Himachal Landslide Alert: हिमाचल प्रदेश में इस बार मानसून ने समय से पहले ही दस्तक दे दी है! शिमला समेत राज्य के कई हिस्सों में मानसून पिछले साल की तुलना में सात दिन पहले आ गया है। इस बारिश ने जहां एक तरफ मौसम को सुहाना बना दिया, वहीं कई जगहों पर मुसीबतें भी खड़ी कर दी हैं। शुक्रवार को बारिश की वजह से हिमाचल के कई इलाकों में भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। शिमला के जटोद में तो भूस्खलन से एक पिकअप वाहन पर मलबा गिर गया, जिससे गाड़ी पूरी तरह चकनाचूर हो गई। ऊपरी शिमला के टौनी-हाटकोटी रोड का भी एक हिस्सा भूस्खलन की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हो गया। इन सबके बीच पंडोह के शहीद इंदर सिंह मिडिल स्कूल में जलभराव की खबरें भी आईं, जिससे स्कूल के बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।
बारिश और भूस्खलन ने हिमाचल की सड़कों को भी बुरी तरह प्रभावित किया है। अधिकारियों ने बताया कि धर्मशाला-चटरो-गग्गल रोड पर भूस्खलन की वजह से ट्रैफिक पूरी तरह ठप हो गया। सड़क को फिर से खोलने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है, लेकिन मलबा हटाने में समय लग रहा है। ये भूस्खलन न सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए मुसीबत बन रहे हैं, बल्कि पर्यटकों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पंडोह में स्कूल के जलभराव ने बच्चों की पढ़ाई में भी खलल डाला। प्रशासन हर संभव कोशिश कर रहा है कि हालात जल्द से जल्द सामान्य हो जाएं, लेकिन मौसम की मार ने सबको परेशान कर रखा है।
ऑरेंज और येलो अलर्ट का ऐलान
मौसम विभाग ने हिमाचल के लिए बड़ी चेतावनी जारी की है। शिमला के स्थानीय मौसम केंद्र ने 22, 23, 25 और 26 जून के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है, जिसमें कुछ इलाकों में भारी से अति भारी बारिश की आशंका जताई गई है। रविवार, सोमवार, बुधवार और गुरुवार को भी कुछ जगहों पर अति भारी बारिश का अनुमान है, जबकि मंगलवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया गया है। यानी अगले कुछ दिन हिमाचल के लिए मौसम के लिहाज से काफी चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं। लोगों से सावधानी बरतने और सुरक्षित जगहों पर रहने की अपील की जा रही है।
VIDEO | Himachal Pradesh: Rain triggers landslide in Dharamshala; clearing of Chaitadu Highway is underway.
(Full video available on PTI Videos – https://t.co/n147TvrpG7) pic.twitter.com/y3AqNC761e
— Press Trust of India (@PTI_News) June 20, 2025
कहां कितनी बारिश हुई?
अब बात करते हैं कि हिमाचल में बारिश का आलम क्या रहा। सबसे ज्यादा बारिश नाहन में दर्ज की गई, जहां 84.7 मिलीमीटर बारिश हुई। इसके बाद पंडोह में 35 मिलीमीटर, स्लैपर में 26.3 मिलीमीटर, सराहन में 20.5 मिलीमीटर, पांवटा साहिब में 19.8 मिलीमीटर, जोगिंदरनगर में 19 मिलीमीटर, पच्छाद में 17.2 मिलीमीटर, रामपुर में 15.6 मिलीमीटर और गोहर में 15 मिलीमीटर बारिश हुई। सुंदरनगर, शिमला और कांगड़ा में गरज के साथ बारिश हुई, वहीं बजौरा में 37 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलीं। इन आंकड़ों से साफ है कि हिमाचल के कई हिस्सों में बारिश ने जमकर कहर बरपाया है।
मौसम विभाग की चेतावनी और खतरे
मौसम विभाग ने साफ तौर पर चेतावनी दी है कि मध्य और निचली पहाड़ियों में भारी बारिश की वजह से भूस्खलन, मिट्टी खिसकने, निचले इलाकों में जलभराव, कमजोर ढांचों को नुकसान, गाड़ियों के फिसलने और कम दृश्यता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बारिश की वजह से सड़कें और रास्ते पहले ही प्रभावित हो चुके हैं, और अगर भारी बारिश हुई तो हालात और बिगड़ सकते हैं। मौसम विभाग ने ये भी कहा कि अगले दो-तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून हिमाचल के और हिस्सों में आगे बढ़ सकता है, जिससे बारिश और तेज हो सकती है। लोगों को नदियों और नालों से दूर रहने की सलाह दी गई है, ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।
आगे की राह और सावधानी
हिमाचल में मानसून की इस शुरुआत ने जहां खेती-बाड़ी के लिए राहत दी है, वहीं भूस्खलन और जलभराव जैसी घटनाओं ने चिंता भी बढ़ा दी है। प्रशासन और मौसम विभाग दोनों मिलकर हालात पर नजर रखे हुए हैं। लोगों से अपील है कि वो मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और बेवजह बाहर न निकलें। खासकर पहाड़ी इलाकों में यात्रा करने वालों को सतर्क रहने की जरूरत है। पर्यटकों को भी सलाह दी जा रही है कि वो मौसम की जानकारी लेने के बाद ही अपनी यात्रा की योजना बनाएं। उम्मीद है कि प्रशासन की कोशिशों और लोगों की सावधानी से हिमाचल इस मानसूनी चुनौती से पार पा लेगा। तो दोस्तों, सुरक्षित रहें और मौसम का लुत्फ उठाएं, लेकिन सावधानी के साथ!