Bengaluru Stampede: बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम के गेट नंबर 6 पर उस वक्त अफरा तफरी मच गई जब आरसीबी की जीत का जश्न मनाने के लिए लाखों की भीड़ उमड़ पड़ी। यह जश्न कब मातम में बदल गया किसी को खबर तक नहीं हुई। करीब 2 से 3 लाख लोग स्टेडियम के बाहर जमा हो गए जबकि स्टेडियम की क्षमता केवल 35 हजार थी। लोग बेकाबू हो गए और गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश करने लगे जिससे भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 33 लोग घायल हैं और अलग अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
सरकार ने जिम्मेदारी टाली और राजनीति शुदसे का कारण
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं और 15 दिनों में रिपोर्ट सौंपने को कहा है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी भीड़ की किसी को उम्मीद नहीं थी। उन्होंने बताया कि भीड़ ने स्टेडियम के गेट तोड़ दिए जिससे भगदड़ की स्थिति बन गई। बेंगलुरु शहर की पूरी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया था फिर भी भीड़ काबू से बाहर हो गई। यह दिखाता है कि या तो सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं थे या फिर भीड़ नियंत्रण में रखने की योजना कमजोर रही।

राज्यपाल और प्रधानमंत्री ने जताया शोक लेकिन जनता नाराज
इस दर्दनाक हादसे पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक जताया है। लेकिन आम जनता और मृतकों के परिवारों में गुस्सा है। लोग पूछ रहे हैं कि क्या सरकार सिर्फ आरसीबी की जीत को भुनाने में लगी थी और लोगों की जान की परवाह नहीं की। सरकार ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है लेकिन सवाल अब भी कायम हैं कि क्या यह हादसा रोका जा सकता था। क्या इतने बड़े जश्न के लिए पहले से कोई ठोस योजना नहीं बनानी चाहिए थी।
आईपीएल चेयरमैन ने दिए बेहतर इंतजाम के संकेत
जब सरकार ने स्टेडियम प्रबंधन पर उंगली उठाई तो आईपीएल चेयरमैन अरुण धूमल ने सामने आकर कहा कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए बेहतर इंतजाम किए जाएंगे। उन्होंने यह भी माना कि व्यवस्था में खामी रही होगी जिसे सुधारने की जरूरत है। अब सरकार भीड़ को दोष दे रही है और विपक्ष सरकार को जिम्मेदार ठहरा रहा है लेकिन असली सच्चाई तो जांच के बाद ही सामने आएगी। फिलहाल यह हादसा पूरे देश के लिए एक सबक है कि उत्सव के नाम पर अव्यवस्था को कभी नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।