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Chhattisgarh News: NIA का बड़ा खुलासा, 17 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, हिडमा बना मास्टरमाइंड

On: June 15, 2025 10:45 AM
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Chhattisgarh News: NIA का बड़ा खुलासा, 17 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, हिडमा बना मास्टरमाइंड
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Chhattisgarh News: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पिछले दो सालों में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के कैंपों पर हुए घातक हमलों के मामले में बड़ा खुलासा किया है। इन हमलों के पीछे माओवादियों की गहरी साजिश और सुनियोजित तैयारी सामने आई है। एनआईए ने इस मामले में गहन जांच के बाद माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य मडवी हिदमा सहित 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। यह चार्जशीट बीजापुर के जंगल में सीआरपीएफ कैंपों को निशाना बनाने की साजिश का पर्दाफाश करती है, जिसमें माओवादियों ने डमी कैंप बनाकर हमलावरों को प्रशिक्षण दिया था। यह मामला देश की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती को दर्शाता है।

जगदलपुर की विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल

शुक्रवार, 13 जून 2025 को, एनआईए ने जगदलपुर की विशेष अदालत में 17 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। इनमें माओवादी केंद्रीय समिति के दो सदस्य, दो विशेष जोनल/राज्य समिति के सदस्य, और पीपल्स लिबरेशन गैरीला आर्मी (पीएलजीए) बटालियन नंबर-1 के कमांडर जैसे शीर्ष माओवादी नेता शामिल हैं। चार्जशीट में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), आर्म्स एक्ट, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम, और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। एनआईए की जांच से पता चला कि माओवादियों ने हमलों से पहले डमी कैंप बनाकर पूरी तैयारी की थी, जिसमें युवाओं की भर्ती, हथियारों का जखीरा, और लक्षित कैंपों की गहन टोह शामिल थी।

डमी कैंप में हमलावरों को दिया गया प्रशिक्षण

एनआईए ने खुलासा किया कि माओवादियों ने हमलों को अंजाम देने से पहले डमी कैंप बनाकर हमलावरों को गहन प्रशिक्षण दिया। इन डमी कैंपों में सीआरपीएफ कैंपों की नकल की गई थी, ताकि हमलावर उनकी संरचना और सुरक्षा व्यवस्था को समझ सकें। प्रशिक्षण के दौरान माओवादी नेताओं ने सशस्त्र कैडरों को प्रेरक भाषण दिए और साजिश भरे मीटिंग्स का आयोजन किया। इसके अलावा, माओवादियों ने युवाओं की भर्ती की और उन्हें भारत की लोकतांत्रिक सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए तैयार किया। हथियारों और विस्फोटकों का जखीरा जमा किया गया, और लक्षित कैंपों की टोह लेकर हमलों की अंतिम योजना बनाई गई। यह साजिश देश की सुरक्षा व्यवस्था को कमजोर करने की गहरी रणनीति का हिस्सा थी।

Chhattisgarh News: NIA का बड़ा खुलासा, 17 नक्सलियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, हिडमा बना मास्टरमाइंड

16 जनवरी 2024 को बीजापुर में हुए थे हमले

यह मामला 16 जनवरी 2024 को बीजापुर जिले के धर्मवरम, चिंतावागु, और पामेड में स्थित सीआरपीएफ और कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजॉल्यूट एक्शन) कैंपों पर हुए हमलों से जुड़ा है। माओवादी कैडरों ने स्वचालित हथियारों और बैरल ग्रेनेड लॉन्चर (बीजीएल) से लैस होकर इन कैंपों पर हमला किया था। हमलावरों ने सुरक्षा बलों के हथियार और अन्य सामान लूटने की कोशिश की। धर्मवरम सीआरपीएफ कैंप, जो 17 दिसंबर 2023 को स्थापित हुआ था, पर हुए हमले में 12 जवान घायल हो गए। इस हमले में 250-300 अज्ञात सशस्त्र माओवादी कैडरों की संलिप्तता सामने आई थी। एनआईए ने 9 फरवरी 2024 को इस मामले की जांच अपने हाथ में ली थी।

एक आरोपी गिरफ्तार, 16 अभी भी फरार

एनआईए की जांच में 21 नामित और 250-300 अज्ञात माओवादी कैडरों की संलिप्तता का पता चला। इनमें से केवल एक आरोपी, सोदी बामन उर्फ देवल, को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 16 अन्य अभी भी फरार हैं। फरार आरोपियों में माओवादी केंद्रीय समिति के सदस्य और पीएलजीए बटालियन नंबर-1 के शीर्ष कैडर शामिल हैं। मडवी हिदमा, जो माओवादियों की सैन्य रणनीति का मास्टरमाइंड माना जाता है, भी इस चार्जशीट में नामित है। हिदमा पहले भी कई घातक हमलों, जैसे 2017 के बुरकापाल हमले और 2013 के झीरम घाटी नरसंहार, में शामिल रहा है। एनआईए ने कहा कि अन्य आरोपियों की तलाश तेज कर दी गई है और मामले की आगे की जांच जारी है।

माओवादी साजिश का पर्दाफाश, जांच जारी

एनआईए की चार्जशीट माओवादियों की उस गहरी साजिश को उजागर करती है, जिसका मकसद देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को अस्थिर करना और सुरक्षा बलों को निशाना बनाना था। माओवादियों ने न केवल हमलों की सावधानीपूर्वक योजना बनाई, बल्कि युवाओं को भर्ती कर उन्हें सरकार के खिलाफ हथियार उठाने के लिए उकसाया। बीजापुर के जंगल में सीआरपीएफ कैंपों पर हमले माओवादियों की रणनीति का हिस्सा थे, जिसके तहत वे सुरक्षा बलों के नए कैंपों को निशाना बनाकर अपनी मौजूदगी दर्ज कराना चाहते थे। एनआईए का कहना है कि इस मामले में और भी खुलासे हो सकते हैं। जांच एजेंसी माओवादी नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में लगातार काम कर रही है।

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