PM Narendra Modi 2 से 9 जुलाई तक पांच देशों – घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया – की यात्रा पर बुधवार को रवाना हो गए। इस दौरान वे इन देशों के नेताओं से मुलाकात करेंगे, द्विपक्षीय रिश्तों को मजबूत करेंगे और वैश्विक मंचों पर भारत की स्थिति को और सशक्त बनाएंगे। सबसे पहले पीएम मोदी घाना पहुंचेंगे, जहां वे राष्ट्रपति जॉन ड्रामनी महामा के निमंत्रण पर जा रहे हैं। भारत और घाना के बीच ऐतिहासिक रिश्ते हैं, और घाना अफ्रीकी यूनियन और पश्चिम अफ्रीकी देशों के संगठन (ECOWAS) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पीएम ने कहा, “मैं घाना के साथ निवेश, ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा और विकास जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करूंगा।” वे घाना की संसद को भी संबोधित करेंगे, जो दोनों देशों के लोकतांत्रिक मूल्यों को दर्शाएगा। इसके बाद, पीएम त्रिनिदाद और टोबैगो जाएंगे, जहां वे राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालु और हाल ही में दूसरी बार प्रधानमंत्री बनीं कमला पर्सद-बिसेसर से मुलाकात करेंगे। भारत और त्रिनिदाद के बीच 180 साल पुराने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रिश्ते हैं। पीएम ने कहा, “यह यात्रा हमारे विशेष संबंधों को और मजबूत करेगी।”
घाना और त्रिनिदाद के बाद, PM Modi अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स पहुंचेंगे। यह 57 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री की अर्जेंटीना की पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी। वहां वे राष्ट्रपति हाविएर मिलेई से मुलाकात करेंगे और कृषि, महत्वपूर्ण खनिज, ऊर्जा, व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर जोर देंगे। पीएम ने कहा, “अर्जेंटीना लैटिन अमेरिका में हमारा महत्वपूर्ण आर्थिक साझेदार है।” यह यात्रा दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश के नए अवसर खोलेगी। भारत और अर्जेंटीना के बीच आर्थिक साझेदारी को और गहरा करने के लिए यह दौरा अहम साबित हो सकता है। भारत लैटिन अमेरिकी देशों के साथ अपने रिश्तों को और मजबूत करना चाहता है, और अर्जेंटीना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस मुलाकात से दोनों देशों के बीच तकनीकी और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को भी बढ़ावा मिलेगा। पीएम का यह दौरा भारत की वैश्विक कूटनीति को नई ऊंचाइयों तक ले जाने का एक और प्रयास है।
PM @narendramodi embarks on a five-nation visit to Ghana, Trinidad & Tobago, Argentina, Brazil and Namibia. pic.twitter.com/dukjtVAhs0
— PMO India (@PMOIndia) July 2, 2025
ब्राजील में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन और भारत-ब्राजील साझेदारी
अर्जेंटीना के बाद, पीएम मोदी 6 और 7 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन के बारे में पीएम ने कहा कि भारत उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। इस दौरान वे कई विश्व नेताओं से मुलाकात करेंगे और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करेंगे। ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को मजबूती से उठाएगा। इसके बाद, ब्रासीलिया में पीएम मोदी ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा के साथ भारत-ब्राजील साझेदारी को और मजबूत करेंगे। दोनों देश ऊर्जा, कृषि, रक्षा और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर काम करेंगे। पीएम ने कहा, “हम ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने के लिए मिलकर काम करेंगे।” यह दौरा भारत और ब्राजील के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेगा, जो दोनों देशों के लिए आर्थिक और सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi emplanes for Ghana.
This will be Prime Minister’s first-ever bilateral visit to Ghana. PM Modi will pay an official visit to Trinidad & Tobago (T&T) from July 03 – 04, 2025. PM Narendra Modi will visit Brazil from July 5 to 8 to participate… pic.twitter.com/fhLe4AeZQp
— ANI (@ANI) July 2, 2025
नामीबिया में साझा इतिहास और भविष्य का रोडमैप
पीएम मोदी की यात्रा का आखिरी पड़ाव नामीबिया होगा, जहां वे राष्ट्रपति डॉ. नेटुंबो नांदी डटवाह से मुलाकात करेंगे। भारत और नामीबिया के बीच औपनिवेशिक संघर्ष का साझा इतिहास है, जो दोनों देशों को करीब लाता है। पीएम नामीबिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगे और दोनों देशों के बीच सहयोग के लिए एक नया रोडमैप तैयार करेंगे। पीएम ने कहा, “यह यात्रा ग्लोबल साउथ के देशों के साथ भारत की दोस्ती को और गहरा करेगी, अटलांटिक के दोनों किनारों पर साझेदारी को मजबूत करेगी और ब्रिक्स, अफ्रीकी यूनियन, ECOWAS और CARICOM जैसे मंचों पर सहयोग को बढ़ाएगी।” इस दौरे से भारत और नामीबिया के बीच व्यापार, शिक्षा, और पर्यावरण जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ने की उम्मीद है। यह यात्रा भारत की उस नीति को दर्शाती है, जिसमें ग्लोबल साउथ के देशों के साथ मजबूत रिश्ते बनाना और वैश्विक मंचों पर उनकी आवाज को बुलंद करना शामिल है। यह दौरा भारत की कूटनीतिक ताकत को और मजबूत करने का एक और कदम है।