Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पिछले दो दिनों से मूसलाधार बारिश हो रही है, जिसके चलते लोगों का जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं, और कई इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। इसी बीच, बलरामपुर जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहां गेउर नदी में मछली पकड़ने गया एक युवक तेज धारा में बह गया, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इस हादसे का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, और लोग इस दुखद घटना पर शोक जता रहे हैं। यह घटना बारिश के कहर और प्रकृति की अनिश्चितता को दर्शाती है।
बलरामपुर में उफनती नदियों का खतरा
बलरामपुर जिले में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश ने नदियों और नालों को उफान पर ला दिया है। गेउर नदी और गागर नदी जैसी जलधाराएं तेजी से बह रही हैं, जिससे आसपास के गांवों में खतरे की स्थिति बन गई है। लोग नदियों के किनारे जाने से बच रहे हैं, लेकिन कुछ लोग रोजमर्रा की जरूरतों या आजीविका के लिए जोखिम उठा रहे हैं। इसी तरह की एक घटना में, जर्गिम गांव का निवासी मणिशंकर पैकरा (45) अपने कुछ दोस्तों के साथ गेउर नदी में मछली पकड़ने गया था। लेकिन प्रकृति के इस रौद्र रूप ने उसकी जिंदगी छीन ली। यह हादसा न केवल एक परिवार के लिए दुखद है, बल्कि पूरे इलाके में लोगों के लिए एक सबक भी है।
मछली पकड़ने गया था मणिशंकर
मणिशंकर पैकरा अपने कुछ दोस्तों के साथ गेउर नदी में मछली पकड़ने गया था। यह उनके लिए एक सामान्य गतिविधि थी, जिसे गांव के लोग अक्सर करते हैं। उस दिन भी वह अपने साथियों के साथ मछली पकड़ने में व्यस्त था। सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन अचानक मौसम ने करवट ली। नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ गया, और पानी की धारा इतनी तेज हो गई कि उसका सामना करना मुश्किल हो गया। मणिशंकर और उनके दोस्त मछली पकड़कर लौट रहे थे, लेकिन नदी को पार करने के दौरान यह हादसा हो गया। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि प्रकृति के सामने इंसान कितना बेबस हो सकता है।
तेज धारा में बह गया मणिशंकर
जब मणिशंकर और उनके साथी नदी पार कर रहे थे, तभी पानी का बहाव अचानक तेज हो गया। गेउर नदी, जो पहले से ही उफान पर थी, और भी खतरनाक हो गई। मणिशंकर नदी के बीच में फंस गए, और तेज धारा उन्हें अपने साथ बहा ले गई। उनके दोस्तों ने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन पानी की ताकत के आगे वे बेबस रहे। इस हादसे का वीडियो किसी ने रिकॉर्ड कर लिया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। यह वीडियो देखकर लोग दुखी हो रहे हैं, और साथ ही बारिश के दौरान नदियों के पास जाने की लापरवाही पर भी सवाल उठा रहे हैं। यह घटना हर किसी के लिए एक चेतावनी है कि ऐसी परिस्थितियों में सावधानी बरतना कितना जरूरी है।
गांव में छाया मातम
हादसे के बाद मणिशंकर का शव देर शाम नदी के किनारे मिला। जैसे ही यह खबर जर्गिम गांव में पहुंची, वहां मातम छा गया। मणिशंकर के परिवार और दोस्त सदमे में हैं। गांव के लोग इस हादसे से स्तब्ध हैं, क्योंकि मणिशंकर एक सामान्य और मेहनती इंसान थे, जो अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए मछली पकड़ने जैसे काम करते थे। इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया। लोग अब नदियों के बढ़ते जलस्तर को लेकर और सतर्क हो गए हैं। साथ ही, प्रशासन से भी मांग उठ रही है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए उचित कदम उठाए जाएं, जैसे कि नदियों के किनारे चेतावनी बोर्ड लगाना और बचाव दल तैनात करना।
भारी बारिश और भविष्य के लिए सबक
छत्तीसगढ़ में मानसून की इस बारिश ने जहां एक ओर खरीफ फसलों के लिए राहत दी है, वहीं दूसरी ओर बाढ़ और हादसों का खतरा भी बढ़ा दिया है। मौसम विभाग ने अगले कुछ दिनों तक भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है। बलरामपुर जैसे इलाकों में प्रशासन को सतर्क रहने की जरूरत है। इस हादसे ने यह भी दिखाया कि स्थानीय लोगों को नदियों और नालों के पास जाने से पहले मौसम की जानकारी और सावधानी बरतनी चाहिए। मणिशंकर की मौत एक दुखद हादसा है, जो हमें यह सिखाता है कि प्रकृति के साथ लापरवाही भारी पड़ सकती है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जागरूकता अभियान चलाए और आपदा प्रबंधन को और मजबूत करे।