Rahul Gandhi: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के दामाद और मशहूर कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा एक बार फिर कानूनी संकट में फंसते दिख रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुग्राम जमीन घोटाले से जुड़े मामले में उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए इसे राजनीतिक साजिश बताया है। राहुल गांधी ने ट्वीट में कहा कि पिछले दस वर्षों से वाड्रा को परेशान किया जा रहा है और यह नया हमला उसी सिलसिले का हिस्सा है।
ईडी ने जब्त की वाड्रा की करोड़ों की संपत्ति
इस मामले में ईडी ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की 43 अचल संपत्तियां जब्त कर ली हैं। साल 2008 में वाड्रा की कंपनी ने गुरुग्राम के शिकोपुर गांव में 3.53 एकड़ ज़मीन 7.5 करोड़ रुपये में खरीदी थी। आरोप है कि बिना कोई प्रोजेक्ट पूरा किए, उसी जमीन को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया गया। यह लेनदेन संदिग्ध माना गया और वाड्रा पर धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया है।
घंटों चली पूछताछ और बढ़ता दबाव
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा से 18 घंटे से भी ज्यादा पूछताछ की थी। इसके अलावा हरियाणा कांग्रेस के कई नेताओं से भी पूछताछ की गई थी। जांच एजेंसी का कहना है कि इस डील में कई कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी की गई और वाड्रा ने अपने प्रभाव का गलत इस्तेमाल करते हुए कमर्शियल लाइसेंस हासिल किया।
पूरा मामला क्या है?
1 सितंबर 2018 को गुरुग्राम पुलिस ने इस मामले में FIR दर्ज की थी। इसमें आरोप था कि वाड्रा ने अपनी कंपनी स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी के जरिए शिकोपुर गांव की जमीन धोखे से खरीदी और फिर उसे ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड को बेच दिया। इस सौदे में झूठे दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया और व्यक्तिगत प्रभाव का गलत इस्तेमाल करके कमर्शियल लाइसेंस लिया गया।
कोर्ट में दाखिल हुई चार्जशीट
16 जुलाई 2025 को ईडी ने वाड्रा की संपत्तियों को अस्थायी रूप से अटैच करने का आदेश जारी किया। इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग 37.64 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसके ठीक एक दिन बाद यानी 17 जुलाई को इस मामले में रॉबर्ट वाड्रा समेत 11 लोगों और संस्थानों के खिलाफ दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई है। अब इस केस की अगली सुनवाई की तारीख तय होगी और कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।