MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मोहर्रम के पवित्र मौके पर शहर के कई हिस्सों में लंगर का आयोजन किया गया। इसी कड़ी में मालवीय चौक पर भी एक समुदाय के लोगों ने लंगर वितरण का कार्यक्रम रखा। लेकिन इस आयोजन ने तब विवाद का रूप ले लिया, जब लंगर स्थल पर फिलिस्तीन के समर्थन में एक बड़ा बैनर लगाया गया। इस बैनर पर फिलिस्तीन का झंडा और उस पर “प्रे फॉर फिलिस्तीन” लिखा हुआ था। जैसे ही इस बैनर की जानकारी पुलिस को मिली, तुरंत कार्रवाई की गई और बैनर को हटा दिया गया। ये घटना सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई है, और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। इस मामले ने शहर में शांति और सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मोहर्रम और लंगर की परंपरा
मोहर्रम इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना है, जो शिया मुस्लिम समुदाय के लिए खास महत्व रखता है। इस दौरान हजरत इमाम हुसैन की शहादत को याद करते हुए ताजिया जुलूस और लंगर वितरण जैसे आयोजन किए जाते हैं। भोपाल में भी मोहर्रम के दौरान कई जगहों पर लंगर का आयोजन होता है, जिसमें सभी समुदाय के लोग हिस्सा लेते हैं। मालवीय चौक पर भी एक समुदाय ने लंगर वितरण का कार्यक्रम रखा, जिसमें खाने-पीने की चीजें बांटी जा रही थीं। ये लंगर न सिर्फ भाईचारे का प्रतीक है, बल्कि समाज में एकता और मदद की भावना को भी बढ़ावा देता है। लेकिन इस बार मालवीय चौक का ये आयोजन उस वक्त विवादों में घिर गया, जब वहां फिलिस्तीन के समर्थन में बैनर नजर आया।
बैनर पर क्या लिखा था?
मालवीय चौक पर लंगर वितरण के दौरान लगाए गए बैनर पर फिलिस्तीन का झंडा बना हुआ था, और इसके ऊपर अंग्रेजी में “प्रे फॉर फिलिस्तीन” लिखा था। इस बैनर को देखकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और इसकी जानकारी पुलिस को दी। सूचना मिलते ही पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और बैनर को जब्त कर लिया। पुलिस का कहना है कि इस तरह के बैनर बिना अनुमति के लगाना नियमों के खिलाफ है, और ये सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ सकता है। इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय लोगों का ध्यान खींचा, बल्कि सोशल मीडिया पर भी इसकी खूब चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसे अभिव्यक्ति की आजादी मान रहे हैं, तो कुछ इसे शांति भंग करने की कोशिश बता रहे हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
पुलिस अधीक्षक संपत उपाध्याय ने इस मामले को गंभीरता से लिया और आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज करने के निर्देश दिए। पुलिस ने बैनर को हटाने के साथ-साथ इसकी जांच शुरू कर दी है कि इसे किसने और क्यों लगाया। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि लंगर आयोजन के दौरान कुछ लोग इस बैनर के जरिए फिलिस्तीन के प्रति समर्थन जताना चाहते थे। पुलिस का कहना है कि बिना अनुमति के इस तरह के बैनर लगाना और संवेदनशील मुद्दों को सार्वजनिक स्थानों पर उठाना नियमों का उल्लंघन है। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया जा रहा है। पुलिस उन लोगों की पहचान कर रही है, जिन्होंने बैनर लगाया, और जल्द ही उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हिंदू संगठनों का गुस्सा
इस घटना के बाद हिंदू संगठनों ने तीखी प्रतिक्रिया जताई है। उनका कहना है कि मालवीय चौक जैसे व्यस्त और संवेदनशील इलाके में इस तरह के बैनर लगाना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि ये सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश भी है। हिंदू संगठनों ने पुलिस से मांग की है कि इस मामले में कड़ी कार्रवाई की जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। उनका आरोप है कि पुलिस और प्रशासन मोहर्रम जैसे त्योहारों के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने में सक्रिय रहता है, फिर भी इस तरह की गतिविधियां उनकी नजरों से कैसे बच गईं। संगठनों ने ये भी कहा कि कुछ लोग जानबूझकर फिलिस्तीन जैसे मुद्दों को उठाकर शहर में अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।
समाज में शांति की जरूरत
ये घटना भोपाल जैसे शांत और सौहार्दपूर्ण शहर के लिए एक चेतावनी है। मालवीय चौक शहर का एक व्यस्त और महत्वपूर्ण इलाका है, जहां हर दिन हजारों लोग आते-जाते हैं। ऐसे में वहां इस तरह के बैनर लगाना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि ये सामाजिक तनाव को भी बढ़ा सकता है। मोहर्रम का पर्व शांति, भाईचारे और इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का मौका है, लेकिन इसे विवादों में घसीटना ठीक नहीं है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वो स्टेशन, चौक और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करें। साथ ही, लोगों से भी अपील है कि वो संवेदनशील मुद्दों को सार्वजनिक तौर पर उठाने से बचें, ताकि शहर का माहौल शांत रहे। ये समय एकजुटता और आपसी समझ का है, न कि विवाद और तनाव का। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लेते हुए भविष्य में ऐसी लापरवाही नहीं होगी, और भोपाल का सौहार्द बरकरार रहेगा।