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Korba Accident: शराबी ड्राइवर ने ली दो की जान, चार वाहनों को मारी टक्कर, एक बाइक को 150 मीटर तक घसीटा

On: July 4, 2025 12:11 PM
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Korba Accident: शराबी ड्राइवर ने ली दो की जान, चार वाहनों को मारी टक्कर, एक बाइक को 150 मीटर तक घसीटा
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Korba Accident: छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में गुरुवार रात (3 जुलाई 2025) को एक दिल दहलाने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसमें दो लोगों की मौत हो गई और तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। यह हादसा सिविल लाइन थाना क्षेत्र में आईटीआई चौक से बुधवार चौक जाने वाली मुख्य सड़क पर हुआ। पुलिस के मुताबिक, कार ड्राइवर राहुल यादव नशे में धुत था और उसने तेज रफ्तार व लापरवाही से गाड़ी चलाई, जिसके चलते यह भयानक हादसा हुआ। पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर नशे में गाड़ी चलाने की गंभीर समस्या को उजागर कर दिया है। यह हादसा न केवल पीड़ित परिवारों के लिए त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए भी एक चेतावनी है।

हादसे की पूरी कहानी

हादसा गुरुवार रात करीब 9 बजे हुआ, जब राहुल यादव अपनी कार (रजिस्ट्रेशन नंबर CG12-BD-4567) को तेज रफ्तार से चला रहा था। उसने सबसे पहले आईटीआई चौक के पास एक स्कूटी को टक्कर मारी, जिसमें सवार दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद, उसने रफ्तार कम करने के बजाय और तेजी से गाड़ी चलाई और थोड़ा आगे जाकर एक बाइक को टक्कर मार दी। लेकिन उसकी लापरवाही यहीं नहीं रुकी। उसने पास ही साइकिल चला रहे एक व्यक्ति को भी टक्कर मार दी और फिर सामने से आ रही एक अन्य बाइक को इतनी जोर से ठोका कि वह बाइक करीब 100-150 मीटर तक कार के साथ घिसटती रही। इस हादसे ने सड़क पर अफरा-तफरी मचा दी और आसपास के लोग दहशत में आ गए।

गुस्साई भीड़ ने ड्राइवर को पीटा

हादसे के बाद मौके पर जमा हुई भीड़ का गुस्सा फट पड़ा। लोगों ने नशे में धुत ड्राइवर राहुल यादव को पकड़कर उसकी जमकर पिटाई कर दी। गुस्साए लोग उसे सजा देने पर उतारू थे, क्योंकि उसकी लापरवाही ने दो लोगों की जान ले ली थी। पुलिस को भारी मशक्कत के बाद राहुल को भीड़ से बचाकर हिरासत में लेना पड़ा। कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने बताया कि राहुल यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ भादंसं की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 279 (लापरवाही से गाड़ी चलाना) और मोटर वाहन अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। राहुल के नशे में होने की पुष्टि के लिए उसका मेडिकल टेस्ट भी करवाया जा रहा है। इस घटना ने स्थानीय लोगों में पुलिस और प्रशासन के प्रति भी गुस्सा पैदा किया है।

Korba Accident: शराबी ड्राइवर ने ली दो की जान, चार वाहनों को मारी टक्कर, एक बाइक को 150 मीटर तक घसीटा

दो लोगों की मौत, तीन की हालत गंभीर

इस हादसे में पांच लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे, जिन्हें तुरंत कोरबा के जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। दुर्भाग्यवश, इलाज के दौरान दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान 75 वर्षीय मोहम्मद इसराइल, जो पथरीपारा के निवासी थे, और 21 वर्षीय छोटेलाल साहनी, जो आईटीआई क्षेत्र के रहने वाले थे, के रूप में हुई है। बाकी तीन घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है, और उनकी हालत गंभीर लेकिन स्थिर बताई जा रही है। मृतकों के परिवारों में शोक की लहर है, और स्थानीय लोग इस हादसे से सदमे में हैं। छोटेलाल एक मजदूर परिवार से था और अपने घर का इकलौता कमाने वाला था, जिसके चलते उसके परिवार पर गहरी आर्थिक और भावनात्मक चोट पहुंची है।

नशे में ड्राइविंग का बढ़ता खतरा

यह हादसा नशे में गाड़ी चलाने की बढ़ती समस्या को फिर से सामने लाता है। कोरबा जैसे औद्योगिक शहर में सड़क हादसों की संख्या पहले से ही ज्यादा है, और नशे में ड्राइविंग इन हादसों का एक बड़ा कारण बन रहा है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, कोरबा में 2024 में अब तक 150 से ज्यादा सड़क हादसे हो चुके हैं, जिनमें से 30% मामलों में ड्राइवर नशे में पाया गया। इस हादसे ने स्थानीय प्रशासन पर सख्ती बरतने का दबाव बढ़ा दिया है। लोग मांग कर रहे हैं कि नशे में गाड़ी चलाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हो और नियमित चेकिंग की जाए। कोरबा सीएसपी भूषण एक्का ने कहा कि पुलिस अब नाकों पर सघन जांच अभियान चलाएगी और नशे में ड्राइविंग करने वालों के लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया तेज करेगी।

समाज और प्रशासन के लिए सबक

यह हादसा न केवल एक त्रासदी है, बल्कि समाज और प्रशासन के लिए एक बड़ा सबक भी है। नशे में गाड़ी चलाना सिर्फ एक कानूनी अपराध नहीं, बल्कि यह कई परिवारों की जिंदगी तबाह कर सकता है। मोहम्मद इसराइल और छोटेलाल साहनी की मौत ने उनके परिवारों को गहरे दुख में डुबो दिया है। इस घटना ने सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता की जरूरत को फिर से उजागर किया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि कोरबा में सड़क हादसों को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएं, जैसे ट्रैफिक सिग्नल की व्यवस्था, स्पीड ब्रेकर और रात में नियमित गश्त। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में नशे के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। यह हादसा हमें यह भी सिखाता है कि गुस्साई भीड़ का कानून अपने हाथ में लेना कोई हल नहीं है। पुलिस और प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समय रहते कदम उठाएं, ताकि भविष्य में कोई और परिवार इस तरह का दुख न झेले।

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