MP Jal Ganga Sanvardhan Abhiyan: मध्य प्रदेश में जल संरक्षण के क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम उठाया गया है, जब 30 जून, 2025 को खंडवा में जल गंगा संवर्धन अभियान का समापन हो रहा है। यह अभियान, जो 30 मार्च, 2025 को उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव द्वारा शुरू किया गया था, पानी की हर बूंद को बचाने और जल संसाधनों के प्रबंधन को मजबूत करने के उद्देश्य से चलाया गया। 90 दिनों के इस अभियान ने न केवल जल संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं, बल्कि यह भी दिखाया है कि तकनीकी नवाचार और सामुदायिक भागीदारी से बड़े पैमाने पर बदलाव संभव है। खंडवा में आयोजित वाटरशेड सम्मेलन इस अभियान की सफलता का उत्सव है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आभासी रूप से शामिल होंगे और अपना संबोधन देंगे।
अभियान का विवरण
जल गंगा संवर्धन अभियान ने मध्य प्रदेश में जल संरक्षण के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण अपनाया। इस अभियान के तहत, 57,207 जल संरक्षण कार्यों को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत 578.08 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया। इसके अतिरिक्त, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (पीएमकेएसवाई) के जलग्रहण विकास घटक के तहत 888 जल संरक्षण कार्य 63.46 करोड़ रुपये की लागत से पूरे किए गए। अभियान में तकनीकी नवाचारों का उपयोग किया गया, जैसे कि सिप्री और प्लानर सॉफ्टवेयर, जिन्होंने पानी के प्रवाह की दिशा का वैज्ञानिक विश्लेषण करके निर्माण कार्यों को अधिक प्रभावी बनाया। इसके अलावा, 20,955 पुराने जल संरक्षण कार्यों को भी पूरा किया गया, जिससे जल संसाधनों का पुनर्जनन हुआ।
खंडवा में वाटरशेड सम्मेलन
खंडवा में आयोजित वाटरशेड सम्मेलन इस अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह सम्मेलन न केवल अभियान की उपलब्धियों का उत्सव है, बल्कि जल संरक्षण के भविष्य के लिए एक रोडमैप भी प्रस्तुत करता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इस समारोह में 1518 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और भूमि पूजन करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभासी संबोधन इस आयोजन को और भी महत्वपूर्ण बनाता है, क्योंकि यह केंद्र और राज्य सरकारों के बीच जल संरक्षण के लिए साझा दृष्टिकोण को दर्शाता है। खंडवा का चयन इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इस क्षेत्र में घोड़ा पछाड़ नदी के पुनर्जनन जैसे कार्य किए गए हैं, जो जल संरक्षण के लिए एक मॉडल के रूप में उभरे हैं।
मध्यप्रदेश सरकार का संकल्प
अक्षय जल, सुरक्षित कलमुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में खंडवा में आयोजित हो रहा जल गंगा संवर्धन अभियान समापन समारोह एवं वॉटरशेड सम्मेलन
दिनांक-30 जून
स्थान- मंडी प्रांगण, खंडवा @DrMohanYadav51 @minmpwrd #CMMadhyaPradesh… pic.twitter.com/ajDt1hzJ1h— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 30, 2025
उद्घाटन होने वाली सिंचाई परियोजनाएं
इस समारोह में, चार प्रमुख सिंचाई परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा, जिनमें भाम राजगढ़ मध्यम सिंचाई परियोजना, बिहार सरोला बैराज, लाजेरा बैराज, और हपला दीपला बैराज माइनर सिंचाई परियोजना शामिल हैं। इन परियोजनाओं की कुल लागत 312.77 करोड़ रुपये है, और ये 21 गांवों के 7,260 किसानों को लाभ पहुंचाते हुए 8,557 हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई करेंगी। इसके अतिरिक्त, नर्मदा घाटी विकास विभाग की जावर माइक्रो लिफ्ट सिंचाई योजना का उद्घाटन होगा, जिसकी लागत 563.72 करोड़ रुपये है। यह योजना खंडवा जिले के 52 गांवों में 21,666 किसानों के लिए 26,000 हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई करेगी। ये परियोजनाएं किसानों की आजीविका को बेहतर बनाने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।
जल भंडारण संरचनाओं का जीर्णोद्धार
अमृत 2.0 योजना के तहत, शहरी विकास और आवास विभाग ने 50 करोड़ रुपये की लागत से 74 जल भंडारण संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया है। ये संरचनाएं पूरे मध्य प्रदेश में फैली हुई हैं और जल संरक्षण के साथ-साथ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता बढ़ाने में मदद करेंगी। इन संरचनाओं का उद्घाटन इस समारोह में होगा, जो जल प्रबंधन के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है। ये प्रयास न केवल पानी की कमी को कम करेंगे, बल्कि भूजल स्तर को बढ़ाने में भी सहायता करेंगे।
अभियान का प्रभाव
जल गंगा संवर्धन अभियान ने मध्य प्रदेश में जल संरक्षण के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। 90 दिनों में, 84,930 फार्म तालाबों का निर्माण किया गया, जो 77,940 के लक्ष्य से अधिक है। इसके अलावा, 1,283 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा रहा है, और 1,04,294 कुओं में रिचार्ज पिट्स बनाए गए हैं, जो 1,03,000 के लक्ष्य से अधिक है। मानसून की पहली बारिश में, इन फार्म तालाबों में पानी भरना शुरू हो गया है, और कुओं का पुनर्भरण भी शुरू हुआ है। यह पहली बार है कि मध्य प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में जल संरक्षण संरचनाएं इतने कम समय में बनाई गई हैं। सिप्री और प्लानर सॉफ्टवेयर के उपयोग ने इन कार्यों को वैज्ञानिक और कुशल बनाया है।
भविष्य की योजनाएं
जल गंगा संवर्धन अभियान की सफलता ने मध्य प्रदेश को जल संरक्षण के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में स्थापित किया है। भविष्य में, सरकार जल संरक्षण के लिए और अधिक परियोजनाएं शुरू करने की योजना बना रही है, जिसमें जल संरचनाओं के आसपास हरित पट्टियों का निर्माण शामिल है। अन्य राज्य, जैसे बिहार, राजस्थान और महाराष्ट्र, इस अभियान से प्रेरणा ले रहे हैं। तकनीकी नवाचारों, जैसे कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और जीआईएस-आधारित उपकरणों का उपयोग, ने परियोजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता सुनिश्चित की है। यह दृष्टिकोण अन्य क्षेत्रों में भी लागू किया जा सकता है, जिससे मध्य प्रदेश जल प्रबंधन में अग्रणी बन सकता है।