उन्हें अच्छे पैसे का लालच देकर सूरत ले जाया जा रहा था। बच्चों ने यह भी बताया कि उनके छोटे हाथ होने के कारण साड़ी की बारीक बुनाई में उन्हें इस्तेमाल किया जाता है, जिससे सूरत की साड़ी इंडस्ट्री में बाल मजदूरों की मांग अधिक रहती है।
गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ जारी
इस मामले में जीआरपी स्टेशन प्रभारी राजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें मोहम्मद मजदूर, सगीर आलम, मोहम्मद बाबर, मोहम्मद जिया उल (निवासी कटिहार), मोहम्मद अंसार (निवासी किशनगंज) और इन्जमुल अली (निवासी पूर्णिया) शामिल हैं। उन्होंने बताया कि आरोपियों से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। उल्लेखनीय है कि रेस्क्यू किए गए बच्चे और गिरफ्तार आरोपी मुस्लिम समुदाय से संबंधित हैं। यह कार्रवाई बाल तस्करी रोकने और बाल श्रम को समाप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। विदिशा वेलफेयर सोसाइटी और रेलवे पुलिस की सजगता से इन बच्चों को बाल श्रम में धकेले जाने से बचा लिया गया है और अब उन्हें सुरक्षित उनके परिवारों तक पहुंचाने की प्रक्रिया जारी है।