Ahmedabad Plane Crash: 12 जून 2025 को अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। लंदन जा रहा एयर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान, उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद मेघानीनगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक व्यक्ति ही जीवित बचा। इसके अलावा, विमान के बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल में गिरने से 24 और लोग मारे गए। इस त्रासदी ने कई परिवारों को गहरे सदमे में डाल दिया, जिनमें इंदौर का होरा परिवार भी शामिल है, जिसने अपनी बहू हरप्रीत कौर होरा को खो दिया। हरप्रीत अपने पति रॉबी के जन्मदिन के लिए लंदन जा रही थीं, लेकिन यह यात्रा उनकी आखिरी यात्रा बन गई।
हरप्रीत का लंदन जाना और अधूरी खुशियां
हरप्रीत कौर होरा, 30 वर्षीय एक आईटी प्रोफेशनल, बेंगलुरु में काम करती थीं। उनकी शादी 2020 में रॉबी होरा से हुई थी, जो लंदन में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। हरप्रीत के ससुराल इंदौर में हैं, जबकि उनका मायका अहमदाबाद में है। हरप्रीत ने अपने पति के जन्मदिन, जो 16 जून को था, को खास बनाने के लिए अपनी यात्रा की तारीख बदली थी। पहले उनकी योजना 19 जून को लंदन जाने की थी, लेकिन रॉबी के जन्मदिन को साथ मनाने के लिए उन्होंने 12 जून की फ्लाइट लेने का फैसला किया। परिवार के अनुसार, हरप्रीत इस यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित थीं और रॉबी के साथ यूरोप की सैर की योजना बना रही थीं।
आखिरी बातचीत: परिवार की ‘हैप्पी जर्नी’ की शुभकामनाएं
हरप्रीत के ससुराल के चाचा राजेश सिंह होरा ने बताया कि फ्लाइट पकड़ने से पहले परिवार ने हरप्रीत से बात की थी। परिवार के व्हाट्सएप ग्रुप में सभी ने उन्हें “हैप्पी जर्नी” की शुभकामनाएं दी थीं। उस समय किसी को नहीं पता था कि यह उनकी आखिरी बातचीत होगी। राजेश ने कहा, “हरप्रीत बहुत खुश थी। वह रॉबी के जन्मदिन और यूरोप की यात्रा को लेकर उत्साहित थी।” लेकिन उड़ान भरने के कुछ ही मिनटों बाद विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, और परिवार का यह खुशी का पल हमेशा के लिए दुख में बदल गया।

परिवार का दर्द और न्याय की मांग
हरप्रीत की मौत ने उनके ससुराल और मायके दोनों को गहरे दुख में डुबो दिया। उनके ससुर हरजीत सिंह होरा ने बताया कि हरप्रीत अहमदाबाद में अपने माता-पिता से मिलने आई थीं और करीब 15-20 दिन बाद लंदन लौट रही थीं। परिवार अब इस सदमे से उबरने की कोशिश कर रहा है। रॉबी, जो लंदन में हैं, अपनी पत्नी की मौत की खबर सुनकर भारत लौट रहे हैं। परिवार का कहना है कि वे इस हादसे की पूरी जांच चाहते हैं। वे जानना चाहते हैं कि आखिर यह हादसा क्यों हुआ और इसके लिए जिम्मेदार कौन है। परिवार की एकमात्र मांग है कि हादसे की सच्चाई सामने आए, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदी को रोका जा सके।
हादसे की जांच: ब्लैक बॉक्स और सवाल
हादसे की जांच के लिए भारत सरकार ने एक उच्च-स्तरीय समिति गठित की है, जिसकी अगुवाई केंद्रीय गृह सचिव करेंगे। इस समिति का उद्देश्य हादसे के कारणों का पता लगाना और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए दिशा-निर्देश तैयार करना है। विमान का एक ब्लैक बॉक्स, जो कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर से मिलकर बना है, बी.जे. मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल की छत पर मिला है। दूसरा ब्लैक बॉक्स अभी खोजा जा रहा है। ये ब्लैक बॉक्स हादसे के कारणों को समझने में महत्वपूर्ण साबित होंगे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, विमान ने उड़ान भरने के 30 सेकंड बाद ही जोरदार आवाज के साथ ऊंचाई खो दी और मेघानीनगर में एक इमारत से टकरा गया।
सामाजिक एकजुटता और भविष्य की उम्मीद
यह हादसा भारत के उड्डयन इतिहास में सबसे घातक हादसों में से एक है, जिसमें 265 लोगों की जान गई। एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति, विशवास कुमार रमेश, जो सीट 11ए पर बैठे थे, ने बताया कि विमान में अचानक जोरदार आवाज हुई और वह तुरंत दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गुजरात और केंद्र सरकार ने तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किए, जिसमें एनडीआरएफ, पुलिस और अग्निशमन दल शामिल थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के अगले दिन अहमदाबाद का दौरा किया और घायलों और एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति से मुलाकात की। होरा परिवार सहित सभी प्रभावित परिवार अब इस त्रासदी से उबरने की कोशिश कर रहे हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि जांच से सच सामने आएगा और भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।