Delhi Fire News: दिल्ली के करोल बाग इलाके में शुक्रवार शाम, 4 जुलाई 2025 को विशाल मेगा मार्ट में लगी भीषण आग ने सबको हिलाकर रख दिया। यह हादसा शाम 6:44 बजे हुआ, जब चार मंजिला इमारत की दूसरी मंजिल पर आग भड़क उठी। आग इतनी तेजी से फैली कि पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। दमकल विभाग ने तुरंत कार्रवाई करते हुए 13 गाड़ियां मौके पर भेजीं, लेकिन आग पर काबू पाना आसान नहीं था। इस हादसे में एक 25 साल के यूपीएससी छात्र, कुमार धीरेंद्र प्रताप सिंह, की लिफ्ट में फंसने की वजह से दर्दनाक मौत हो गई। दिल्ली पुलिस ने करोल बाग थाने में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। इस घटना ने न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि एक युवा की जिंदगी छिन जाने से कई परिवारों का गुस्सा भी भड़क उठा है।
आग लगने के दौरान बिजली कटौती की वजह से इमारत की लिफ्ट रुक गई, जिसमें कुमार धीरेंद्र प्रताप सिंह फंस गए। दमकल विभाग और पुलिस की संयुक्त बचाव टीम ने देर रात तक सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन जब तक धीरेंद्र को लिफ्ट से निकाला गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर एमके चट्टोपाध्याय ने बताया कि आग की सूचना मिलते ही दमकल की टीमें मौके पर पहुंचीं, लेकिन इमारत में सामान की वजह से सीढ़ियां जाम थीं, जिससे बचाव कार्य में मुश्किल हुई। आग तीसरी मंजिल पर सबसे ज्यादा थी, जहां तेल और घी का स्टॉक रखा था। बाकी हिस्सों में आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन लिफ्ट में फंसे धीरेंद्र को बचाया नहीं जा सका।
दमकल अधिकारी का बयान
डिप्टी चीफ फायर ऑफिसर एमके चट्टोपाध्याय ने बताया कि शाम 6:44 बजे दमकल विभाग को विशाल मेगा मार्ट में आग की सूचना मिली। जब टीमें मौके पर पहुंचीं, तो पूरी इमारत धुएं और आग की लपटों से घिरी थी। बेसमेंट, ग्राउंड फ्लोर और ऊपरी मंजिलों पर अस्थायी सेटअप भी थे, जहां भारी मात्रा में सामान रखा था। सीढ़ियों पर सामान होने की वजह से बचाव दल को ऊपरी मंजिलों तक पहुंचने में दिक्कत हुई। चट्टोपाध्याय ने कहा कि तीसरी मंजिल पर तेल और घी का स्टॉक होने की वजह से आग और भयानक हो गई थी। बेसमेंट, ग्राउंड, पहली और दूसरी मंजिल की आग को बुझा लिया गया, लेकिन बिजली कटौती के कारण लिफ्ट में फंसे व्यक्ति को समय पर नहीं बचाया जा सका। देर रात तक कूलिंग ऑपरेशन चलता रहा ताकि आग दोबारा न भड़के।
मृतक के भाई का दर्द
मृतक के भाई रजत सिंह ने इस हादसे पर गहरा दुख और गुस्सा जताया। उन्होंने बताया कि शुक्रवार शाम 6:54 बजे उनके भाई धीरेंद्र ने फोन करके बताया कि वह लिफ्ट में फंस गए हैं और वहां बहुत धुआं है। रजत ने तुरंत विशाल मेगा मार्ट में कॉल किया, लेकिन स्टाफ ने बिजली बंद कर दी थी और सभी वहां से भाग चुके थे। इसके बाद रजत ने पुलिस को सूचना दी, लेकिन पुलिस ने शुरू में कहा कि कोई लिफ्ट में फंसा नहीं है। आग बुझने के बाद रात 2:30 बजे धीरेंद्र का शव लिफ्ट से निकाला गया। रजत ने इसे विशाल मेगा मार्ट और पुलिस की लापरवाही बताया। उन्होंने कहा कि उनका भाई यूपीएससी की तैयारी कर रहा था और करोल बाग में पढ़ाई के लिए रहता था। रजत ने बताया कि करोल बाग पुलिस स्टेशन ने उन्हें शनिवार सुबह 10 बजे एफआईआर दर्ज करने के लिए बुलाया है।
सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल
इस हादसे ने व्यावसायिक इमारतों में अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विशाल मेगा मार्ट जैसे बड़े स्टोर में आग बुझाने की पर्याप्त व्यवस्था न होना और सीढ़ियों पर सामान रखे होने से बचाव कार्य में बाधा आना चिंता की बात है। शॉर्ट सर्किट को आग लगने की संभावित वजह बताया जा रहा है, लेकिन सही कारण जांच के बाद ही पता चलेगा। करोल बाग जैसे भीड़भाड़ वाले इलाके में यह हादसा और खतरनाक हो गया, क्योंकि आसपास की दुकानों और घरों को भी खाली कराना पड़ा। दिल्ली पुलिस ने इलाके को घेर लिया और दमकल विभाग ने घंटों मेहनत कर आग पर काबू पाया। लेकिन एक युवा की जान जाने से स्थानीय लोगों में गुस्सा है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा की और बेहतर सुरक्षा उपायों की मांग की।
आगे की कार्रवाई और सबक
दिल्ली पुलिस ने करोल बाग थाने में इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है। यह जांच आग के कारणों, स्टोर की सुरक्षा व्यवस्था और बचाव कार्य में हुई देरी पर केंद्रित होगी। मृतक के भाई रजत सिंह ने प्रशासन से मांग की है कि इस लापरवाही के लिए जिम्मेदार लोगों पर सख्त कार्रवाई हो। यह हादसा न केवल एक परिवार की त्रासदी है, बल्कि यह व्यावसायिक इमारतों में अग्नि सुरक्षा के लिए एक बड़ा सबक भी है। करोल बाग जैसे व्यस्त बाजारों में जहां हर दिन हजारों लोग आते-जाते हैं, वहां आग जैसी आपात स्थिति के लिए बेहतर तैयारी और नियमों का सख्ती से पालन जरूरी है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित निरीक्षण और सख्त नियम लागू किए जाएं, ताकि भविष्य में कोई और धीरेंद्र अपनी जान न गंवाए।