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Chhattisgarh News: पूरा परिवार गया जेल! ज़मीन के लिए हत्या, पांच महिलाओं समेत 12 लोगों को उम्रकैद की सजा

On: July 5, 2025 2:46 PM
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Chhattisgarh News: पूरा परिवार गया जेल! ज़मीन के लिए हत्या, पांच महिलाओं समेत 12 लोगों को उम्रकैद की सजा
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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में करीब तीन साल पहले एक जमीन विवाद ने एक ग्रामीण की जान ले ली थी। अब इस मामले में अदालत ने बड़ा फैसला सुनाया है। एक ही परिवार के 12 लोगों को, जिनमें पांच महिलाएं भी शामिल हैं, हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा दी गई है। ये घटना 24 जून 2022 को सूरजपुर के सेमई गांव में हुई थी, जहां हिरदलराम राजवाड़े नाम के एक व्यक्ति की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया था। अदालत ने पाया कि सभी 12 आरोपी आपराधिक साजिश का हिस्सा थे और उन्होंने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया। इस फैसले ने न सिर्फ पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाया, बल्कि ये भी दिखाया कि कानून की नजर में कोई भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो एक ही परिवार के लोग क्यों न हों।

ये मामला जमीन के एक छोटे से टुकड़े को लेकर शुरू हुआ था, जो सालों से विवाद का कारण बना हुआ था। हिरदलराम ने सेमई गांव में बैगासाय लोहार से जमीन खरीदी थी। लेकिन इस जमीन के कुछ हिस्से पर लोहार के भतीजों—बसंत, शिवबरन, रामचंद्र, शिवधारी, दशरथ और अन्य लोगों—ने कब्जा कर रखा था। इस कब्जे को लेकर दोनों पक्षों के बीच तनाव बढ़ता गया। हिरदलराम ने इस विवाद को सुलझाने के लिए तहसील अदालत में अपील की थी और उन्हें जमीन की पैमाइश का आदेश मिला था। लेकिन इस आदेश ने उनके लिए मौत का रास्ता खोल दिया। उस दिन जब वो पैमाइश की जानकारी देने जा रहे थे, तब रास्ते में उन्हें घेरकर उनकी हत्या कर दी गई। ये घटना समाज में बढ़ते जमीन विवादों और हिंसा की गंभीरता को दर्शाती है।

अदालत का ऐतिहासिक फैसला

प्रतापपुर की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश सिंह चौहान की अदालत ने इस मामले में गहन सुनवाई के बाद सभी 12 आरोपियों को हत्या का दोषी पाया। इनमें से पांच महिलाएं भी शामिल हैं, और सभी की उम्र 24 से 65 साल के बीच है। अदालत ने साफ किया कि ये सभी लोग एक आपराधिक साजिश का हिस्सा थे, जिसके तहत उन्होंने हिरदलराम की हत्या की। इस सजा ने ये संदेश दिया है कि कानून किसी को भी नहीं छोड़ता, चाहे वो कितने भी करीबी रिश्तेदार क्यों न हों। सभी आरोपियों को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या) और अन्य धाराओं के तहत उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही, अदालत ने ये भी सुनिश्चित किया कि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिले और भविष्य में ऐसी घटनाएं रोकने के लिए एक सख्त उदाहरण पेश किया जाए।

इस मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने कई सबूत पेश किए, जिनमें प्रत्यक्षदर्शियों के बयान, पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य तकनीकी सबूत शामिल थे। इन सबूतों ने साफ कर दिया कि हिरदलराम की हत्या सुनियोजित थी। आरोपियों ने उन्हें रास्ते में रोका, घेरा और फिर बेरहमी से उनकी जान ले ली। इस मामले ने पूरे सूरजपुर जिले में सनसनी फैला दी थी, क्योंकि एक ही परिवार के इतने सारे लोगों का एक हत्या में शामिल होना अपने आप में चौंकाने वाला था। अदालत का ये फैसला उन लोगों के लिए भी एक सबक है, जो छोटे-मोटे विवादों को हिंसा के जरिए सुलझाने की कोशिश करते हैं।

Chhattisgarh News: पूरा परिवार गया जेल! ज़मीन के लिए हत्या, पांच महिलाओं समेत 12 लोगों को उम्रकैद की सजा

जमीन विवाद का खौफनाक अंत

हिरदलराम राजवाड़े की कहानी एक आम ग्रामीण की तरह थी, जो अपनी मेहनत से कमाई जमीन पर अपना हक चाहता था। उन्होंने बैगासाय लोहार से सेमई गांव में जमीन खरीदी थी, लेकिन इस जमीन का कुछ हिस्सा लोहार के भतीजों ने कब्जा लिया हुआ था। ये कब्जा सालों से दोनों पक्षों के बीच तनाव का कारण बना हुआ था। हिरदलराम ने इस विवाद को कानूनी तरीके से सुलझाने की कोशिश की। उन्होंने तहसील अदालत में अपील की और जमीन की पैमाइश का आदेश हासिल किया। 24 जून 2022 को वो इस आदेश की जानकारी देने और पैमाइश की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सेमई गांव जा रहे थे। लेकिन उन्हें क्या पता था कि ये दिन उनकी जिंदगी का आखिरी दिन होगा।

रास्ते में लोहार के भतीजों और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने हिरदलराम को घेर लिया। ये लोग पहले से ही गुस्से में थे, क्योंकि पैमाइश का आदेश उनके कब्जे को चुनौती दे रहा था। बात इतनी बढ़ गई कि उन्होंने हिरदलराम पर हमला कर दिया और उनकी हत्या कर दी। इस वारदात ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। हिरदलराम का परिवार इस सदमे से उबर नहीं पाया, लेकिन अदालत के इस फैसले ने उन्हें कुछ हद तक राहत दी है। ये घटना हमें ये सोचने पर मजबूर करती है कि जमीन जैसे छोटे-छोटे विवाद कितनी बड़ी त्रासदी का कारण बन सकते हैं।

समाज के लिए सबक

इस हत्याकांड और अदालत के फैसले ने समाज को एक बड़ा संदेश दिया है। जमीन विवाद हमारे देश में एक आम समस्या है, लेकिन इसे हिंसा के जरिए सुलझाने की कोशिश न सिर्फ गलत है, बल्कि ये परिवारों और समुदायों को बर्बाद कर देती है। इस मामले में एक ही परिवार के 12 लोगों का उम्रकैद की सजा पाना ये दिखाता है कि गुस्से और हिंसा का रास्ता कितना खतरनाक हो सकता है। सूरजपुर की इस घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ में चर्चा का माहौल बना दिया है। लोग अब ये समझने लगे हैं कि विवादों को बातचीत और कानूनी रास्तों से सुलझाना ही सबसे बेहतर तरीका है।

हिरदलराम की हत्या ने उनके परिवार को तो गहरा दुख दिया ही, साथ ही आरोपियों के परिवार को भी इस सजा ने तोड़कर रख दिया। पांच महिलाओं समेत 12 लोगों का जेल जाना उनके परिवारों के लिए भी एक बड़ा झटका है। ये घटना हमें ये भी सिखाती है कि समाज में एकता और आपसी समझ की कितनी जरूरत है। अगर दोनों पक्षों ने बातचीत से विवाद सुलझाने की कोशिश की होती, तो शायद ये नौबत न आती। अब जबकि अदालत ने अपना फैसला सुना दिया है, उम्मीद है कि लोग इससे सबक लेंगे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून का सहारा लेंगे। सूरजपुर का ये मामला हमें याद दिलाता है कि इंसाफ की राह भले ही लंबी हो, लेकिन वो अपने अंजाम तक जरूर पहुंचती है।

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