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Chhattisgarh: नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर निकली टीम, जंगल में अचानक गोलियों की गूंज से दहशत

On: June 26, 2025 10:47 AM
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Chhattisgarh: नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर निकली टीम, जंगल में अचानक गोलियों की गूंज से दहशत
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Chhattisgarh के नारायणपुर जिले में गुरुवार, 26 जून 2025 को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच एक तीखी मुठभेड़ हुई। यह मुठभेड़ अबुझमाड़ के घने जंगलों में हुई, जहां नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया जानकारी के आधार पर सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन शुरू किया था। अबुझमाड़ का इलाका नक्सलियों का पुराना गढ़ रहा है, और यहां आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। इस मुठभेड़ ने एक बार फिर छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही जंग को सुर्खियों में ला दिया है। सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई में दो महिला नक्सलियों को मार गिराया गया, और कई अहम सामान भी बरामद किए गए। यह अभियान अभी भी जारी है, और पुलिस को उम्मीद है कि और भी सुराग मिल सकते हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मुठभेड़ बुधवार, 25 जून की देर शाम को शुरू हुई, जब नारायणपुर और कोंडागांव जिले की डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) की संयुक्त टीम अबुझमाड़ के कोहकामेटा पुलिस स्टेशन के इलाके में ऑपरेशन पर निकली थी। खुफिया सूचना मिली थी कि माओवादियों के माड़ डिवीजन के कुछ बड़े कैडर इस इलाके में मौजूद हैं। जैसे ही सुरक्षाबल जंगल में पहुंचे, नक्सलियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला, और दोनों तरफ से रुक-रुक कर गोलीबारी हुई। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने भारी पड़ते हुए दो महिला नक्सलियों को ढेर कर दिया। यह ऑपरेशन अब भी चल रहा है, और सुरक्षाबल जंगल में तलाशी अभियान में जुटे हैं।

दो महिला नक्सलियों की मौत, हथियार बरामद

बस्तर रेंज के इंस्पेक्टर जनरल (IG) पी. सुंदरराज ने बताया कि इस मुठभेड़ में दो महिला नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। मुठभेड़ स्थल से एक INSAS राइफल, एक .315 बोर राइफल, कुछ मेडिकल सामान, और नकली दस्तावेज जैसे सामान भी जब्त किए गए। ये सामान नक्सलियों की गतिविधियों और उनकी योजना के बारे में अहम जानकारी दे सकते हैं। IG सुंदरराज ने कहा कि मुठभेड़ अभी भी जारी है, और सुरक्षाबल जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। अभी तक मारी गई नक्सलियों की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन पुलिस का मानना है कि ये माओवादियों के माड़ डिवीजन से जुड़ी हो सकती हैं। इस ऑपरेशन को छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ चल रही मुहिम का एक अहम हिस्सा माना जा रहा है।

Chhattisgarh: नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर निकली टीम, जंगल में अचानक गोलियों की गूंज से दहशत

अबुझमाड़: नक्सलियों का गढ़

अबुझमाड़ का जंगल छत्तीसगढ़ में नक्सलियों का एक मजबूत ठिकाना रहा है। यह घना जंगल नारायणपुर, बीजापुर, और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में फैला हुआ है, और नक्सलियों के लिए छिपने की सबसे मुफीद जगह है। यहां की भौगोलिक स्थिति और घने जंगल नक्सलियों को सुरक्षाबलों से बचने में मदद करते हैं। लेकिन पिछले कुछ सालों में सुरक्षाबलों ने अबुझमाड़ में अपनी मौजूदगी बढ़ाई है, और कई बड़े ऑपरेशन्स किए हैं। इस साल जनवरी 2024 से अब तक छत्तीसगढ़ में 400 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया गया है, जो सुरक्षाबलों की बढ़ती ताकत को दिखाता है। इस बार का ऑपरेशन भी इसी कड़ी का हिस्सा है, जिसका मकसद नक्सलियों के इस गढ़ को खत्म करना है।

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ जंग

छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों की मुहिम पिछले कुछ सालों में और तेज हुई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य रखा है, और छत्तीसगढ़ सरकार इस दिशा में तेजी से काम कर रही है। नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, और कांकेर जैसे जिले नक्सलवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन इलाकों में DRG, STF, और CRPF की स्पेशल यूनिट CoBRA जैसे दस्ते लगातार ऑपरेशन्स चला रहे हैं। हाल के महीनों में कई बड़े नक्सली कमांडर मारे गए हैं, जिनमें मई 2025 में नारायणपुर-बीजापुर बॉर्डर पर 26 नक्सलियों को ढेर करना और मई में ही ₹1 करोड़ के इनामी नक्सली बसवराजू का मारा जाना शामिल है। इस तरह के ऑपरेशन्स नक्सलियों के मनोबल को तोड़ने में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

आगे की चुनौतियां और सरकार का रुख

नारायणपुर की इस ताजा मुठभेड़ ने एक बार फिर साबित किया है कि नक्सलवाद के खिलाफ जंग आसान नहीं है। अबुझमाड़ जैसे घने जंगलों में ऑपरेशन चलाना सुरक्षाबलों के लिए जोखिम भरा है, क्योंकि नक्सली अक्सर जंगल की आड़ लेकर भाग निकलते हैं। फिर भी, सुरक्षाबल अपनी रणनीति को और मजबूत कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने इस ऑपरेशन की तारीफ की है और कहा है कि नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। साथ ही, नक्सल प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों को बढ़ावा देने की कोशिशें भी की जा रही हैं, ताकि स्थानीय लोग नक्सलियों के प्रभाव से बाहर निकल सकें। इस मुठभेड़ के बाद भी सर्च ऑपरेशन जारी है, और पुलिस को उम्मीद है कि और नक्सलियों का पता लगाया जा सकेगा।

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