November 22, 2024

छत्तीसगढ़ी बोलना केवल भाषा का इस्तेमाल नहीं है, यह अपनी जड़ों और अपनी संस्कृति को जीवित रखना है

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अपनी स्थानीय भाषा बोलने में गर्व महसूस करना चाहिए, क्योंकि यह हमारी संस्कृति, पहचान और इतिहास का प्रतीक है। छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करने के कई फायदे  हैं

 

1. संस्कृति और पहचान का संरक्षण: जब हम छत्तीसगढ़ी बोलते हैं, तो हम अपनी सांस्कृतिक जड़ों से जुड़े रहते हैं। इससे हमारी भाषा और रीति-रिवाज आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचते हैं।

2. संपर्क और संवाद आसान बनता है: जब लोग अपनी भाषा में बात करते हैं, तो संवाद अधिक सहज और प्रभावी होता है। ऑफिस, स्कूल, या हॉस्पिटल में छत्तीसगढ़ी बोलने से लोगों को एक-दूसरे को समझने में आसानी होती है।

3. गर्व और आत्मसम्मान: जैसे दूसरे राज्य के लोग अपनी भाषा पर गर्व महसूस करते हैं, वैसे ही हमें भी छत्तीसगढ़ी बोलने में गर्व होना चाहिए। इससे आत्मसम्मान भी बढ़ता है और दूसरों को भी इस भाषा का महत्त्व समझ आता है।

4. आने वाली पीढ़ी को प्रेरणा: अगर हम छत्तीसगढ़ी भाषा का उपयोग करते हैं, तो हमारी नई पीढ़ी भी इसे अपनाएगी और उनकी रुचि बनी रहेगी। इसके लिए ज़रूरी है कि हम खुद इसे बोलें और अपने बच्चों को भी सिखाएं।

 

छत्तीसगढ़ी बोलना केवल भाषा का इस्तेमाल नहीं है, यह अपनी जड़ों और अपनी संस्कृति को जीवित रखना है।
छत्तीसगढ़ी भाषा को सम्मान दें  ऑफिस हो, स्कूल हो या हॉस्पिटल, अपनी मातृभाषा को अपनाएं”

छत्तीसगढ़ के भाई-बहनों, हमारे छत्तीसगढ़ी भाषा के प्रति हमारे मन में गर्व होना चाहिए। जैसे दूसरे राज्यों के लोग अपनी मातृभाषा को अपने जीवन के हर क्षेत्र में सम्मान के साथ बोलते हैं – चाहे वह ऑफिस हो, स्कूल हो, या हॉस्पिटल – वैसे ही हमें भी अपनी छत्तीसगढ़ी भाषा को अपनाना चाहिए।

छत्तीसगढ़ी बोलना केवल संवाद का एक माध्यम नहीं है, बल्कि हमारी पहचान और हमारी संस्कृति का प्रतीक है। यह हमारे पूर्वजों की धरोहर है, जिसे हमें न सिर्फ खुद अपनाना चाहिए बल्कि आने वाली पीढ़ी को भी सिखाना चाहिए।

दूसरे राज्यों में लोग अपनी भाषा को गर्व के साथ बोलते हैं, क्योंकि वे समझते हैं कि भाषा हमारी संस्कृति को सहेजने का सबसे मजबूत माध्यम है। हमें भी ऐसा ही करना चाहिए। चाहे आप किसी ऑफिस में काम करते हों, स्कूल में पढ़ाते हों, या हॉस्पिटल में सेवाएँ दे रहे हों – छत्तीसगढ़ी बोलने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए। बल्कि यह हमें आपस में जोड़ता है, संवाद को और सरल बनाता है।

छत्तीसगढ़ी भाषा में बात करने से हमारे समाज में अपनापन बढ़ता है और इससे हमारी अगली पीढ़ी भी अपनी मातृभाषा को समझेगी और इसे सहेजेगी। आइए, हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि जहाँ भी हम हैं, जैसे भी हैं – छत्तीसगढ़ी भाषा को अपनाएँगे और गर्व से इसका उपयोग करेंगे।

छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया!

1 thought on “छत्तीसगढ़ी बोलना केवल भाषा का इस्तेमाल नहीं है, यह अपनी जड़ों और अपनी संस्कृति को जीवित रखना है

  1. छत्तीसगढी भाषा के बढावा देहे बर बहुत अच्छा लाइन लिखे हावा,
    अपन भाषा ल बोलचाल मे जरूर अपनाबो, लेकिन छत्तीसगढी भाषा के बढावा देहे बर हिन्दी मे ही आप मन ल पोस्ट लिखे ल परत हे काबर की ये भी इक मजबूरी हे कि बहुत कोई छत्तीसगढी पढे नई जानय

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