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Russia-Ukraine war में मानवीयता की मिसाल! 1000 सैनिकों के शवों की अदला-बदली

On: July 17, 2025 4:14 PM
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Russia-Ukraine war में मानवीयता की मिसाल! 1000 सैनिकों के शवों की अदला-बदली
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Russia-Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच तीन साल से चल रहे युद्ध के दौरान एक मानवीय कदम ने दुनिया का ध्यान खींचा है। रूस ने यूक्रेन को उसके 1000 मृत सैनिकों के शव सौंप दिए हैं। यह कदम इस्तांबुल में हुए एक पुराने समझौते के तहत उठाया गया है। इस अदला-बदली को दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच मानवीयता की दिशा में एक अहम पहल माना जा रहा है। इस मौके पर रूस के वार्ताकार व्लादिमीर मेडिंस्की ने जानकारी दी कि यह निर्णय संवेदनशीलता के साथ लिया गया है।

सैनिकों को मिला सम्मानजनक अंतिम स्थान

व्लादिमीर मेडिंस्की ने कहा कि इस प्रयास का उद्देश्य इन सैनिकों को उनके देश की मिट्टी में सम्मान के साथ विश्राम देने का है। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध भले ही जारी हो पर इंसानियत और सम्मान सबसे ऊपर है। रूसी मीडिया आरटी के अनुसार इस प्रक्रिया के तहत यूक्रेन ने भी रूस को उसके 19 मृत सैनिकों के शव लौटाए हैं। यह आदान-प्रदान युद्ध के दौरान मारे गए सैनिकों के परिवारों के लिए एक सुकून भरा क्षण बनकर सामने आया है।

2022 का समझौता बना आधार

यह शवों की अदला-बदली इस्तांबुल में 2022 में हुई बातचीत का हिस्सा रही है। उस समय कई मानवीय समझौते किए गए थे जिनका उद्देश्य युद्ध पीड़ितों को राहत पहुंचाना था। यह अब तक की सबसे बड़ी शव-वापसी मानी जा रही है। इस पहल से यह संकेत मिला है कि युद्ध के बीच भी संवाद की एक पतली सी डोर अब भी बाकी है। हालांकि दोनों देशों के बीच ज़मीन पर लड़ाई अभी भी जारी है।

परिवारों को मिला राहत और सम्मान

हजारों यूक्रेनी सैनिकों के परिवार अपने अपनों के लौटने का वर्षों से इंतजार कर रहे थे। शवों की वापसी उन परिवारों के लिए किसी सम्मान और closure से कम नहीं है। हालांकि यूक्रेन की सरकार ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है पर कीव में आमतौर पर इस तरह की घटनाओं को राष्ट्रीय सम्मान और राहत की तरह देखा जाता है।

युद्ध अब भी जारी लेकिन उम्मीदें कायम

हालांकि यह मानवीय कदम एक सकारात्मक संकेत है लेकिन रूस-यूक्रेन युद्ध अभी भी थमा नहीं है। दोनों पक्षों के बीच संघर्ष की आग अब भी जल रही है। फिर भी इस प्रयास ने यह दिखा दिया कि दुश्मनी की आग में भी इंसानियत की चिंगारी बुझी नहीं है। उम्मीद है कि ऐसे कदम आगे भी शांति की दिशा में मदद करेंगे।

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