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Axiom-04 Mission: शुभांशु शुक्ला की उड़ान से गर्वित हुआ भारत, Axiom मिशन बना देश का गौरव

Axiom-04 Mission: शुभांशु शुक्ला की उड़ान से गर्वित हुआ भारत, Axiom मिशन बना देश का गौरव

Axiom-04 Mission: कई महीनों की लंबी प्रतीक्षा के बाद आखिरकार वो दिन आ गया, जिसका पूरे विश्व को बेसब्री से इंतजार था। आज, 25 जून 2025 को अमेरिका के फ्लोरिडा से चार अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए रवाना होंगे। इस ऐतिहासिक मिशन, जिसे Axiom-4 (एक्स-04) मिशन कहा जा रहा है, में भारत के गर्व, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी शामिल हैं। यह मिशन न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक बड़ा कदम है, क्योंकि यह भारत, पोलैंड और हंगरी के लिए 40 साल बाद पहला सरकारी मानव अंतरिक्ष मिशन है। शुभांशु के साथ इस मिशन में शामिल होने वाले अन्य अंतरिक्ष यात्री और उनके प्रयोग अंतरिक्ष अनुसंधान में नई दिशाएं खोलेंगे।

शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था। साल 2006 में उन्होंने भारतीय वायु सेना (आईएएफ) के फाइटर विंग में कदम रखा। एक अनुभवी युद्धक पायलट और टेस्ट पायलट के रूप में, शुभांशु ने सुखोई-30, मिग-21, मिग-29, जैगुआर, हॉक, डोर्नियर और एन-32 जैसे विमानों को उड़ाने का 2000 घंटे से ज्यादा का अनुभव हासिल किया। उनकी इस विशेषज्ञता ने उन्हें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की गगनयान मिशन के लिए चुना जाने वाला पहला अंतरिक्ष यात्री बनाया। 2019 में, उन्होंने रूस की राजधानी मॉस्को में रे गागरिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में एक साल की कठिन ट्रेनिंग पूरी की। 27 फरवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके नाम की घोषणा की, जिसने उनके सपनों को नई उड़ान दी।

Axiom-4 मिशन में चयन: शुभांशु की खुशी

शुभांशु शुक्ला के लिए Axiom-4 मिशन में शामिल होना किसी सपने के सच होने जैसा है। उन्होंने एक वीडियो में अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा, “मुझे फ्लोरिडा आने से सिर्फ एक हफ्ते पहले पता चला कि मैं इस मिशन का हिस्सा बनने जा रहा हूं। उस पल मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैं समझ ही नहीं पा रहा था कि इस मौके पर कैसे प्रतिक्रिया दूं।” 1984 में राकेश शर्मा के बाद शुभांशु भारत के दूसरे अंतरिक्ष यात्री होंगे, जो अंतरिक्ष में कदम रखेंगे। उनके लिए यह मिशन न केवल व्यक्तिगत उपलब्धि है, बल्कि देश के लिए गर्व का क्षण भी है। शुभांशु ने कहा, “यह यात्रा बहुत खास होने वाली है। मैं इस मिशन के जरिए भारत के युवाओं के लिए एक मिसाल कायम करना चाहता हूं और बच्चों में अंतरिक्ष के प्रति जिज्ञासा जगाना चाहता हूं।”

मिशन की कमांडर पेगी व्हिटसन की तारीफ

Axiom-4 मिशन की कमांडर पेगी व्हिटसन, जो नासा की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और Axiom Space की मानव अंतरिक्ष उड़ान निदेशक हैं, ने शुभांशु की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा, “शुभांशु को ड्रैगन कैप्सूल में हमारा पायलट बनाना एक सुखद अनुभव है। ऑपरेशंस और खासकर तकनीक के मामले में उनसे बेहतर कोई नहीं है।” पेगी का यह बयान शुभांशु की मेहनत और प्रतिभा को दर्शाता है। इस मिशन में उनके साथ पोलैंड के स्लावोश उज्नान्स्की-विस्निव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु भी शामिल हैं। यह चारों अंतरिक्ष यात्री मिलकर आईएसएस में 60 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें से कई भारत के लिए अनोखे और महत्वपूर्ण होंगे।

Axiom-4 मिशन का महत्व और प्रयोग

Axiom-4 मिशन नासा, इसरो, Axiom Space और SpaceX का एक संयुक्त प्रयास है, जो अंतरराष्ट्रीय सहयोग का शानदार उदाहरण है। यह मिशन 25 जून 2025 को दोपहर 12 बजे (भारतीय समयानुसार) फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च होगा। SpaceX का फाल्कन 9 रॉकेट और ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट इन चारों अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर आईएसएस की ओर रवाना होगा। 26 जून को शाम 4:30 बजे (भारतीय समयानुसार) यह स्पेसक्राफ्ट आईएसएस के साथ डॉक करेगा। इस मिशन में शामिल प्रयोगों में माइक्रोग्रैविटी में फसलों की खेती, सायनोबैक्टीरिया की वृद्धि, मांसपेशियों की क्षति, और टार्डिग्रेड्स की जीवटता जैसे विषय शामिल हैं। ये प्रयोग भविष्य के अंतरिक्ष मिशनों और पृथ्वी पर जैव प्रौद्योगिकी के लिए नए रास्ते खोल सकते हैं।

भारत के लिए गर्व का पल

शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इसे “वसुधैव कुटुंबकम” का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह मिशन न केवल वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ाएगा, बल्कि भारत और विश्व के बीच सहयोग को भी मजबूत करेगा। शुभांशु ने अपने संदेश में कहा, “मेरे पास तिरंगा है, जो पूरे देश की एकजुटता का प्रतीक है। अगर मेरी कहानी किसी एक व्यक्ति की जिंदगी में बदलाव लाती है, तो यह मेरे लिए सबसे बड़ी सफलता होगी।” यह मिशन भारत के गगनयान कार्यक्रम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की बढ़ती ताकत को दर्शाता है। शुभांशु की यह उड़ान 1.4 अरब भारतीयों के सपनों को अंतरिक्ष तक ले जाएगी।

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