Chhattisgarh: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 22 जून को छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय दौरे पर पहुंच रहे हैं। इस दौरान वो नवा रायपुर अटल नगर में नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) और राज्य फॉरेंसिक लैब की आधारशिला रखेंगे। ये दौरा न सिर्फ राज्य के लिए एक बड़ी सौगात लेकर आ रहा है, बल्कि नक्सल विरोधी अभियानों को और मजबूती देने का भी मौका देगा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि शाह बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के एक कैंप का दौरा करेंगे और नक्सल विरोधी रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। ये दौरा छत्तीसगढ़ के विकास और सुरक्षा के लिए एक नया अध्याय शुरू करने वाला है। आइए, इस दौरे की पूरी कहानी को छह हिस्सों में समझते हैं।
अमित शाह 22 जून को नवा रायपुर अटल नगर में अपने दौरे की शुरुआत करेंगे। इस दिन वो नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (एनएफएसयू) के कैंपस और राज्य फॉरेंसिक लैब की आधारशिला रखेंगे। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि इसके लिए राज्य सरकार ने 40 एकड़ जमीन आवंटित की है, और केंद्र सरकार इस यूनिवर्सिटी को लगभग 400 करोड़ रुपये की लागत से बनाएगी। इसके ठीक बगल में 6 से 7 एकड़ जमीन पर राज्य फॉरेंसिक लैब भी बनेगी। ये दोनों संस्थान छत्तीसगढ़ में फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। विजय शर्मा ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ी सौगात बताया, क्योंकि ये नई आपराधिक कानूनों—भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)—के तहत फॉरेंसिक सबूतों को मजबूत करने में मदद करेंगे।
नक्सल विरोधी अभियानों पर जोर
23 जून को अमित शाह बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों के कैंप का दौरा करेंगे। बस्तर लंबे समय से नक्सलवाद से प्रभावित रहा है, और शाह का ये दौरा वहां के सुरक्षा हालात को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। वो रायपुर में एक हाई-लेवल मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, वरिष्ठ नौकरशाह, और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के शीर्ष अधिकारी शामिल होंगे। इस मीटिंग में नक्सल विरोधी अभियानों की प्रगति की समीक्षा होगी। विजय शर्मा ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार मिलकर नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमित शाह ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म कर दिया जाएगा। इस दौरे से इस लक्ष्य को और बल मिलेगा।
शहीद अकाश राव गिरपुंजे के परिवार से मुलाकात
इस दौरे के दौरान अमित शाह सुकमा जिले में 9 जून को नक्सलियों द्वारा लगाए गए प्रेशर बम के विस्फोट में शहीद हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अकाश राव गिरपुंजे के परिवार से भी मुलाकात करेंगे। इस घटना ने पूरे छत्तीसगढ़ को झकझोर कर रख दिया था। शाह का ये कदम न सिर्फ शहीद के परिवार को सम्मान देगा, बल्कि सुरक्षा बलों का हौसला भी बढ़ाएगा। विजय शर्मा ने कहा कि शाह का शहीद के परिवार से मिलना उनके बलिदान को सम्मान देने का एक तरीका है। साथ ही, ये इस बात का भी संदेश देता है कि सरकार अपने जवानों और उनके परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है। इस मुलाकात से बस्तर में तैनात सुरक्षा बलों में एक नया जोश भरेगा।
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ बड़ी कामयाबी
छत्तीसगढ़ में 2023 में बीजेपी सरकार के सत्ता में आने के बाद से नक्सल विरोधी अभियानों में तेजी आई है। जनवरी 2024 से अब तक 400 से ज्यादा नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जिनमें नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू जैसे बड़े नक्सली नेता भी शामिल हैं, जिन्हें 21 मई 2025 को बस्तर में मार गिराया गया। विजय शर्मा ने बताया कि राज्य में स्पेशल टास्क फोर्स बनाई जा रही है, और जल्द ही एक टोल-फ्री नंबर भी शुरू होगा, ताकि जनता अपनी शिकायतें और सुझाव दे सके। अमित शाह ने पहले भी नक्सलियों से हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि हर नक्सल-मुक्त गांव को 1 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाएं दी जाएंगी। इस दौरे में भी वो इस नीति को और मजबूत करेंगे।
फॉरेंसिक साइंस का भविष्य और छत्तीसगढ़ की भूमिका
एनएफएसयू का कैंपस छत्तीसगढ़ में फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में एक नया अध्याय शुरू करेगा। विजय शर्मा ने बताया कि इसका प्रवेश परीक्षा हो चुकी है, और इस साल से दाखिले शुरू हो जाएंगे। ये यूनिवर्सिटी न सिर्फ कुशल फॉरेंसिक प्रोफेशनल्स तैयार करेगी, बल्कि नए आपराधिक कानूनों को लागू करने में भी मदद करेगी। केंद्र सरकार ने 2020 में पहला एनएफएसयू स्थापित किया था, और अब देशभर में इसके 8 कैंपस काम कर रहे हैं, जबकि 8 और बनने की प्रक्रिया में हैं। अमित शाह ने कहा है कि ये संस्थान कानून-व्यवस्था को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएंगे। छत्तीसगढ़ में बनने वाली राज्य फॉरेंसिक लैब भी हर जिले में फॉरेंसिक वैन की सुविधा को बढ़ावा देगी, जिससे अपराधों की जांच में तेजी आएगी।
छत्तीसगढ़ के लिए एक नई शुरुआत
अमित शाह का ये दौरा छत्तीसगढ़ के लिए कई मायनों में खास है। नवा रायपुर में एनएफएसयू और फॉरेंसिक लैब की स्थापना से जहां राज्य में वैज्ञानिक और प्रशासनिक क्षमताएं बढ़ेंगी, वहीं बस्तर में नक्सलवाद के खिलाफ चल रहे अभियानों को नई ताकत मिलेगी। विजय शर्मा ने इसे छत्तीसगढ़ के लिए “नई ऊर्जा और आत्मविश्वास” का प्रतीक बताया। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी कहा कि केंद्र और राज्य की संयुक्त कोशिशों से नक्सलवाद को जल्द खत्म कर लिया जाएगा। शाह का दौरा न सिर्फ सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाएगा, बल्कि बस्तर के लोगों को भी विकास की मुख्यधारा से जोड़ने में मदद करेगा। ये दौरा छत्तीसगढ़ को नक्सल-मुक्त और विकसित भारत का हिस्सा बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।