Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित ₹2000 करोड़ के शराब घोटाले में अब बड़ा नाम सामने आया है। राज्य की पूर्व कांग्रेस सरकार में आबकारी मंत्री रहे और वर्तमान में विधायक कवासी लखमा के खिलाफ आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने सोमवार को विशेष अदालत में 1200 पन्नों की चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस चार्जशीट में लखमा को घोटाले में अहम भूमिका निभाने वाला बताया गया है। EOW का कहना है कि उन्होंने मंत्री पद का दुरुपयोग करते हुए ₹64 करोड़ की अवैध कमाई की और उसमें से ₹18 करोड़ की निवेश व खर्च की पक्के दस्तावेज भी जुटाए जा चुके हैं।
जनवरी से जेल में बंद हैं लखमा, जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
कवासी लखमा इस वक्त रायपुर सेंट्रल जेल में बंद हैं और उन्हें 15 जनवरी 2025 को गिरफ्तार किया गया था। चार साल तक आबकारी मंत्री के रूप में काम करते हुए उन्होंने 2019 से 2023 के बीच इस घोटाले को अंजाम देने में भूमिका निभाई। जांच एजेंसी का दावा है कि लखमा ने अपने पद का दुरुपयोग कर शराब नीति में बदलाव और कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया जिससे मोटा कमीशन मिला। जांच में यह भी सामने आया है कि ये घोटाला एक योजनाबद्ध तरीके से चल रहा था जिसमें सरकारी तंत्र और निजी कारोबारी दोनों मिले हुए थे।
13 गिरफ्तारियां, कांग्रेस कार्यालय पर भी कार्रवाई
इस शराब घोटाले में अब तक कुल 13 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसमें बड़ा नाम कारोबारी अनवर ढेबर और पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा का भी है। इन सभी पर आरोप है कि इन्होंने मिलकर शराब के व्यापार से मोटी रकम कमाई और उसे अलग-अलग जगह निवेश किया। इतना ही नहीं जांच एजेंसी ने दावा किया है कि कांटा में जो कांग्रेस कार्यालय बना है वह भी इसी घोटाले के पैसे से बनाया गया है। इसलिए उस कार्यालय को भी जब्त कर लिया गया है। इससे कांग्रेस पार्टी के लिए भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।
राजनीति में हलचल, जांच से और भी खुल सकते हैं राज
इस मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को एक बार फिर गर्मा दिया है। बीजेपी लगातार कांग्रेस पर निशाना साध रही है और कह रही है कि यह सिर्फ एक मंत्री तक सीमित मामला नहीं है बल्कि पूरी सरकार इसमें शामिल थी। दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीतिक प्रतिशोध है और चुनावों से पहले उन्हें बदनाम करने की साजिश है। लेकिन EOW की जांच अभी खत्म नहीं हुई है और सूत्रों का मानना है कि आने वाले समय में और भी बड़े चेहरे इस घोटाले में बेनकाब हो सकते हैं। अब सभी की नजर अदालत और जांच एजेंसियों की अगली कार्रवाई पर टिकी है।