MP News: मध्य प्रदेश के मैहर जिले में नेशनल हाइवे-30 (NH-30) पर बदमाशों ने खुलेआम आतंक मचाया। बुधवार, 25 जून 2025 की शाम करीब 6 बजे अमरपाटन के ओडकी टोल प्लाजा पर नकाबपोश अपराधियों ने जमकर उत्पात मचाया। इन बदमाशों ने टोल कर्मचारियों पर हमला किया, तोड़फोड़ की, और लूटपाट को अंजाम दिया। इस हमले में कई टोल कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है और हाइवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हमलावरों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। आइए, इस घटना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
बदमाशों का खौफनाक हमला
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, करीब 30 से 35 बदमाश 15 मोटरसाइकिलों पर सवार होकर ओडकी टोल प्लाजा पर पहुंचे। सभी ने अपने चेहरे ढक रखे थे, और उनकी बाइकों के नंबर प्लेट पर काला ग्रीस लगाया गया था ताकि उनकी पहचान न हो सके। जैसे ही ये बदमाश टोल प्लाजा पर पहुंचे, उन्होंने ताबड़तोड़ हमला शुरू कर दिया। टोल कर्मचारियों को लाठी-डंडों और अन्य हथियारों से पीटा गया। बदमाशों ने टोल बूथ, कंप्यूटर, और अन्य उपकरणों में तोड़फोड़ की। इसके बाद, उन्होंने टोल काउंटर से नकदी भी लूट ली। इस हमले की रफ्तार और संगठित तरीके से देखकर लगता है कि यह सुनियोजित था। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।
टोल कर्मचारियों का पीछा
हमले के बाद बदमाशों का आतंक यहीं खत्म नहीं हुआ। टोल कर्मचारियों ने अपनी जान बचाने के लिए वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन बदमाशों ने उनका पीछा किया। टोल कर्मचारियों ने अपनी गाड़ी तेजी से भगाई और पास के पुलिस स्टेशन में जाकर शरण ली। यह उनके लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं था। बदमाशों की इस बेखौफ हरकत ने साफ कर दिया कि वे किसी भी कीमत पर अपने मंसूबों को अंजाम देना चाहते थे। टोल कर्मचारियों की सूझबूझ और तेजी से लिए गए फैसले ने उनकी जान बचाई, लेकिन इस घटना ने हाइवे पर काम करने वालों के लिए खतरे की घंटी बजा दी है।
कई कर्मचारी गंभीर रूप से घायल
इस हमले में कई टोल कर्मचारियों को गंभीर चोटें आई हैं। कुछ कर्मचारियों को गहरे जख्म और चोटें आईं, जिन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया। इस तरह की हिंसा न केवल कर्मचारियों के लिए खतरनाक है, बल्कि उनकी मानसिक स्थिति पर भी गहरा असर डालती है। टोल प्लाजा जैसे जगहों पर काम करने वाले लोग पहले से ही कई तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं, और अब इस तरह की घटनाएं उनके लिए और डर पैदा कर रही हैं। इस हमले ने स्थानीय लोगों में भी दहशत फैला दी है, क्योंकि NH-30 एक व्यस्त हाइवे है, जहां रोजाना हजारों लोग सफर करते हैं। इस घटना ने हाइवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं।
पुलिस की कार्रवाई और जांच
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू कर दी। पुलिस ने टोल प्लाजा पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज अपने कब्जे में ले ली है और उसका विश्लेषण कर रही है। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि बदमाशों ने अपनी पहचान छिपाने के लिए खास तैयारी की थी। बाइकों के नंबर प्लेट पर ग्रीस लगाना और चेहरों को ढकना इस बात का सबूत है कि वे पकड़े जाने से बचना चाहते थे। पुलिस अन्य सबूतों, जैसे प्रत्यक्षदर्शियों के बयान और आसपास के इलाकों की जांच, के आधार पर हमलावरों की तलाश कर रही है। इस घटना ने पुलिस के सामने एक बड़ी चुनौती खड़ी की है, क्योंकि इतनी बड़ी संख्या में बदमाशों का इस तरह का हमला संगठित अपराध की ओर इशारा करता है।
हाइवे सुरक्षा और भविष्य की चिंताएं
यह घटना मध्य प्रदेश के हाइवेज पर बढ़ते अपराध और सुरक्षा की कमी को उजागर करती है। NH-30 जैसे व्यस्त हाइवे पर इस तरह की बेखौफ वारदात ने न केवल स्थानीय लोगों में डर पैदा किया है, बल्कि प्रशासन और पुलिस की तैयारियों पर भी सवाल उठाए हैं। टोल प्लाजा जैसे स्थान, जो राजस्व का अहम स्रोत हैं, वहां सुरक्षा की कमी चिंता का विषय है। यह घटना हाल की एक अन्य घटना से भी जुड़ती है, जहां मैहर के ताला क्षेत्र में पांच बदमाशों ने पुलिस की वर्दी में एक बुजुर्ग चरवाहे को पीटकर 35 बकरियां लूट ली थीं। ऐसी घटनाएं बताती हैं कि अपराधी अब ज्यादा संगठित और निडर हो रहे हैं। पुलिस को न केवल इस मामले के दोषियों को पकड़ना होगा, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हाइवे पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करना होगा।