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MP News: मौत के बाद भी बीमा जिंदा! ग्वालियर-चंबल में जीवन ज्योति योजना में 2 लाख का बड़ा फर्जीवाड़ा

On: July 4, 2025 10:15 AM
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MP News: मौत के बाद भी बीमा जिंदा! ग्वालियर-चंबल में जीवन ज्योति योजना में 2 लाख का बड़ा फर्जीवाड़ा
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MP News: मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना (PMJJBY) में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसने प्रशासन और आम जनता को हैरान कर दिया। इस योजना के तहत मृत्यु के बाद 2 लाख रुपये का बीमा क्लेम पाने के लिए कुछ लोग मृतकों को जिंदा दिखाकर पहले प्रीमियम जमा कर रहे थे। ज्यादा से ज्यादा लोगों के नाम पर धोखाधड़ी करने के लिए मृत्यु का स्थान, यानी जिला और राज्य तक बदल दिया जाता था। इस घोटाले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाए गए, और इनके जरिए बीमा कंपनियों से राशि हासिल की गई। इस मामले में ग्रामीण क्षेत्रों के पंचायत सचिवों की मिलीभगत का भी खुलासा हुआ है। यह घोटाला इतना बड़ा है कि इसमें अब तक 1500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से ज्यादातर फर्जी पाए गए हैं, और इसका दायरा करोड़ों रुपये तक पहुंच सकता है।

फर्जी दस्तावेजों से बनाए गए मृत्यु प्रमाण पत्र

इस घोटाले का पर्दाफाश तब हुआ, जब ग्वालियर की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को फरवरी 2025 में एक शिकायत मिली। जांच शुरू होने पर अधिकारियों के होश उड़ गए। पता चला कि ग्वालियर-चंबल के जिलों में एक संगठित गिरोह सक्रिय है, जो खास तौर पर ग्रामीण इलाकों के लोगों को निशाना बनाता था। इस गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाए और इनके जरिए बीमा कंपनियों से सत्यापन करवाकर 2 लाख रुपये का क्लेम हासिल किया। जांच में सामने आया कि इस घोटाले में पंचायत सचिवों की अहम भूमिका थी, क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार इन्हीं के पास होता है। EOW की टीम ने भोपाल और ग्वालियर के रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) से मृत्यु प्रमाण पत्रों की जानकारी मांगी है, ताकि इस नेटवर्क का और पर्दाफाश किया जा सके। यह मामला उत्तर प्रदेश के संभल और रामपुर में सामने आए इसी तरह के घोटालों से भी जुड़ा हुआ दिख रहा है।

कई सालों से चल रहा था फर्जीवाड़ा

जांच में यह भी पता चला कि यह घोटाला कई सालों से चल रहा था। PM जीवन ज्योति बीमा योजना में बीमा राशि तभी मिलती है, जब मृत्यु से कम से कम एक महीने पहले बीमा करवाया गया हो। इस शर्त का फायदा उठाने के लिए गिरोह मृतकों को जिंदा दिखाकर पहले उनके नाम पर प्रीमियम जमा करता था, और फिर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाकर क्लेम ले लेता था। ग्रामीण क्षेत्रों में यह धोखाधड़ी ज्यादा हुई, क्योंकि वहां जागरूकता की कमी और पंचायत सचिवों की मिलीभगत ने इस काम को आसान बना दिया। EOW की जांच में अब तक 1500 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, और इनमें से ज्यादातर फर्जी पाए गए हैं। इस घोटाले की राशि करोड़ों में होने की आशंका है, और जांच आगे बढ़ने पर यह रकम और बढ़ सकती है। यह खुलासा न केवल बीमा योजना में खामियों को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीण प्रशासन की पारदर्शिता पर भी सवाल उठाता है।

PM जीवन ज्योति बीमा योजना की खासियत और चुनौतियां

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, जिसे 9 मई 2015 को शुरू किया गया था, गरीब और कम आय वाले लोगों के लिए किफायती बीमा योजना है। इसमें सिर्फ 436 रुपये के सालाना प्रीमियम पर 18 से 50 साल की उम्र के लोग बीमा करवा सकते हैं। सामान्य मृत्यु पर भी 2 लाख रुपये का क्लेम मिलता है, और प्रीमियम बैंक खाते से ऑटो-डेबिट होता है। इसके अलावा, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 20 रुपये के सालाना प्रीमियम पर 18 से 70 साल के लोग बीमा करवा सकते हैं, जिसमें दुर्घटना में मृत्यु पर 4 लाख रुपये का क्लेम मिलता है। लेकिन इस घोटाले ने इन योजनाओं के दुरुपयोग को उजागर किया है। 2021 में कोविड-19 संकट के दौरान भी इस योजना की खामियां सामने आई थीं, जब 30 दिन की क्लेम अवधि और दस्तावेजों की कमी के कारण कई परिवारों को लाभ नहीं मिल सका। इस घोटाले ने सरकार के लिए इन योजनाओं को और पारदर्शी बनाने की चुनौती खड़ी कर दी है।

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