MP News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मोहर्रम से ठीक पहले एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरे शहर में हलचल मचा दी है। ऐशबाग रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर छह के पास बने ईरानी डेरे को ईरान के झंडों से सजा दिया गया है। इतना ही नहीं, वहां ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह अली खामेनेई और ईरानी सेना के प्रमुख नेताओं के बड़े-बड़े पोस्टर भी लगाए गए हैं। यह सब उस समय हुआ, जब हाल ही में ईरान और इजरायल के बीच कई दिनों तक चले युद्ध के बाद भोपाल में कुछ लोगों ने ईरान के समर्थन में रैली निकाली। इस घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तुरंत जांच शुरू कर दी है। आइए, इस पूरे मामले को और करीब से समझते हैं।
ईरानी झंडों का प्रदर्शन: विवाद की शुरुआत
भोपाल के ऐशबाग इलाके में रेलवे स्टेशन के पास बना ईरानी डेरा पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। इस डेरे को मोहर्रम से पहले ईरान के हरे-सफेद-लाल झंडों से सजाया गया है, जो सड़क से लेकर ओवरब्रिज तक लहराते दिख रहे हैं। इन झंडों के साथ-साथ आयतुल्लाह अली खामेनेई और ईरानी सेना के कमांडरों के विशाल पोस्टर भी लगाए गए हैं। यह सब उस समय हुआ, जब जून 2025 में ईरान और इजरायल के बीच 12 दिनों तक चले युद्ध के बाद ईरान ने युद्धविराम की घोषणा की थी। भोपाल में कुछ लोग इस युद्ध के बाद ईरान के समर्थन में खुलकर सामने आए, जिसने स्थानीय लोगों और सोशल मीडिया पर बहस छेड़ दी। इस घटना ने प्रशासन को भी सतर्क कर दिया, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द से जुड़ा मसला है।
ईरान-इजरायल युद्ध का पृष्ठभूमि और भोपाल में समर्थन
जून 2025 में ईरान और इजरायल के बीच हुआ युद्ध मध्य पूर्व में तनाव का एक बड़ा कारण बना। इस युद्ध में इजरायल ने ईरान के परमाणु ठिकानों और सैन्य अड्डों पर हमले किए, जिसमें 400 से अधिक लोग मारे गए, जबकि ईरान ने जवाबी हमलों में इजरायल पर 470 से ज्यादा बैलिस्टिक मिसाइलें और 1000 ड्रोन दागे, जिससे 24 लोगों की मौत हुई। इस युद्ध के बाद भोपाल में कुछ लोगों ने ईरान के समर्थन में रैली निकाली और डेरे पर ईरानी झंडे व पोस्टर लगाए। यह रैली और झंडे न केवल मोहर्रम की तैयारियों से जुड़े थे, बल्कि ईरान के प्रति समर्थन जताने का एक तरीका भी माने जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर इन तस्वीरों के वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा और सवाल उठने लगे कि भारत में किसी विदेशी देश के प्रति इतना खुला समर्थन क्यों?
सोशल मीडिया पर हंगामा और जनता की प्रतिक्रिया
जैसे ही रेलवे स्टेशन के पास ईरानी डेरे पर झंडों और खामेनेई के पोस्टरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर फैलीं, लोगों ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। कई यूजर्स ने इसे भारत के हितों और सनातन मूल्यों का अपमान बताया। एक यूजर ने लिखा, “भोपाल अब कट्टरपंथी एजेंडे का अड्डा बन रहा है?” दूसरे ने सवाल उठाया कि प्रशासन को यह सब दिखाई क्यों नहीं दे रहा। कुछ लोगों ने इसे मोहर्रम की धार्मिक तैयारियों से जोड़ा, लेकिन अधिकांश ने इसे ईरान-इजरायल युद्ध के संदर्भ में देखा और इसे भारत में विदेशी राजनीति का प्रचार माना। सोशल मीडिया पर यह मांग भी उठी कि सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। इन पोस्टरों और झंडों ने न केवल स्थानीय लोगों, बल्कि पूरे देश में चर्चा का माहौल बना दिया।
प्रशासन की त्वरित कार्रवाई और जांच शुरू
इस घटना की जानकारी मिलते ही भोपाल प्रशासन हरकत में आ गया। जिला प्रशासन और पुलिस ने तुरंत इस मामले की जांच शुरू की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि ये झंडे और पोस्टर किसने और क्यों लगाए। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या यह केवल मोहर्रम की धार्मिक तैयारियों का हिस्सा है या इसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा है। ईरान-इजरायल युद्ध के संदर्भ में यह मामला और संवेदनशील हो जाता है, क्योंकि भारत की विदेश नीति तटस्थता पर आधारित है। प्रशासन ने साफ किया कि वह इस मामले को गंभीरता से ले रहा है और किसी भी तरह की गैर-कानूनी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भोपाल पुलिस ने स्थानीय लोगों से भी अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों पर ध्यान न दें।
क्या कहता है यह विवाद और भविष्य की दिशा
यह पूरा मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि भारत जैसे विविधतापूर्ण देश में धार्मिक और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का मिश्रण कितना संवेदनशील हो सकता है। मोहर्रम एक महत्वपूर्ण धार्मिक अवसर है, लेकिन इसके बहाने किसी विदेशी देश के प्रति खुला समर्थन दिखाना सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बन सकता है। प्रशासन की जांच से यह स्पष्ट होगा कि क्या यह केवल धार्मिक उत्साह था या इसके पीछे कोई और मंशा। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि जनता की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों से कोई समझौता नहीं होगा। भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सख्त निगरानी और नियमों की जरूरत है। यह घटना हमें यह भी सिखाती है कि हमें अपने देश की एकता और संप्रभुता को सबसे ऊपर रखना चाहिए।