Live Button LIVE

Bhopal Metro News: भोपाल मेट्रो की ऊंचाई बनी भारी वाहनों की मुसीबत! फिर से खोदी जा रही है सड़क

Bhopal Metro News: भोपाल मेट्रो की ऊंचाई बनी भारी वाहनों की मुसीबत! फिर से खोदी जा रही है सड़क

Bhopal Metro News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मेट्रो रेल परियोजना को विकास का प्रतीक माना जा रहा है, लेकिन एमपी नगर मेट्रो स्टेशन के निर्माण में हुई लापरवाही ने इस परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठा दिए हैं। एमपी नगर मेट्रो स्टेशन की ऊंचाई मात्र 5.5 मीटर रखी गई है, जो भारी और ऊंचे वाहनों के आवागमन के लिए अपर्याप्त है। इस कमी को छिपाने के लिए प्रशासन ने पिछले एक साल में चौथी बार सड़क को खोदने का काम शुरू किया है। इससे न केवल सड़क की स्थिति खराब हो रही है, बल्कि बारिश के मौसम में जलभराव की गंभीर समस्या उत्पन्न होने की आशंका भी बढ़ गई है। यह लेख भोपाल मेट्रो परियोजना में सामने आई इस समस्या, इसके कारणों, प्रभावों और संभावित समाधानों पर प्रकाश डालता है।

मेट्रो स्टेशन की ऊंचाई का मुद्दा

भोपाल के एमपी नगर मेट्रो स्टेशन की ऊंचाई सड़क की सतह से केवल 5.5 मीटर है, जो टाउन प्लानिंग और स्ट्रक्चर डिज़ाइन के मानकों के अनुसार कम है। टाउन प्लानिंग विशेषज्ञ सुयश कुलश्रेष्ठ के अनुसार, मेट्रो स्टेशन और सड़क के बीच कम से कम 6 मीटर की दूरी होनी चाहिए ताकि भारी वाहन, जैसे ट्रक और बसें, बिना किसी रुकावट के गुजर सकें। इस कमी के कारण एमपी नगर क्षेत्र में भारी वाहनों का आवागमन बाधित हो रहा है, जिससे यातायात जाम और अन्य समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। यह स्थिति न केवल स्थानीय निवासियों और व्यवसायियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है, बल्कि मेट्रो परियोजना की योजना और कार्यान्वयन पर भी सवाल उठा रही है।

प्रशासन का सड़क खोदने का निर्णय

एमपी नगर मेट्रो स्टेशन की कम ऊंचाई की समस्या को हल करने के लिए भोपाल प्रशासन ने सड़क को खोदकर उसका स्तर नीचे करने का निर्णय लिया है। पिछले एक साल में यह चौथा मौका है जब सड़क को खोदा जा रहा है। यह कदम निर्माण में हुई लापरवाही को छिपाने का प्रयास माना जा रहा है। हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि बार-बार सड़क खोदने से उसकी संरचना कमजोर हो रही है, और यह गड्ढे जैसी स्थिति में बदल सकती है। इसके अलावा, सड़क का स्तर नीचे करने से बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या और गंभीर हो सकती है, जिससे क्षेत्र में यातायात और जनजीवन प्रभावित होगा। यह स्थिति भोपाल मेट्रो परियोजना की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती है।

Bhopal Metro News: भोपाल मेट्रो की ऊंचाई बनी भारी वाहनों की मुसीबत! फिर से खोदी जा रही है सड़क

टाउन प्लानिंग में लापरवाही

टाउन प्लानिंग और स्ट्रक्चर डिज़ाइनर सुयश कुलश्रेष्ठ ने इस समस्या को इंजीनियरों की लापरवाही का परिणाम बताया है। उनके अनुसार, एमपी नगर मेट्रो स्टेशन का निर्माण शुरू होने के बाद से ही इस समस्या का पता चल गया था, लेकिन समय रहते इसे ठीक करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। अब जब स्टेशन का निर्माण अंतिम चरण में है, तो ऊंचाई बढ़ाने के लिए सड़क खोदने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। यह स्थिति न केवल तकनीकी लापरवाही को दर्शाती है, बल्कि परियोजना के नियोजन और प्रबंधन में कमी को भी उजागर करती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि प्रारंभिक योजना में मानकों का पालन किया गया होता, तो इस तरह की स्थिति से बचा जा सकता था।

मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का पक्ष

मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MPMRCL) के प्रबंध निदेशक एस. कृष्णा चैतन्य ने इस विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि मेट्रो स्टेशन का निर्माण भारतीय सड़क कांग्रेस (IRC) के निर्धारित मानकों के अनुसार किया गया है। उनके अनुसार, एमपी नगर मेट्रो स्टेशन की 5.5 मीटर की ऊंचाई नियमों के अनुरूप है और इससे भारी वाहनों के आवागमन में कोई रुकावट नहीं होगी। हालांकि, विशेषज्ञों और स्थानीय निवासियों का दावा है कि 5.5 मीटर की ऊंचाई भारी वाहनों, जैसे डबल-डेकर बसों या ऊंचे ट्रकों, के लिए अपर्याप्त है। MPMRCL का यह दावा विवाद को और जटिल बना रहा है, क्योंकि सड़क खोदने का काम इस दावे के विपरीत चल रहा है।

जलभराव और अन्य समस्याएं

सड़क को बार-बार खोदने का निर्णय न केवल सड़क की गुणवत्ता को प्रभावित कर रहा है, बल्कि यह भविष्य में जलभराव की गंभीर समस्या को भी जन्म दे सकता है। भोपाल में मानसून के दौरान पहले से ही कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या रहती है, और एमपी नगर जैसे व्यस्त व्यावसायिक क्षेत्र में सड़क का स्तर नीचे करने से यह समस्या और बढ़ सकती है। इसके अलावा, सड़क पर गड्ढों और निर्माण सामग्री के कारण ड्राइवरों और पैदल यात्रियों को पहले ही कई सम backslash परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय व्यवसायी सुresh शर्मा ने बताया कि रात के समय इस क्षेत्र में यात्रा करना विशेष रूप से खतरनाक है, क्योंकि सड़क पर प्रकाश की कमी और गड्ढों की वजह से दुर्घटना का खतरा बना रहता है।

भविष्य के लिए सबक

भोपाल मेट्रो परियोजना में एमपी नगर स्टेशन की ऊंचाई का विवाद भविष्य की परियोजनाओं के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है। यह दर्शाता है कि शहरी नियोजन और बुनियादी ढांचा विकास में तकनीकी मानकों का पालन और समय पर निगरानी कितनी महत्वपूर्ण है। मध्य प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन को इस मामले में पारदर्शिता बरतनी चाहिए और विशेषज्ञों की सलाह को गंभीरता से लेना चाहिए। भोपाल मेट्रो के प्राथमिकता कॉरिडोर का निर्माण अंतिम चरण में है, और इसे मार्च 2024 में खोलने की योजना थी, जो अब मार्च 2025 तक बढ़ गई है। इस देरी और एमपी नगर स्टेशन की समस्या ने परियोजना की समयबद्धता और गुणवत्ता पर सवाल उठाए हैं। भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए बेहतर योजना और समन्वय की आवश्यकता है।

Share:

WhatsApp
Telegram
Facebook
Twitter
LinkedIn