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Gwalior to Bangalore Train: नई ट्रेन ने जोड़ा मध्यप्रदेश और कर्नाटक रूट! ग्वालियर से बेंगलुरु अब सीधी ट्रेन यात्रा

Gwalior to Bangalore Train: नई ट्रेन ने जोड़ा मध्यप्रदेश और कर्नाटक रूट! ग्वालियर से बेंगलुरु अब सीधी ट्रेन यात्रा

Gwalior to Bangalore Train:  भारतीय रेलवे यात्रियों की सुविधा को बढ़ाने के लिए लगातार नई ट्रेन सेवाओं की शुरुआत कर रहा है। इसी क्रम में मध्य भारत को दक्षिण भारत से जोड़ने के लिए ग्वालियर और बेंगलुरु के बीच एक नई साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन शुरू की गई है। इस ट्रेन का नाम सर एम. विश्वेश्वरैया बेंगलुरु एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 11086) रखा गया है। 26 जून, 2025 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और केंद्रीय संचार व उत्तर पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह ट्रेन 2100 किलोमीटर से अधिक की दूरी को 43 घंटों में तय करेगी और मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। यह लेख इस नई ट्रेन सेवा, इसके शेड्यूल, स्टॉप्स, किराए और महत्व पर विस्तार से चर्चा करता है।

ट्रेन का शेड्यूल और संचालन

ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस एक साप्ताहिक ट्रेन है, जो ग्वालियर से प्रत्येक शुक्रवार को दोपहर 3:00 बजे प्रस्थान करती है और रविवार को सुबह 7:35 बजे सर एम. विश्वेश्वरैया टर्मिनल (SMVT) बेंगलुरु पहुंचती है। इस यात्रा में लगभग 42 घंटे 35 मिनट का समय लगता है। वापसी की यात्रा में, ट्रेन (11085) बेंगलुरु से प्रत्येक रविवार को दोपहर 3:50 बजे प्रस्थान करती है और मंगलवार को सुबह 10:25 बजे ग्वालियर जंक्शन पहुंचती है। नियमित सेवा बेंगलुरु से 29 जून, 2025 को शुरू हो चुकी है, जबकि ग्वालियर से यह 4 जुलाई, 2025 से शुरू होगी। यह ट्रेन पांच राज्यों से होकर गुजरती है और यात्रियों को एक सुविधाजनक और आरामदायक यात्रा का विकल्प प्रदान करती है।

ट्रेन की संरचना और सुविधाएं

ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस में कुल 22 कोच हैं, जो विभिन्न श्रेणियों के यात्रियों की जरूरतों को पूरा करते हैं। इसमें 7 स्लीपर कोच, 4 AC 3 टियर कोच, और 4 जनरल कोच शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ट्रेन में अन्य कोच जैसे पैंट्री कार और जनरेटर कार भी हैं, जो यात्रियों को आरामदायक यात्रा सुनिश्चित करते हैं। ट्रेन में बेडरोल/लिनन की सुविधा उपलब्ध है, और यात्रियों के लिए ऑन-बोर्ड और ई-कैटरिंग सेवाएं भी प्रदान की जाती हैं। यह ट्रेन विशेष रूप से उन यात्रियों के लिए डिज़ाइन की गई है जो लंबी दूरी की यात्रा के लिए किफायती और आरामदायक विकल्प चाहते हैं। रेलवे ने इस ट्रेन को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया है, जिससे यात्रा और अधिक सुखद हो।

रास्ते में स्टॉप्स

यह ट्रेन अपने 2100 किलोमीटर से अधिक के सफर में 25 स्टेशनों पर रुकती है, जो मध्य और दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ते हैं। ग्वालियर से शुरू होकर यह ट्रेन शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, बीना जंक्शन, विदिशा, भोपाल, और बेतूल जैसे मध्य प्रदेश के प्रमुख स्टेशनों पर रुकती है। इसके बाद यह महाराष्ट्र के नागपुर, सेवाग्राम, चंदरपुर, और बल्लारशाह, तेलंगाना के सिरपुर, कागजनगर, बेल्लमपल्ली, काजीपेट, काचीगुड़ा, और महबूबनगर, आंध्र प्रदेश के गदवाल, कुरनूल, धोने, और अनंतपुर, और कर्नाटक के धर्मवरम, हिंदुपुर, और अंत में SMVT बेंगलुरु स्टेशन पर पहुंचती है। ये स्टॉप्स विभिन्न क्षेत्रों के यात्रियों को अपनी यात्रा शुरू करने या समाप्त करने की सुविधा प्रदान करते हैं।

किराया और बुकिंग

ग्वालियर से बेंगलुरु के लिए इस ट्रेन का किराया किफायती रखा गया है ताकि यह सभी वर्गों के यात्रियों के लिए सुलभ हो। स्लीपर क्लास का न्यूनतम किराया ₹775 है, जबकि AC 3 टियर का किराया ₹2050 और AC 3 टियर इकोनॉमी का किराया ₹1940 निर्धारित किया गया है। AC 2 टियर का किराया ₹2970 है। टिकट बुकिंग के लिए यात्री IRCTC की वेबसाइट, रेडरेल, ट्रेनमैन, या ixigo जैसे IRCTC-अधिकृत प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकते हैं। इन प्लेटफॉर्म पर टिकट की उपलब्धता, ट्रेन की स्थिति, कोच स्थिति, और PNR स्टेटस की जानकारी आसानी से प्राप्त की जा सकती है। रेडरेल जैसे प्लेटफॉर्म पर विशेष ऑफर जैसे ‘SUPERB60’ कोड के साथ ₹60 तक की छूट भी उपलब्ध है।

ट्रेन का महत्व

ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस मध्य और दक्षिण भारत के बीच कनेक्टिविटी को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण कदम है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस ट्रेन के शुभारंभ के दौरान कहा कि यह ट्रेन मध्य प्रदेश के छात्रों, आईटी पेशेवरों, और व्यवसायियों के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, और कर्नाटक की यात्रा को आसान बनाएगी। पहले, ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के निवासियों को बेंगलुरु जाने के लिए कोटा, बीना, या भोपाल जैसे स्टेशनों तक अतिरिक्त 6 से 8 घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी। अब यह ट्रेन 43 घंटों में ग्वालियर से बेंगलुरु तक का सफर पूरा करती है, जो इस क्षेत्र के लिए एक बड़ा उपहार है। यह ट्रेन न केवल समय बचाती है, बल्कि क्षेत्रीय विकास और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा देगी।

भविष्य की संभावनाएं

ग्वालियर-बेंगलुरु एक्सप्रेस भारतीय रेलवे की उस दृष्टि का हिस्सा है, जो देश के विभिन्न हिस्सों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी के माध्यम से जोड़ने का लक्ष्य रखती है। इस ट्रेन की सफलता अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की सेवाओं को शुरू करने के लिए प्रेरणा प्रदान कर सकती है। भविष्य में, रेलवे इस रूट पर अतिरिक्त ट्रेनें या अधिक बार चलने वाली सेवाएं शुरू कर सकता है, विशेष रूप से यदि यात्री मांग बढ़ती है। इसके अलावा, आधुनिक तकनीकों जैसे कि रियल-टाइम ट्रेन ट्रैकिंग, बेहतर कैटरिंग सेवाएं, और डिजिटल बुकिंग प्लेटफॉर्म यात्रियों के अनुभव को और बेहतर बनाएंगे। यह ट्रेन न केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगी, बल्कि पर्यटन, शिक्षा, और व्यापार जैसे क्षेत्रों में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगी।

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