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Amarnath Yatra 2025: डर नहीं श्रद्धा है साथ! ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में पहले ही दिन भीड़, श्रद्धालुओं का जोश देख प्रशासन भी चौंका

Amarnath Yatra 2025: डर नहीं श्रद्धा है साथ! ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन में पहले ही दिन भीड़, श्रद्धालुओं का जोश देख प्रशासन भी चौंका

Amarnath Yatra 2025 की शुरुआत 3 जुलाई से होने जा रही है लेकिन उससे पहले 30 जून से ऑफलाइन पंजीकरण शुरू कर दिया गया है। जिन श्रद्धालुओं ने ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, उनके लिए प्रशासन ने विशेष केंद्र बनाए हैं। पहले ही दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु पंजीकरण कराने पहुंचे जिससे केंद्रों पर लंबी कतारें लग गईं। रजिस्ट्रेशन केंद्रों में सबसे महत्वपूर्ण जम्मू के सरस्वती धाम में बनाए गए टोकन सेंटर को माना जा रहा है जहां बालटाल और पहलगाम दोनों रूट के लिए टोकन दिए जा रहे हैं।

डर नहीं, अब सिर्फ आस्था और आत्मविश्वास

हाल ही में पहलगाम हमले को लेकर चिंता व्यक्त की जा रही थी लेकिन पंजीकरण केंद्र पहुंचे श्रद्धालुओं के चेहरे पर डर नहीं बल्कि उत्साह साफ नजर आ रहा था। एक श्रद्धालु ने कहा, “इस बार डर नहीं है, सिर्फ उत्साह है। प्रशासन हमारे साथ है।” वहीं दूसरे श्रद्धालु ने कहा, “हम अमरनाथ बाबा पर विश्वास रखते हैं। आतंकवादी कुछ भी कर लें, हमें फर्क नहीं पड़ता। हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि जम्मू-कश्मीर जरूर आएं ताकि यह संदेश जाए कि हम उनके डर में नहीं जीते।”

सीआरपीएफ की सुरक्षा रणनीति सख्त और मजबूत

श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए CRPF ने जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-44) पर बहु-स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू की है। इस मार्ग से हजारों श्रद्धालु यात्रा के लिए गुजरते हैं। CRPF ने डॉग स्क्वॉड तैनात किए हैं, संवेदनशील इलाकों में हाईवे पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है और खासतौर पर उधमपुर सेक्टर पर विशेष नजर रखी जा रही है। यह सुरक्षा योजना यात्रियों की सुरक्षा को लेकर केंद्र और राज्य सरकार की गंभीरता को दर्शाती है।

प्रशासन की व्यापक तैयारियां

जम्मू साउथ के एसडीएम मनु हंसा ने बताया कि “हमने 3 रजिस्ट्रेशन सेंटर और दोनों रूट्स के लिए 6-6 टोकन सेंटर स्थापित किए हैं। हम सभी श्रद्धालुओं का स्वागत करते हैं।” 2 जुलाई को जम्मू बेस कैंप से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना होगा और 3 जुलाई से यात्रा आधिकारिक रूप से शुरू होगी। प्रशासन द्वारा यातायात, ठहरने और चिकित्सा की व्यवस्था भी पूर्ण रूप से की गई है।

मॉक ड्रिल से दिखाई तत्परता

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए रविवार को भारतीय सेना, CRPF, जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (JKSDRF) ने संयुक्त रूप से मॉक लैंडस्लाइड एक्सरसाइज की। यह ड्रिल समरौली और तोल्दी नाला जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में की गई जहां लैंडस्लाइड की आशंका रहती है। इसका उद्देश्य आपदा की स्थिति में फंसे वाहनों और घायल श्रद्धालुओं को समय पर मदद पहुंचाना था। सुरक्षा और राहत टीमों ने समन्वय के साथ रेस्क्यू और चिकित्सा सहायता का अभ्यास किया।

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