Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद, गुजरात में हुए भीषण विमान हादसे ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया है। इस हादसे ने कई घरों के सुनहरे सपनों को चकनाचूर कर दिया, और उनके अपनों को हमेशा के लिए छीन लिया। हादसे में मारे गए लोगों के शव लगातार उनके पैतृक गांवों में पहुंच रहे हैं, जहां उनकी अंतिम यात्रा निकाली जा रही है। इन अंतिम यात्राओं में ऐसा मंजर देखने को मिल रहा है, जो हर किसी की आंखें नम कर दे रहा है। ऐसा ही एक हृदयविदारक दृश्य मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले के जिगसौली गांव में शनिवार को देखने को मिला, जब एमबीबीएस छात्र आर्यन राजपूत को अंतिम विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग जमा हुए। इस दौरान हर किसी की आंखें नम थीं। आर्यन के गरीब पिता बार-बार बेहोश हो रहे थे, और मां भी बेसुध पड़ी थीं।
जिगसौली गांव में मातम, आर्यन का शव पहुंचा
आर्यन राजपूत, जो ग्वालियर का एक होनहार एमबीबीएस छात्र था, अहमदाबाद में हुए विमान हादसे का शिकार हो गया। उसका शव शुक्रवार देर रात जिगसौली गांव पहुंचा। शनिवार को पूरे गांव ने नम आंखों के साथ अपने इस लाल को अंतिम विदाई दी। आर्यन की मौत की खबर ने पूरे गांव को हिलाकर रख दिया। गांव के लोग, जो उसे एक उज्ज्वल भविष्य के रूप में देखते थे, इस हादसे से स्तब्ध थे। आर्यन के परिवार के लिए यह नुकसान असहनीय है, और गांव में हर तरफ सन्नाटा पसरा हुआ है।
अंतिम यात्रा में शामिल हुए सैकड़ों लोग
आर्यन की अंतिम यात्रा में सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। इस दौरान क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक साहब सिंह गुर्जर, बीजेपी ग्रामीण जिला अध्यक्ष प्रेम सिंह राजपूत, और कांग्रेस के प्रदेश महासचिव सुनील शर्मा सहित कई गणमान्य लोग मौजूद थे। सभी ने आर्यन को श्रद्धांजलि दी और उसके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। गांव के सरपंच पंकज सिंह करार ने बताया कि आर्यन की मौत ने पूरे गांव को गहरे दुख में डुबो दिया है। हर कोई उसे एक होनहार और मेहनती छात्र के रूप में याद कर रहा था, जिसने अपनी मेहनत से गांव का नाम रोशन करने का सपना देखा था।

हादसे का दर्दनाक मंजर
परिवार के अनुसार, आर्यन ने नीट परीक्षा पास करने के बाद अहमदाबाद के बीजे मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लिया था। वह दूसरे वर्ष का छात्र था। हादसे वाले दिन, 12 जून 2025 को, वह अपने हॉस्टल की मेस में दोस्तों के साथ खाना खाने गया था। उसी दौरान लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान हॉस्टल की इमारत से टकरा गया। इस हादसे में आर्यन गंभीर रूप से घायल हो गया था। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन कुछ घंटों बाद उसने दम तोड़ दिया। हादसे की खबर आर्यन के परिवार को देर रात तक नहीं दी गई थी। जब उसका शव गांव पहुंचा, तो परिवार सदमे में डूब गया।
घर पर पढ़कर पास की थी नीट परीक्षा
आर्यन के करीबी रिश्तेदार रघुवीर सिंह ने बताया कि वह गांव की उम्मीदों का सितारा था। आर्थिक तंगी के बावजूद, आर्यन ने बिना किसी कोचिंग के घर पर रहकर नीट की तैयारी की और 720 में से 700 अंक हासिल किए। इस शानदार प्रदर्शन के दम पर उसे बीजे मेडिकल कॉलेज में दाखिला मिला। रघुवीर ने बताया कि अहमदाबाद जाने के लिए आर्यन पहली बार ट्रेन में बैठा था, और यह उसके लिए एक सपने जैसा अनुभव था। किसी ने नहीं सोचा था कि जो लड़का ट्रेन में पहली बार बैठा, वह एक विमान हादसे का शिकार हो जाएगा। आर्यन का यह सफर गांव के लिए गर्व का विषय था, लेकिन अब यह दुख की कहानी बन गया।
सपने चूर, गांव में शोक की लहर
आर्यन की असामयिक मृत्यु ने पूरे जिगसौली गांव को सदमे में डाल दिया। उसकी अंतिम यात्रा में शामिल हर व्यक्ति की आंखों में आंसू थे। आर्यन और उसके गरीब माता-पिता की मेहनत की कहानी इस हादसे में खत्म हो गई। वह एक डॉक्टर बनकर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे गांव के लिए रोशनी ला सकता था। लेकिन अब सब कुछ खत्म हो चुका है। गांव के लोग अभी भी इस हकीकत को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। आर्यन के पिता रामहेट राजपूत, जो एक किसान हैं, ने अपने बेटे को डॉक्टर बनाने के लिए अपनी सारी ताकत झोंक दी थी। अब उनके सपने और उम्मीदें इस हादसे की भेंट चढ़ गए हैं। गांव में हर कोई आर्यन को याद कर रहा है, जो अपनी मेहनत और लगन से सबके लिए प्रेरणा था।