Amit Shah In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले का इरकभट्टी गांव, जो कभी नक्सलियों का गढ़ हुआ करता था, अब एक ऐतिहासिक पल का गवाह बनने जा रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह सोमवार, 23 जून 2025 को इस नक्सल प्रभावित इलाके में पहुंचने वाले हैं। उनका मकसद है गांव वालों से विकास के मुद्दों पर सीधी बात करना। पहले इस गांव में नक्सलियों की दहशत भरी पंचायतें हुआ करती थीं, लेकिन अब देश के गृहमंत्री यहां ग्रामीणों के साथ संवाद करेंगे। नारायणपुर जिला प्रशासन से लेकर बीएसएफ, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस ने उनके दौरे के लिए पुख्ता इंतजाम कर लिए हैं। गांव वालों में भी इस दौरे को लेकर जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है।
गृहमंत्री का स्वागत और गोटुल में संवाद
गृहमंत्री अमित शाह इरकभट्टी के पारंपरिक गोटुल में ग्रामीणों से मुलाकात करेंगे। गोटुल बस्तर की आदिवासी संस्कृति का एक खास हिस्सा है, जहां लोग इकट्ठा होकर बातचीत करते हैं। यहां वो गांव वालों से सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी बुनियादी सुविधाओं की मांग सुनेंगे। खास बात ये है कि ग्रामीण उन्हें बस्तर की आदिवासी परंपरा के मुताबिक स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं। वो अमित शाह को मांडिया पेज, यानी स्थानीय पारंपरिक पेय, भेंट करेंगे। ये स्वागत न सिर्फ उनकी संस्कृति का प्रतीक है, बल्कि ये भी दिखाता है कि गांव वाले अब सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तैयार हैं।
इरकभट्टी का बदलता चेहरा
कुछ साल पहले तक इरकभट्टी नक्सलियों का मजबूत गढ़ था। नक्सलियों के कहने पर गांव वाले किसी भी सरकारी योजना का खुलकर विरोध करते थे। लेकिन बीएसएफ कैंप खुलने के बाद से हालात काफी बदल गए हैं। नक्सली घटनाएं अब न के बराबर हो गई हैं। बीएसएफ के जवानों ने गांव वालों का भरोसा जीता है, जिसके चलते लोग अब खुलकर विकास की बात कर रहे हैं। बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि गृहमंत्री दोपहर करीब 12 बजे हेलिकॉप्टर से इरकभट्टी के बीएसएफ कैंप पहुंचेंगे। यहां वो न सिर्फ ग्रामीणों से बात करेंगे, बल्कि नक्सल मोर्चे पर तैनात जवानों से भी मुलाकात करेंगे।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
अमित शाह के दौरे को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। नारायणपुर जिले के सभी पुलिस कैंप और थानों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। बीएसएफ, आईटीबीपी और स्थानीय पुलिस के जवान हर पल की निगरानी कर रहे हैं। आईजी सुंदरराज ने बताया कि दौरे के दौरान कोई चूक न हो, इसके लिए हर स्तर पर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। ये इलाका अबुझमाड़ का हिस्सा है, जो नक्सलियों की गतिविधियों के लिए जाना जाता था। लेकिन हाल के सालों में सुरक्षा बलों ने इस इलाके में नक्सलियों की कमर तोड़ दी है। गृहमंत्री का दौरा इस बात का सबूत है कि अब सरकार और सुरक्षा बल इस इलाके में पूरी तरह हावी हैं।
नक्सलियों के खिलाफ बड़ी कामयाबी
इरकभट्टी वही इलाका है, जहां 21 मई 2025 को पुलिस और नक्सलियों के बीच एक बड़ी मुठभेड़ हुई थी। इस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने नक्सली सीपीआई के जनरल सेक्रेटरी बसवराजू को मार गिराया था, जिस पर डेढ़ करोड़ रुपये का इनाम था। इस कामयाबी के बाद अमित शाह ने बस्तर का दौरा किया था और जवानों का हौसला बढ़ाया था। तब उन्होंने वादा किया था कि वो जल्द ही इरकभट्टी के जवानों से मिलने आएंगे। अब उनका ये दौरा जवानों के लिए भी एक बड़ा प्रोत्साहन है। बस्तर में नक्सलियों के खिलाफ चल रही लड़ाई में ये मुठभेड़ एक मील का पत्थर साबित हुई थी। अमित शाह ने बार-बार कहा है कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सल मुक्त कर दिया जाएगा।
ग्रामीणों की उम्मीदें और भविष्य
गृहमंत्री के दौरे से इरकभट्टी के ग्रामीणों में नई उम्मीदें जगी हैं। वो चाहते हैं कि उनके गांव में बुनियादी सुविधाएं पहुंचें, ताकि उनके बच्चे पढ़-लिख सकें और गांव का विकास हो। सरकार की ‘नियद नेल्ला नारायण योजना’ जैसी योजनाएं इस इलाके में बदलाव ला रही हैं। अमित शाह का गोटुल में ग्रामीणों से सीधा संवाद इस बात का प्रतीक है कि सरकार अबुझमाड़ जैसे दूरदराज के इलाकों तक पहुंच रही है। जवानों का कहना है कि गृहमंत्री का दौरा उनके लिए गर्व का पल है। वहीं, ग्रामीणों का उत्साह बताता है कि अब वो नक्सलियों के डर से बाहर निकल चुके हैं और विकास की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं। ये दौरा न सिर्फ इरकभट्टी, बल्कि पूरे बस्तर के लिए एक नई शुरुआत का संदेश देता है।