Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में गुरुवार शाम (3 जुलाई 2025) को एक शर्मनाक घटना सामने आई, जहां एक नशे में धुत युवक ने चांदनी चौक के पास ट्रैफिक विभाग की एक महिला कांस्टेबल के साथ बदतमीजी की। यह घटना कोतवाली थाना क्षेत्र में हुई, और इसने एक बार फिर नशे की वजह से बढ़ती गुंडागर्दी को उजागर कर दिया। महिला कांस्टेबल ने तुरंत इसकी सूचना कोतवाली पुलिस और अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी युवक को पकड़ लिया और उसे कोतवाली थाने ले गई। इस मामले ने स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है, खासकर उन महिलाओं में जो इस इलाके से रोजाना गुजरती हैं और पहले भी इस तरह की समस्याओं का सामना कर चुकी हैं।
आरोपी को पुलिस ने दबोचा
कोतवाली थाना प्रभारी ने इस मामले की जानकारी देते हुए बताया कि ट्रैफिक विभाग की महिला कांस्टेबल चांदनी चौक पर अपनी ड्यूटी निभा रही थी। इसी दौरान 23 साल का भूपेंद्र माली, जो हिकमीपारा का रहने वाला है, ने नशे में धुत होकर कांस्टेबल के साथ अभद्र व्यवहार शुरू कर दिया। उसने न केवल गलत भाषा का इस्तेमाल किया, बल्कि कांस्टेबल को अपमानित करने की कोशिश भी की। कांस्टेबल ने हिम्मत दिखाते हुए तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारियों और कोतवाली पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर भूपेंद्र को हिरासत में ले लिया और उसे थाने लाया गया। उसके खिलाफ भादंसं की धारा 351(1) (उपद्रव करने) के तहत मामला दर्ज किया गया और उसे शुक्रवार को स्थानीय कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने बताया कि भूपेंद्र के नशे में होने की पुष्टि के लिए उसका मेडिकल टेस्ट भी करवाया जा रहा है।
शराब की दुकान बनी मुसीबत
यह घटना जिस जगह हुई, वहां से कुछ ही कदम की दूरी पर एक शराब की दुकान है, जो इस इलाके में पहले से ही विवाद का कारण बनी हुई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस दुकान के आसपास हर रोज शराब खरीदने वालों की भीड़ जमा होती है, जिसके चलते महिलाओं और लड़कियों को आने-जाने में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई बार इस शराब की दुकान को हटाने की मांग उठ चुकी है, लेकिन प्रशासन ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। चांदनी चौक जैसे व्यस्त इलाके में शराब की दुकान की मौजूदगी न केवल सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह इस तरह की घटनाओं को भी बढ़ावा दे रही है। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि नशे में धुत लोग अक्सर अभद्र टिप्पणियां करते हैं, जिससे उनका बाहर निकलना मुश्किल हो गया है।
स्थानीय लोगों में गुस्सा
इस घटना के बाद स्थानीय लोगों में भारी गुस्सा है। कई महिलाओं और सामाजिक संगठनों ने पुलिस और प्रशासन से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है। कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि अगर शराब की दुकान को समय रहते हटा लिया जाता, तो शायद यह घटना न होती। स्थानीय निवासी रीना साहू ने कहा, “चांदनी चौक शहर का सबसे व्यस्त इलाका है। यहां शराब की दुकान की वजह से हर रोज नशे में लोग हंगामा करते हैं। हमारी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं।” इस घटना ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, खासकर तब जब महिला सुरक्षा की बात आती है। लोगों ने मांग की है कि शराब की दुकान को तुरंत हटाया जाए और इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नियमित पुलिस गश्त शुरू की जाए।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
कोतवाली पुलिस ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए भूपेंद्र माली को गिरफ्तार कर लिया। थाना प्रभारी ने बताया कि महिला कांस्टेबल की शिकायत के आधार पर तुरंत एक्शन लिया गया। भूपेंद्र के खिलाफ दर्ज मामले में पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या उसने पहले भी इस तरह की हरकत की थी। इसके अलावा, पुलिस ने चांदनी चौक और आसपास के इलाकों में नशे में उत्पात मचाने वालों के खिलाफ सख्ती बरतने का फैसला किया है। कोतवाली थाने के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस तरह की घटनाओं को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे। महिला कांस्टेबल के साथ बदतमीजी निंदनीय है, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषी को सजा मिले।” पुलिस ने यह भी कहा कि शराब की दुकान के आसपास नियमित चेकिंग शुरू की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
समाज और प्रशासन के लिए सबक
यह घटना न केवल एक व्यक्ति की बदतमीजी की कहानी है, बल्कि यह समाज और प्रशासन के लिए एक बड़ा सबक भी है। नशे की वजह से बढ़ती गुंडागर्दी और महिलाओं के खिलाफ अभद्र व्यवहार अब आम बात हो गई है। चांदनी चौक जैसे व्यस्त इलाके में शराब की दुकान का होना और वहां नियमित पुलिस गश्त की कमी इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रही है। यह घटना हमें यह भी सोचने पर मजबूर करती है कि महिला सुरक्षाकर्मियों को भी अपने कर्तव्य निभाते समय कितने खतरों का सामना करना पड़ता है। प्रशासन को चाहिए कि वह शराब की दुकानों को रिहायशी और व्यस्त इलाकों से हटाए और नशे के खिलाफ सख्त कदम उठाए। साथ ही, समाज को भी जागरूक होने की जरूरत है कि नशा न केवल व्यक्ति को बर्बाद करता है, बल्कि पूरे समाज के नैतिक और सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करता है। इस घटना के बाद लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन अब इस दिशा में ठोस कदम उठाएगा, ताकि जगदलपुर की सड़कें महिलाओं के लिए सुरक्षित हो सकें।