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AIIMS Bhopal की जीनोम स्टडी में उभरा नया खतरा, XFG नाम से फैला नया कोरोना स्ट्रेन

AIIMS Bhopal की जीनोम स्टडी में उभरा नया खतरा, XFG नाम से फैला नया कोरोना स्ट्रेन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) Bhopal ने कोविड-19 के एक नए वेरिएंट की पुष्टि की है। इस वेरिएंट का नाम XFG है, और ये उन लोगों को भी अपनी चपेट में ले रहा है, जिन्होंने कोरोना वैक्सीन लगवाई है। एक्स पर AIIMS भोपाल की पोस्ट के मुताबिक, ये वेरिएंट तेजी से फैल रहा है, लेकिन अच्छी बात ये है कि इसके लक्षण गंभीर नहीं हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि घबराने की जरूरत नहीं है। आइए, इस खबर को छह हिस्सों में विस्तार से समझते हैं और जानते हैं कि ये नया वेरिएंट क्या है और इसका क्या असर हो सकता है।

AIIMS Bhopal की रीजनल वायरोलॉजी लैब ने मई के आखिरी हफ्ते से जून के तीसरे हफ्ते तक लिए गए 44 सैंपलों की जीनोम सीक्वेंसिंग की। इसमें 28 सैंपलों में XFG वेरिएंट पाया गया, यानी 63.6% मामलों में ये वेरिएंट मौजूद था। फ्री प्रेस जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, ये सैंपल भोपाल (14), ग्वालियर (22), टीकमगढ़ (2), और इंदौर, खरगोन, छिंदवाड़ा, ललितपुर, सीधी, व गया से एक-एक सैंपल के रूप में लिए गए थे। XFG वेरिएंट LF.7 वेरिएंट से निकला है, जो मई के आखिरी हफ्ते में सक्रिय था, लेकिन जून के मध्य तक पूरी तरह गायब हो गया। XFG ने मई के अंत में दस्तक दी, जून के पहले और दूसरे हफ्ते में तेजी से फैला, और जून के तीसरे हफ्ते तक ये एकमात्र सक्रिय वेरिएंट बन गया।

XFG.3: एक नया सब-वेरिएंट

XFG वेरिएंट के साथ-साथ इसका एक सब-वेरिएंट XFG.3 भी सामने आया है। AIIMS भोपाल की स्टडी में 28 XFG पॉजिटिव सैंपलों में से 5 सैंपलों में XFG.3 पाया गया। एक्स पर AIIMS की पोस्ट में बताया गया कि ये सब-वेरिएंट भी XFG से ही विकसित हुआ है। लैंसेट जर्नल के अनुसार, XFG में चार प्रमुख स्पाइक म्यूटेशन्स (His445Arg, Asn487Asp, Gln493Glu, Thr572Ile) हैं, जो इसे इम्यून इवेजन (प्रतिरक्षा से बचने) की क्षमता देते हैं। इसका मतलब है कि ये वेरिएंट शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली या वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी को चकमा दे सकता है। हालांकि, AIIMS के डायरेक्टर प्रो. अजय सिंह ने कहा कि XFG और इसके सब-वेरिएंट की जल्दी पहचान से वायरस के व्यवहार को समझने और समय पर पब्लिक हेल्थ उपाय करने में मदद मिलती है।

लक्षण हल्के, घबराने की जरूरत नहीं

अच्छी खबर ये है कि XFG वेरिएंट से संक्रमित लोगों में गंभीर लक्षण नहीं देखे गए हैं। AIIMS भोपाल की रिपोर्ट के मुताबिक, सभी मामले हल्के या बिना लक्षण (asymptomatic) वाले हैं। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में बताया गया कि XFG, ओमिक्रॉन फैमिली का हिस्सा है और इसमें ज्यादातर ऊपरी श्वसन तंत्र से जुड़े हल्के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, थकान, और नाक बहना देखे गए हैं। ICMR के डायरेक्टर जनरल डॉ. राजीव बेहल ने कहा कि XFG सहित मौजूदा वेरिएंट्स की गंभीरता कम है, और फिलहाल चिंता की कोई बात नहीं है। विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि अगर आपको फ्लू जैसे लक्षण दिखें, तो RAT या RT-PCR टेस्ट करवाएं और जरूरत पड़ने पर टेलीहेल्थ की मदद लें।

AIIMS Bhopal की जीनोम स्टडी में उभरा नया खतरा, XFG नाम से फैला नया कोरोना स्ट्रेन

वैक्सीनेटेड लोग भी हो सकते हैं संक्रमित

XFG और LF.7 वेरिएंट में कुछ ऐसे म्यूटेशन्स हैं, जो वैक्सीनेटेड लोगों को भी संक्रमित कर सकते हैं। लैंसेट की स्टडी के मुताबिक, XFG के स्पाइक प्रोटीन में बदलाव इसे वैक्सीन या पहले के संक्रमण से बनी इम्यूनिटी को चकमा देने में मदद करते हैं। हालांकि, मनीकंट्रोल की रिपोर्ट में कहा गया कि कोवैक्सिन, कोविशील्ड, और नए बूस्टर डोज़ गंभीर बीमारी और अस्पताल में भर्ती होने से बचाने में अभी भी कारगर हैं। T-सेल इम्यूनिटी, जो वैक्सीन से बनती है, XFG के खिलाफ प्रभावी है, भले ही एंटीबॉडीज़ समय के साथ कम हो जाएं। AIIMS के डॉ. पीयूष रंजन ने सलाह दी कि बुजुर्ग और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ओमिक्रॉन-टारगेटेड बूस्टर डोज़ लेना चाहिए।

मध्य प्रदेश में XFG का दबदबा

AIIMS भोपाल की स्टडी से पता चला कि मध्य प्रदेश में XFG अब प्रमुख वेरिएंट बन चुका है। एक्स पर IBC24 न्यूज़ की पोस्ट के मुताबिक, XFG ने LF.7 को पूरी तरह पीछे छोड़ दिया है। निंबस वेरिएंट (NB.1.8.1), जिसे WHO ने “वेरिएंट अंडर मॉनिटरिंग” घोषित किया है, मध्य प्रदेश के किसी भी सैंपल में नहीं मिला। जागरण न्यूज़ की एक पोस्ट में बताया गया कि भोपाल में XFG के 28 मरीज मिले, लेकिन कोई भी गंभीर नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में 6,491 सक्रिय कोविड मामले हैं, जिनमें से 163 मामले XFG के हैं। महाराष्ट्र (89), तमिलनाडु (16), केरल (15), और गुजरात (11) में भी XFG के मामले सामने आए हैं। तेलंगाना में एक नया मामला दर्ज हुआ है।

क्या करें, कैसे रहें सुरक्षित?

XFG वेरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच विशेषज्ञ सावधानी बरतने की सलाह दे रहे हैं। फोर्टिस हेल्थकेयर की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, वैक्सीनेशन और बूस्टर डोज़ गंभीर बीमारी से बचाने में अहम हैं। भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, हाथ धोते रहें, और खांसी-छींक के दौरान मुंह ढकें। अगर लक्षण दिखें, तो 5-7 दिन तक आइसोलेशन में रहें और ऑक्सीजन लेवल 94% से नीचे जाने पर डॉक्टर से संपर्क करें। हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया कि सरकार मॉक ड्रिल कर रही है, ताकि ऑक्सीजन, आइसोलेशन बेड, और वेंटिलेटर की उपलब्धता सुनिश्चित हो। AIIMS भोपाल के डायरेक्टर ने लोगों से अपील की कि अफवाहों पर ध्यान न दें और विश्वसनीय स्रोतों से जानकारी लें। XFG भले ही तेजी से फैल रहा हो, लेकिन सही सावधानी और वैक्सीनेशन से हम सुरक्षित रह सकते हैं।

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